अब घर बैठे कर सकेंगे कोरोना टेस्ट, 1 जून से बाजार में उपलब्ध होगी कोविसेल्फ, जानिए - डिपकोवैन किट की भी खासियत

Coviself will be available in the market from June 1
अब घर बैठे कर सकेंगे कोरोना टेस्ट, 1 जून से बाजार में उपलब्ध होगी कोविसेल्फ, जानिए - डिपकोवैन किट की भी खासियत
अब घर बैठे कर सकेंगे कोरोना टेस्ट, 1 जून से बाजार में उपलब्ध होगी कोविसेल्फ, जानिए - डिपकोवैन किट की भी खासियत

डिजिटल डेस्क, मुंबई। अब घर बैठे कोरोना जांच के लिए तैयार की गई किट को बाजार में उतारने से पहले कंपनी एक करोड़ यूनिट का स्टॉक रखना चाहती है। यह किट तैयार करने वाली कंपनी मायलैब डिस्कवरी सॉल्यूशन्स ने कहा है कि एक जून को राष्ट्रीय स्तर पर इस किट को बाजार में उताराजाएगा।इसके पहले कंपनी एक करोड़ यूनिट का भंडारण करेगी ताकि बाजार में इसकी किल्लत न हो। कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। 

पुणे की इसी कंपनी ने पिछले साल पहला स्वदेशी आरटी-पीसीआर किट भी तैयार किया था। घर में खुद से जांच सुविधा उपलब्ध कराने वाली इस किट को ‘कोविसेल्फ’ नाम दिया गया है। और यह संक्रमण के लक्षण दिखाने वाले मरीजों में 15 मिनट के भीतर जांच परिणाम दिखा सकता है। जांच क्षमता को बढ़ाने के क्रम में भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद(आईसीएमआर) ने बुधवार को  इस किट को मंजूरी दी थी।। इसकी प्रति यूनिट कीमत 250 रुपये है। इसके जरिए यह भी सुनिश्चित हो सकेगा कि मरीज जल्द से जल्द क्वारेंटाईन में रहना शुरू कर दे और संक्रमण का प्रसार इस तरह कम हो सके। 

इस कंपनी के सह-संस्थापक और निदेशक श्रीकांत पटोले ने बताया कि हम लोनावाला में अपने केंद्र में 10 लाख यूनिट का उत्पादन एक दिन में कर रहे हैं। अगले 10 दिन में हमारे पास एक करोड़ यूनिट बनकर तैयार जाएगी और तब इसे हम राष्ट्रीय स्तर पर एक जून को जारी करेंगे। इस भंडारण का मक़सद है कि जब यह जारी हो तो लोगों को उपलब्ध हो सके। उन्होंने बताया कि कंपनी के पास पर्याप्त मात्रा में इसके निर्माण से संबंधित कच्चा माल मौजूद है और अगले पखवाड़े तक रोजाना उत्पादन को 15 लाख यूनिट तक बढ़ाया जाएगा। 

डिपकोवैन किट स्वदेश में वैज्ञानिकों ने बनाई

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की प्रयोगशाला डिफेंस इंस्टीट्यूट ऑफ फिजियोलॉजी एण्ड एप्लायड साइंसेज (डीआईपीएएस) ने सीरो-निगरानी के लिए एंटीबॉडी पहचान आधारित किट "डिपकोवैन", डीपास-वीडीएक्स कोविड-19 IgG एंटीबॉडी माइक्रोवेल एलिसा विकसित की है। डिपकोवैन किट 97 प्रतिशत उच्च संवेदनशीलता और 99 प्रतिशत विशिष्टता के साथ सार्स सीओवी-2 वायरस के स्पाइक के साथ-साथ न्यूक्लियोकैप्सिड (एस एंड एन) प्रोटीन दोनों का पता लगा सकती है। किट नई दिल्ली की कंपनी वैनगार्ड डायग्नोस्टिक्स प्राइवेट लिमिटेड के सहयोग से विकसित की गई है। डिपकोवैन किट स्वदेश में वैज्ञानिकों द्वारा विकसित की गई है और बाद में दिल्ली में निर्दिष्ट अस्पतालों में 1,000 से अधिक मरीजों पर इसका परीक्षण किया गया है। उत्पाद के तीन बैचों पर सत्यापन का काम पिछले एक वर्ष के दौरान किया गया। इस किट को अप्रैल, 2021 में भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) द्वारा मंजूरी दी गई है।

इस उत्पाद को बिक्री और वितरण के लिए बनाने की नियामक मंजूरी मई 2021 में भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई), केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ), स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा दी गई है। डिपकोवैन का उद्देश्य मानव सीरम या प्लाज्मा में गुणात्मक दृष्टि से IgG एंटीबॉडी का पता लगाना है जो सार्स सीओवी-2 से संबंधित एंटीजेन लक्षित करता है। यह काफी तेज़ टर्न-अराउंड-टाइम प्रदान करता है क्योंकि अन्य बीमारियों के साथ किसी भी क्रॉस रिएक्टिविटी के बिना परीक्षण करने के लिए इसे केवल 75 मिनट की आवश्यकता होती है। किट की शेल्फ लाइफ 18 महीने की है। उद्योग साझेदार कंपनी वैनगार्ड डायग्नोस्टिक्स प्राइवेट लिमिटेड जून 2021 के पहले सप्ताह में किट को वाणिज्यिक रूप से लांच करेगी। लांच किए जाने के समय आसानी से उपलब्ध स्टॉक 100 किट (लगभग 10,000 जांच) का होगा और लांच के बाद इसकी उत्पादन क्षमता 500 किट/ प्रति माह होगी। 

 

Created On :   21 May 2021 8:19 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story