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अदालतों के ग्रीष्मकालीन अवकाश में हो सकती है कटौती- फिलहाल दिल्ली हाईकोर्ट ने रद्द किया है अवकाश
डिजिटल डेस्क जबलपुर । कोरोना वायरस महामारी का असर इस साल हाईकोर्ट के ग्रीष्मकालीन अवकाश पर पड़ सकता है। लॉकडाउन के चलते अदालतें बंद होने की वजह से मप्र हाईकोर्ट में शनिवार 21 मार्च से मुकदमों की सुनवाई नहीं हो रही है। करीब पौने चार लाख लंबित मुकदमों और एक साल में अदालतों के कामकाज के दिनों के मद्देनजर कयास लगाए जा रहे हैं कि 18 मई से 12 जून तक चलने वाले ग्रीष्मकालीन अवकाश में कटौती की जा सकती है। फिलहाल दिल्ली हाईकोर्ट ने इस साल की गर्मी की छुट्टियों को रद्द करने का निर्णय लिया है और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने भी ऐसी ही माँग सीजेआई के समक्ष उठाई है। न्यायिक सूत्रों के अनुसार अदालतों में सुनवाई की मौजूदा व्यवस्था के अनुसार एक साल के 365 दिनों में से 206 दिन कामकाज होना अनिवार्य है। जानकारों का मानना है कि कामकाज के दिनों की भरपाई के लिए ग्रीष्मकालीन अवकाश में कटौती हो सकती है।
20 अप्रैल को हो सकता है फैसला: न्यायिक सूत्रों की मानें तो 18 और 19 अप्रैल को अवकाश की वजह से हाईकोर्ट में अवकाश है। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि आगामी सोमवार 20 अप्रैल या उसके बाद ग्रीष्मकालीन अवकाश को लेकर कोई निर्णय लिया जा सकता है। सूत्र बताते हैं कि लॉकडाउन की वजह से 28 दिनों के दौरान हाईकोर्ट के वार्षिक कैलेण्डर में 14 दिन अवकाश थे। ऐसे में फिलहाल 14 दिनों का नुकसान हुआ है।
Created On :   18 April 2020 2:37 PM IST