गर्भवती महिला को खाट पर लिटाकर उफनती नदी पार की, फिर भी नहीं बचा पाए नन्ही जान

Crossed the overflowing river by laying the pregnant woman on the cot, yet could not save the little life
गर्भवती महिला को खाट पर लिटाकर उफनती नदी पार की, फिर भी नहीं बचा पाए नन्ही जान
गर्भवती महिला को खाट पर लिटाकर उफनती नदी पार की, फिर भी नहीं बचा पाए नन्ही जान



साल में चार महीने टापू बन जाती है 80 घरों की यह बस्ती
डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा।  दमुआ ब्लॉक के ग्राम टेकाढाना में गर्भवती महिला को अस्पताल पहुंचाने ग्रामीणों ने उसे खाट पर लिटाकर उफनती नदी पार की। जच्चा-बच्चा को बचाने के लिए चार ग्रामीणों ने अपनी जान जोखिम में डाली, लेकिन बदनसीबी यह रही कि बच्चे को नहीं बचाया जा सका। अस्पताल में भर्ती महिला का उपचार जारी है।
जानकारी अनुसार शहर से 99 किलोमीटर दूर दमुआ ब्लॉक की ग्राम पंचायत टेकाढाना है। इस ग्राम पंचायत से लगी भड़ंगा नदी गांव के बाहर से बहती है। नदी के पास इस गांव का एक टोला छीतलढाना बसता है। 70 से 80 घरों की यह बस्ती भड़ंगा नदी से तीनों तरफ से घिरी है। बारिश में यह बस्ती टापू बन जाती है। रविवार को भी बारिश के चलते उफनती नदी के कारण छीतलढाना टापू बन गया था। अमरलाल कायदा की बेटी पिंकी प्रसव पीड़ा से कराह रही थी। हालत बिगडऩे पर नदी के उस पार एम्बुलेंस की व्यवस्था भी हो चुकी थी। बस्ती के चार युवकों ने गंभीर महिला को खाट पर लिटाकर कंधे पर उठाया। उफनती नदी को पार कर महिला को रामपुर स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया गया। यहां से महिला को दमुआ अस्पताल रेफर किया गया था। यहां बच्चे को मृत अवस्था में बाहर निकाला गया। महिला फिलहाल अस्पताल में भर्ती है।
नहीं बचा पाए बच्चे को
दमुआ अस्पताल में पदस्थ चिकित्सक डॉ. संजय भटकर ने बताया कि पिंकी पिता अमरलाल कायदा को रविवार को गंभीर अवस्था में लाया गया था। बच्चे को नहीं बचाया जा सका। महिला की हालात अभी स्थिर है। संभवत: मंगलवार को उसे छुट्टी भी दे दी जाएगी।
इनका कहना है
॥बारिश के दिनों में यह बस्ती टापू बन जाती है। रविवार को भी अमरलाल की बेटी पिंकी को प्रसव पीड़ा हुई थी। एम्बुलेंस टेकाढाना तक पहुंची थी, नदी उफान पर थी तो ग्रामीण गर्भवती महिला को खाट पर उठाकर नदी पार लाए थे। यहां से उसे रामपुर स्वास्थ्य केंद्र ले गए थे, लेकिन बच्चा नहीं बच पाया।
-अरविंद साहू, सचिव, टेकाढाना पंचायत  
॥मेरे संज्ञान में आज ही यह मामला आया है। जानकारी जुटाई जा रही है। मैंने इस बसाहट को देखा है, नदी का पाट लगभग 109 मीटर चौड़ा होने के कारण बड़ा ब्रिज ही समस्या हल कर सकता है।
-सुरेंद्र साहू, जपं सीईओ जुन्नारदेव

 

Created On :   26 July 2021 11:35 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story