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बैण्ड वालों के सामने रोजी-रोटी का संकट, लॉकडाउन ने बढ़ाई मुसीबत
डिजिटल डेस्क जबलपुर । कोरोना संक्रमण के कारण लॉकडाउन क्या हुआ कि बैण्ड-बाजा व शहनाई वालों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया। लोगों की खुशियों में बैण्ड-बाजा बजाने वालों के सामने वर्तमान में दुखों का पहाड़ टूट रहा है। उनके पास एक के बाद एक संकट सामने आ रहा है। एक तो उनके पास आय का साधन नहीं तो दूसरी ओर भूख के साथ ही बच्चों व परिवार के सदस्यों को दवा की जरूरत पड़ जाए तो वह भी नहीं ले सकते हैं।
लाखों का नुकसान- बैण्ड वाले एक दिन में चार से पाँच बुकिंग लिया करते थे और सभी की टाइमिंग अलग-अलग हुआ करती थी। यही नहीं बैण्ड वालों की अलग-अलग टीमें हुआ करती थीं जिसके कारण वे चार से पाँच शादी में बैण्ड बजाते थे, पर लॉकडाउन के कारण जिनके यहाँ शादी होनी थी वह निरस्त हो गई, जिसके कारण बैण्ड पार्टी के लोगों को लाखों का नुकसान हुआ है।
तीन हजार से अधिक परिवार प्रभावित- बेन समाज की मानें तो बैण्ड पार्टी व शहनाई बजाने के काम में एक हजार से अधिक लोग लगे हुए हैं। हालत तो यह है कि एक सदस्य के पास लगभग पाँच से छह सदस्यों की जवाबदारी है और वे अब यह जिम्मेदारी निभाने में असफल हैं।
6 माह पहले से थी बुकिंग- बताया गया कि खर मास खत्म हो जाने के बाद 15 अप्रैल से शादियाँ शुरू हो जाती थीं पर इस बार मई व जून माह तक बुकिंग थी, पर सभी वैवाहिक कार्यक्रमों को स्थगित कर दिया गया। बुकिंग कैंसल होने के कारण धमाल पार्टी, पंजाबी ढोल, डीजे, बैण्ड बजाने वाले अपने घरों में कैद हो गए हैं।
70 से अधिक बैण्ड पार्टी- लकडग़ंज, फूटाताल, बेलबाग, लार्डगंज, मिलौनीगंज, दमोहनाका, काँचघर, लालमाटी, चुंगी चौकी, सदर, रांझी, शीतलामाई, रामपुर, गढ़ा, ग्वारीघाट में अनेक बैण्ड पार्टियाँ हैं और प्रत्येक बैण्ड पार्टी के पास 50 से 60 के बीच सदस्य होते हैं। बड़े बैण्ड वालों के पास सौ से अधिक सदस्य हुआ करते हैं।
Created On :   30 April 2020 3:43 PM IST