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जमापूंजी से बना दिया देश का पहला कमर्शियल एयर क्रॉफ्ट, एक परीक्षण सफल, अगले दो के लिए मदद की दरकार
डिजिटल डेस्क, मुंबई। देश में बने पहले कमर्शियल एयर क्रॉफ्ट का परीक्षण सफल रहा है। इससे यह एयर क्रॉफ्ट बनाने वाले पायलट अमोल यादव बेहद खुश हैं, हालांकि अभी यादव की चुनौतियां खत्म नहीं हुईं हैं और परीक्षण के दो चरण और पूरे करने हैं। लेकिन अमोल को पूरा भरोसा है कि उनका एयर क्रॉफ्ट अगले दो चरणों को भी सफलता पूर्वक पास कर लेगा। फिलहाल उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती इस परीक्षण के लिए लगने वाला खर्च है। दैनिक भास्कर से बातचीत में यादव ने कहा कि मौजूदा एयर क्रॉफ्ट बनाने और पहले चरण के परीक्षण में मैंने अपनी सारी जमापूंजी खर्च कर दी है। यहां तक कि अपना घर भी गिरवी रख दिया है, लेकिन अब सरकार या कहीं और से आर्थिक मदद मिले बिना आगे बढ़ना बेहद मुश्किल होगा। यादव ने बताया कि बांद्रा कुर्ला काम्प्लेक्स में मैग्नेटिक महाराष्ट्र ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दौरान जब उन्होंने अपना सिक्स सीटर एयर क्रॉफ्ट प्रदर्शित किया था, तो सभी लोगों ने हौसला बढ़ाया था। राज्य सरकार ने हवाई जहाज बनाने वाली देश की पहली फैक्ट्री लगाने में मदद का वादा किया था। इसके लिए पालघर में 157 एकड़ जमीन देने का भी वादा किया गया था। एमआईडीसी ने 35 हजार करोड़ रुपए के निवेश का समझौता भी किया था, जिससे 10 हजार लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है, लेकिन इस वादे पर अभी तक सरकार की ओर से कई ठोस कार्यवाही नहीं हुई। यादव ने बताया कि उन्हें अधिकारियों ने कहा कि पहले विमान उड़ाकर दिखाइए फिर आगे की बात करेंगे। अब पहले चरण के सफल परीक्षण के बाद वे एक बार फिर सरकार से संपर्क करेंगे।
एक और बनाने की तैयारी
आर्थिक चुनौतियों के बावजूद अमोल का हौसला बरकरार है, वे इससे अलग एक और 19 सीटर जहाज बनाने की तैयारी में जुट गए हैं जिसकी देश को बेहद जरूरत है। अमोल ने बताया कि एयर क्रॉफ्ट का डिजाइन बनाने का काम पूरा हो चुका है जल्द ही इसे बनाने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी जाएगी।
दो चरण बाकी
यादव ने बताया कि पहले चरण में इस बात का परीक्षण हुआ कि विमान जमीन पर सीधे चल सकता है या नहीं, 180 डिग्री पर मुड़ सकता है या नहीं, धीमी और तेज रफ्तार में कोई समस्या तो नहीं होती, ब्रेक ठीक से काम करते हैं या नहीं, टेकऑफ के दौरान हवाई जहाज का संतुलन कैसा रहता है और रनवे पर उतरने के बाद विमान ठीक से रुकता है या नहीं। उन्होंने बताया कि अगले चरण में विमान को 2000 फुट की ऊंचाई पर उड़ाने और मोड़ने का परीक्षण किया जाएगा। इसके बाद तीसरे चरण में विमान को एक हवाई अड्डे से उड़ा कर दूसरे हवाई अड्डे पर उतारने का परीक्षण किया जाएगा। बात दें कि अमोल ने मुंबई स्थित अपने घर की छत पर ही साल 2016 में 6 लोगों के बैठने की क्षमता वाला विमान बनाया था। साल 2019 में डीजीसीए ने इसे उड़ाने की इजाजत दी थी।
Created On :   16 Aug 2020 6:47 PM IST