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सुनवाई नहीं लेने वाले निर्णय अधिकारी को कोर्ट का नोटिस
डिजिटल डेस्क, नागपुर. इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी एक्ट के तहत आने वाले विविध मामलों की सुनवाई के लिए राज्य के सूचना व प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव को निर्णय अधिकारी बनाया गया है। लेकिन निर्णय अधिकारी मामलों पर नियमित सुनवाई नहीं ले रहे हैं, नतीजतन आईटी से संबंधित मामले वर्षों से विचाराधीन हैं। इसी मुद्दे पर केंद्रित एक याचिका पर सुनवाई करते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने निर्णय अधिकारी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। शिक्षक सहकारी बैंक नागपुर ने हाईकोर्ट में यह याचिका दायर की है। याचिका में वकील महेंद्र लिमये ने दलील दी कि, बैंक द्वारा अप्रैल 2019 में दर्ज कराई गई एक शिकायत पर निर्णय अधिकारी ने अब तक सुनवाई नहीं ली है। शिकायत दर्ज कराए अब 4 साल का वक्त हो चला है। ऐसे कई मामले हैं जिस पर निर्णय अधिकारी सुनवाई नहीं ले रहे हैं, जबकि नियमानुसार इस प्रकार की शिकायतों पर 4 माह में फैसला आ जाना चाहिए।
पोस्टल कर्मियों ने किया आंदोलन
उधर नेशनल एसोसिएशन ऑफ पोस्टल एम्प्लाइज ग्रुप सी नागपुर शहर विभाग की ओर से नागपुर जीपीओ में मांगों के लिए आंदोलन किया गया। नई पेंशन योजना बंद कर पुरानी पेंशन योजना लागू करने, 18 महीने का बकाया महंगाई भत्ता देने, पांच दिन का सप्ताह पोस्टल कर्मचारियों को लागू करने सहित निजीकरण का विरोध किया गया।
आंदोलन में महाराष्ट्र इंटक के उपाध्यक्ष तानाजी वनवे, धनंजय राऊत, मिलिंद निपणकर, अजय शेंडे, किशोर कदम, नितीन मानकर, लखविंदर सिंह, आनंद पाचपोहार, अशोक ढोले, परीक्षित भराते, रवि अंबोने, बालाजी रिठे, गजानन धवांगले, सूरज मुसले आदि उपस्थित थे।
Created On :   30 March 2022 8:21 AM IST