धान मिलिंग में करोड़ों का घोटाला, PMO ने मांगा प्रतिवेदन

Crores scam in paddy milling, PMO sought report regarding case
धान मिलिंग में करोड़ों का घोटाला, PMO ने मांगा प्रतिवेदन
धान मिलिंग में करोड़ों का घोटाला, PMO ने मांगा प्रतिवेदन

डिजिटल डेस्क, कटनी। धान मिलिंग में राइस मिल को गलत ढंग से धान आवंटन किए जाने की फाईल फिर से खुल गई है। दरअसल यह मामला छह वर्ष पुराना है, जब एक ही राइस मिल को गलत तरीके से धान आवंटन किया गया था। इसकी शिकायत स्थानीय स्तर पर की गई, मामला विधानसभा में भी पहुंचा। यहां पर संतोषजनक जवाब अफसर नहीं दे सके। बाद में इसकी शिकायत पीएमओ कार्यालय के जन शिकायत में की गई। पीएमओ ने कलेक्टर को शिकायत भेजते हुए प्रतिवेदन मांगा गया है। यह पूरा मामला करोड़ों के घोटाले का है।

यह रहा पूरा मामला
नागरिक आपूर्ति निगम के तत्कालीन अफसरों ने यह कारनामा वर्ष 2012-13 और 2013-14 में कर दिखाया। राजपाली इंडस्ट्रीज कटनी को वर्ष 2012-13 में 120.90 टन धान मिलिंग के लिए दिया गया। वर्ष 2013-14 में राजपलानी इंडस्ट्रीज क्रमांक 2 माधवनगर कटनी को 16120 टन था वर्ष 2013-14 में ही राजपलानी इंडस्ट्रीज बिलहरी कटनी को 40703 टन धान मिलिंग के लिए दिया गया। शिकायकर्ता ने आरोप लगाया था कि उक्त राइस मिल रीठी के बिलहरी में है। इसके बावजूद उसे अलग-अलग वर्ष में अलग-अलग जगहों में मिलिंग के लिए धान आवंटन किया गया, जिसमें अफसरों और मिलर्स की मिली भगत रही।

चावल का बड़ा खेल
कटनी में चावल को लेकर बड़ा खेल करने का काम अधिकारी करते थे। धान खरीदी के समय तो नियमों का पालन किया जाता था, लेकिन मिलिंग के बाद जब चावल मिलर्स से वापस लिया जाता, तो इसमें गुणवत्ता को दरकिनार कर दिया जाता। लेवी घोटाले में इस बात की पुष्टि भी हुई थी कि जितनी क्षमता राइस मिल की नहीं है। उससे कहीं अधिक चावल मिलिंग का काम किया है। शिकायत के बाद एडीएम ने जांच की, जिसमें बिजली खपत का जब मिलान किया गया, तो पाया कि जितनी खपत नहीं हुई है। उससे अधिक धान का मिलिंग राइस मिलर्स ने किया है।फिलहाल यह मामला आर्थिक अपराध शाखा में पड़ा हुआ है।

नप चुके हैं प्रबंधक
चावल सड़ाने के मामले में स्टेट वेयर हाउस के जिला प्रबंधक आर.के.शुक्ला को निलंबित किया जा चुका है। इसी तरह के खेल की संभावना उक्त राइस मिल के संबंध में भी जानकार बता रहे हैं। बताया जा रहा है कि खरीदी के समय ए-ग्रेड और बी-ग्रेड की धान केन्द्रों में खरीदी जाती है। इसी धान को मिलिंग के लिए भी मिलर्स को देते हैं। लेकिन जब धान-चावल बनकर गोदामों में पहुंचता है, तब उसकी गुणवत्ता बदल जाती है।

इनका कहना है
राजपलानी इंडस्ट्रीज में धान आवंटन के संबंध में शिकायत प्राप्त हुई है। नागरिक आपूर्ति निगम से जांच प्रतिवेदन मांगा गया है। इसके बाद आगे की कार्यवाही की जाएगी।
- रविकांत ठाकुर, सहायक आपूर्ति अधिकारी
 

Created On :   4 Jun 2019 8:42 AM GMT

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