भाजपा-शिवसेना युति की आचोलना बाला साहेब का अपमान

Criticism of BJP-Shiv Sena alliance is an insult to Balasaheb -
भाजपा-शिवसेना युति की आचोलना बाला साहेब का अपमान
उद्धव के आरोप पर फडणवीस का पलटवार भाजपा-शिवसेना युति की आचोलना बाला साहेब का अपमान

डिजिटल डेस्क, मुंबई। विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के भाजपा के साथ गठबंधन में शिवसेना के 25 साल सड़ने वाले बयान पर पलटवार किया है। फडणवीस ने कहा कि साल 2012 तक शिवसेना और भाजपा के गठबंधन के नेता शिवसेना प्रमुख बालासाहब ठाकरे थे। बालासाहब ने अपने जीवन के आखिर तक भाजपा के साथ गठबंधन कायम रखा। इसका मतलब है कि मुख्यमंत्री अपने पिता बालासाहब के भाजपा के साथ गठबंधन बनाए रखने के फैसले पर उंगली उठा रहे हैं। यदि भाजपा के साथ गठबंधन में शिवसेना सड़ रही थी तो क्या बालासाहब ने शिवसेना को सड़ने दिया। फडणवीस ने कहा यह तो बालासाहब का अपमान है। 

सोमवार को प्रदेश भाजपा कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत में फडणवीस ने कहा कि शिवसेना जब भाजपा के साथ गठबंधन में थी तब स्थानीय निकायों के चुनाव में पहले अथवा दूसरे स्थान पर रहती थी। भाजपा का साथ छोड़ने के बाद शिवसेना हाल के नगर पंचायत चुनावों में चौथे स्थान पर पहुंच गई है। इसलिए मुख्यमंत्री को तय करना चाहिए कि शिवसेना किसके साथ रहकर सड़ी है। फडणवीस ने कहा कि शिवसेना के चौथे नंबर पर पहुंचने की कुंठा मुख्यमंत्री भाजपा पर निकाल रहे हैं। 

कागजी है शिवसेना का हिंदुत्व

फडणवीस ने कहा कि शिवसेना का हिंदुत्व कागज पर है। हिंदुत्व को जीना पड़ता है। शिवसेना के पैदा होने से पहले हम हिंदुत्ववादी हैं। उन्होंने कहा कि राम जन्म भूमि आंदोलन में कारसेवक और आरएसएस के विचार परिवार के लोग सक्रिय रूप से शामिल थे। हमने आंदोलन के दौरान गोली और लाठी खाई थी। शिवसेना के नेता तो केवल भाषण दे रहे थे? 

तब तो शिवसेना के सभी उम्मीदवारों को जमानत हुई थी जब्त

इसके पहले मुख्यमंत्री ठाकरे ने कहा था कि बाबरी विध्वंस की घटना के बाद देश में शिवसेना की लहर पैदा हो गई थी। यदि शिवसेना ने पूरे देश में चुनाव लड़ा होता तो शायद प्रधानमंत्री हमारा होता। इस पर फडणवीस ने कहा कि साल 1993 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में शिवसेना के 180 में से 179 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई थी। साल 1996 में उत्तर प्रदेश विधानसभा के चुनाव में शिवसेना के 24 में से 23 उम्मीदवार जमानत नहीं बचा पाए थे। साल 2002 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में शिवसेना के सभी 39 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई थी। 

औरंगाबाद-उस्मानाबाद का नाम नहीं बदल सकी शिवसेना 

फडणवीस ने कहा कि शिवसेना औरंगाबाद का नाम संभाजीनगर और उस्मानाबाद का नाम परिवर्तित करके धाराशिव नहीं कर पाई। लेकिन उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार ने इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज कर दिया है। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के मुद्दे पर शिवसेना की भूमिका दोहरी थी। फडणवीस ने कहा कि शिवसेना के स्थापना से पहले मुंबई में भाजपा के नगरसेवक और विधायक निर्वाचित हो चुके थे। साल 1984 में शिवसेना के उम्मीदवार मनोहर जोशी भाजपा के चुनाव चिन्ह पर लोकसभा चुनाव लड़ा था। फडणवीस ने कहा कि हम लोग बालासाहब की जयंती पर अभिमान से उनका नमन करते हैं। लेकिन कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने बालासाहब की जयंती पर एक ट्वीट तक नहीं किया। गांधी परिवार को ट्वीट करने में शर्म आती है। फिर भी सत्ता के लिए शिवसेना लाचार है। फडणवीस ने कहा कि प्रदेश में भाजपा अपने बलबूते पर सरकार बनाएगी। भाजपा ने कई चुनावों में दिखाया है कि अकेले लड़ने के बावजूद हम नंबर एक के दल हैं। मुख्यमंत्री के ईडी और सीबीआई का इस्तेमाल किए बिना अकेले चुनाव लड़ने की चुनौती देने के बयान पर फडणवीस ने कहा कि जांच एजेंसियां वहीं पर जांच करती हैं जहां चोरी हुई होगी। एक सवाल के जवाब में फडणवीस ने कहा कि दिल्ली में साल 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद से भगवा झंडा लहरा चुका है। 

 

Created On :   24 Jan 2022 10:47 PM IST

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