कोरोना काल में परीक्षा देने पर डिग्री पर नहीं होगा कोविड का उल्लेख, बीएमसी स्कूलों की ऑनलाइन क्लास का लाभ ले सकेंगे सभी छात्र

Covid will not be mentioned on the degree of students
कोरोना काल में परीक्षा देने पर डिग्री पर नहीं होगा कोविड का उल्लेख, बीएमसी स्कूलों की ऑनलाइन क्लास का लाभ ले सकेंगे सभी छात्र
कोरोना काल में परीक्षा देने पर डिग्री पर नहीं होगा कोविड का उल्लेख, बीएमसी स्कूलों की ऑनलाइन क्लास का लाभ ले सकेंगे सभी छात्र

डिजिटल डेस्क, मुंबई। कोरोनाकाल में परीक्षाएं देने वाले विश्वविद्यालयों के अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों को पहले की तरह हीडिग्री का प्रमाणपत्र मिलेगा। डिग्रीप्रमाण पत्र पर कोविड-19 के संबंध में कोई उल्लेख नहीं होगा। प्रदेश के उच्च व तकनीकी शिक्षा मंत्री उदय सामंत ने यह स्पष्ट कर दिया है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी किसी भी तरह केभ्रम की स्थिति में न रहे। गुरुवार को सामंत की अध्यक्षता में श्रीमती नाथीबाई दामोदर ठाकरसी महिला विश्वविद्यालय में परीक्षा के संबंध में समीक्षा बैठक हुई। सामंत ने कहा कि अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों की परीक्षाओं के आयोजन की तैयारी विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के दिशानिर्देशों के आधार पर की गई है। विद्यार्थियों की सेहत का पूरी तरह से ध्यान रखते हुए परीक्षा प्रक्रिया पूरी की जाएगी।अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों की डिग्रीप्रमाण पत्र पर कोविड -19 के संबंध में उल्लेख नहीं होगा। विद्यार्थियों को पिछले वर्ष की तरह ही डिग्री प्रदान की जाएगी। इसमें कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। 

बीएमसी स्कूलों की ऑनलाइन क्लास का लाभ ले सकेंगे राज्य के अन्य जिलों के छात्र

वहीं मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) के स्कूलों की मुफ्त ऑनलाइन शिक्षा का लाभ अब राज्य के दूसरे जिलों के विद्यार्थी ले सकेंगे। मुंबई मनपा के ऑनलाइन क्लास में राज्य के दूसरे जिलों के कक्षा पहली से कक्षा दसवीं तक के विद्यार्थी प्रवेश ले सकेंगे। इसके लिए विद्यार्थियों को मुंबई मनपा की वेबसाइट पर ऑनलाइन दाखिले के लिए आवेदन करना पड़ेगा। गुरुवार को राज्य सरकार के स्कूली शिक्षा विभाग ने इस संबंध में शासनादेश जारी किया है। सरकार ने कहा है कि जो अभिभावक निजी स्कूलों की फीस नहीं भर सकते हैं उनके बच्चों को ऑनलाइन क्लास में प्रवेश के लिए मौका उपलब्ध कराया जाए। मुंबई मनपा के स्कूलों की तरफ से महाराष्ट्र बोर्ड (एसएससी), आईसीएसई और सीबीएसई पाठ्यक्रमों वाले विद्यार्थियों को ऑनलाइन पढ़ाया जाता है। इसके लिए जूम, गूगल क्लासरूम व व्हाट्सएप आदि का इस्तेमाल किया जाता है। मराठी, हिंदी, अंग्रेजी और उर्दू भाषा के कक्षा पहली से आठवीं तक के विद्यार्थियों को हर स्कूली दिवस पर सुबह 8 बजे से 45 मिनट का दोपीरियडऔर कक्षा नौवीं और दसवीं के विद्यार्थियों को चार पीरियडऑनलाइन पढ़ाया जाता है। दो पीरियड के बीच में 10 मिनट का ब्रेक दिया जाता है। विद्यार्थीऑनलाइन पढ़ाई केरिकॉर्डेड सेशन का वीडियो यूट्यूब पर भी देख सकेंगे। सरकार ने शिक्षा विभाग को विद्यार्थियों को पढ़ाई के लिए मुफ्त ऑनलाइन क्लास में प्रवेश की सुविधा के बारे में प्रचार और प्रसार करने को कहा है। 

