ग्रामीण इलाकों में ज्यादा बर्बाद हो रही कोविड वैक्सीन-  कोवैक्सिन ज्यादा हो रहा खराब

Covid vaccine getting wasted more in rural areas - Covaxin getting worse
ग्रामीण इलाकों में ज्यादा बर्बाद हो रही कोविड वैक्सीन-  कोवैक्सिन ज्यादा हो रहा खराब
महाराष्ट्र ग्रामीण इलाकों में ज्यादा बर्बाद हो रही कोविड वैक्सीन-  कोवैक्सिन ज्यादा हो रहा खराब

डिजिटल डेस्क, मुंबई। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए लगाए जा रहे कोवैक्सीन के टीके बड़े पैमाने पर बर्बाद हो रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक राज्य के ग्रामीण इलाकों में टीके खराब होने के सबसे ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। सबसे ज्यादा 5.38 फीसदी कोवैक्सीन के टीके आदिवासी बहुल जिले नंदुरबार में खराब हुई हैं। आंकड़ों से यह भी खुलासा हुआ है कि कोविशील्ड के मुकाबले कोवैक्सीन ज्यादा बर्बाद हो रहे हैं। राज्य को मिले टीकों में से औसत 2.36 फीसदी खराब हो रहे हैं लेकिन 33 जिलों में कोवैक्सीन के टीके औसत से ज्यादा खराब हो रहे हैं। आंकड़ों के मुताबिक नंदुरबार में सबसे ज्यादा टीके खराब हो रहे हैं और वहां सबसे कम आबादी का पूर्ण टीकाकरण हुआ है। 3 जून तक जिले के 18 साल से ज्यादा आयु के 51 फीसदी लोगों ने ही टीके की दोनों खुराक ली है जबकि 73.7 फीसदी लोगों ने टीके की कम से कम एक खुराक ले ली है। जिले में बरबाद होने वाले टीकों में से कोवीशील्ड के 0.75 फीसदी टीके ही हैं। स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी के मुताबिक एक दो लोग ही टीकाकरण के लिए आएं तो बाकी लोगों के आने का इंतजार करना पड़ता है क्योंकि शीशी खोलने के बाद टीका खुराक जल्द खत्म करनी होती है। अब टीकाकरण के लिए बेहद कम लोग आ रहे हैं तो कई बार एक दो लोगों के लिए भी शीशियां खोलनी पड़ती है क्योंकि और लोगों के आने की उम्मीद कम होती है। इसीलिए टीके ज्यादा खराब हो रहे हैं। कई बार टीके एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाने और रखने के दौरान भी तापमान ज्यादा होने के खराब हो जाते हैं। शीशी खुलने के बाद छह घंटे के भीतर टीके लगाने होते हैं। साथ ही 10 एमएल की शीशी से 20 लोगों को टीके की खुराक दी जाती है। नंदुरबार के बाद सातारा(5.28), बीड़(5.03), जालना(4.61), लातूर(4.25), गोंदिया(3.39), गडचिरोली(3.73) जिलों में भी भारी मात्रा में कोवैक्सीन की खुराक खराब हुई है। इसके अलावा कोविशील्ड की बात करें तो नाशिक(2.67), जालना(2.59), सतारा(2.52), गडचिरोली (2.42) और वाशिम (2.42) जिलों में सबसे ज्यादा खुराक बरबाद हुई है। कोविशील्ड की 5 एमएल की शीशी में 10 लोगों को टीके लगाए जा सकते हैं। वहीं हाल ही में जिस कोर्बेवैक्स को मंजूरी मिली है उसकी शीशिओं में भी 20 खुराक होते हैं।      

 

Created On :   8 Jun 2022 8:46 PM IST

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