विद्यार्थी ऐसे ले सकेंगे ऑनलाइन प्रवेश

ऑनलाइन क्लास में प्रवेश के लिए अभिभावकों अथवा विद्यार्थियों को मुंबई मनपा की वेबसाइटportal.mcgm.gov.inके मुख्य पृष्ठ पर जाकर ऑनलाइन प्रवेश के लिए आवेदन करना होगा। विद्यार्थियों के ऑनलाइन प्रवेश मंजूर होने के बाद उन्हें ऑनलाइन क्लास में उपस्थित रहने के लिए लिंक और पासवर्ड दिए जाएंगे। इसके बादविद्यार्थियों को ऑनलाइन क्लास में नियमित रूप से उपस्थित रहना पड़ेगा। जिस कक्षा में विद्यार्थी प्रवेश लेंगे उस कक्षा की सभी सूचनाओं और मूल्यांकन प्रक्रिया में हिस्सा लेना अनिवार्य होगा। विद्यार्थियों के लिएऑनलाइन क्लास सुविधा पूरी तरह से मुफ्त में दी जाएगी। विद्यार्थयों को पढ़ाई के परिणाम संबंधित प्रगतिपत्र अथवा ऑनलाइन क्लास में मौजूद रहने संबंधी प्रमाणपत्र दिया जाएगा। 

राज्य सरकार के फैसले का विरोध शुरू

राज्य के माध्यमिक स्कूलों के कक्षा पांचवीं की कक्षाओं को प्राथमिक स्कूलों को जोड़ने और कक्षा पांचवीं के शिक्षकों को समायोजित करने के राज्य सरकार के फैसले का विरोध शुरू हो गया है। भाजपा शिक्षक आघाड़ी ने राज्य सरकार के स्कूली शिक्षा विभाग के शासनादेश को रद्द करने की मांग की है। गुरुवार को मुंबई प्रदेश भाजपा शिक्षक आघाड़ी के संयोजक अनिल बोरनारे ने इस संबंध में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और राज्य की स्कूली शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड को पत्र लिखा है। बोरनारे ने कहा कि माध्यमिक स्कूलों के पांचवीं की कक्षाओं को प्राथमिक स्कूलों में जोड़ने के शासनादेश से शिक्षकों पर अतिरिक्त शिक्षक होने की तलवार लटकती रहेगी। इसके साथ ही कक्षा पांचवीं के शिक्षकों को विधान परिषद की शिक्षक निर्वाचन सीट के होने वाले चुनावों में मतदान से वंचित रहना पड़ेगा। बोरनारे ने कहा कि सरकार के इस फैसले से नई शिक्षा नीति और कानून का उल्लंघन होगा। कक्षा पांचवीं के शिक्षकों की नियुक्ति महाराष्ट्र निजी स्कूल कर्मचारी विनियम अधिनियम, 1977 व नियमावली 1981 के कानून के आधार पर माध्यमिक शिक्षक के रूप में की गई है। अब माध्यमिक शिक्षकों को प्राथमिक स्कूलों में समायोजित करना गैर कानूनी होगा। इससे पहले स्कूली शिक्षा विभाग ने बुधवार को शासनादेश जारी किया था जिसमें माध्यमिक स्कूलों के कक्षा पांचवीं की कक्षाओं को प्राथमिक स्कूलों में जोड़ने और कक्षा पांचवीं के शिक्षकों को समायोजित करने को सैद्धांतिक मंजूरी दी गई थी। सरकार ने कहा है कि शिक्षा का अधिकार कानून के तहत यह फैसला किया गया है। 
 

Created On :   18 Sept 2020 8:29 PM IST

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