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Cyber attack : सिस्टम हैक करने की कोशिश के सबूत, मुंबई की बिजली गुल करने वायरस से की गई थी गड़बड़ी
डिजिटल डेस्क, मुंबई। पिछले साल 12 अक्टूबर को मुंबई में बिजली सप्लाई ठप होने के मामले में इस बात के सबूत मिले हैं कि वायरस के जरिए गड़बड़ी की कोशिश की गई थी। बुधवार को ऊर्जा मंत्री नितिन राऊत ने विधानमंडल के दोनों सदनों को इसकी जानकारी दी। राऊत ने कहा कि इस मामले की जांच के लिए गठित विशेषज्ञों की समिति को14 ट्रोजन हार्स महापारेषण के कंप्यूटर प्रणाली में दाखिल कर बिजली सप्लाई ठप करने के सबूत मिले हैं। इनमें से कुछ ट्रोजन हार्सेस का इस्तेमाल कर इससे पहले भी दुनियाभर में बिजली सप्लाई ठप करने की कोशिश की गई है। जांच में यह भी पता चला कि बिजली सप्लाई के लिए जरूरी आईटी और ओटी सर्वर के फायरवाल में ट्रोजन हार्सेस ने आसानी से प्रवेश कर लिया। कलवा स्थित राज्य भार प्रेषण केंद्र के सर्वर में स्थित फायरवाल के साइबर सिक्योरिटी ईकोसिस्टम को नुकसान पहुंचाने की क्षमता रखने वाले कोड और सॉफ्टवेयर प्रोग्राम भी दाखिल हुए थे। राऊत ने बताया कि एक मिनट से कम अवधि के 3 अलार्म आईटी सिस्टम से बजे थे लेकिन उस पर ध्यान नहीं दिया गया। यह साइबर हमले की ओर इशारा करता है। विदेश से विशेष संदेहास्पद, ब्लैकलिस्टेट इंटरनेट प्रोटोकॉल एड्रेस के जरिए बार-बार सिस्टम हैक करने की कोशिश के सबूत भी मिले हैं। क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों ने ऐसे आईपी एड्रेस को घातक बताया है। राऊत ने कहा कि इस आईपी एड्रेस के जरिए करीब 8 जीबी डेटा सर्वर में डालने या इससे निकालने की कोशिश की गई।
सिस्टम में होगा सुधार
राऊत ने बताया कि साइबर सेल ने अपनी रिपोर्ट में इंफर्मेशन टेक्नालॉजी और ऑपरेशनल टेक्नालॉजी को एक दूसरे से अलग करने, पासवर्ड मैनेजमेंट करने, वेब एप्लिकेशन सुरक्षा प्रणाली को आधुनिक करने, साइबर प्राणी बेहतर करने के सुझाव दिए हैं। दूसरी समितियों के भी सुझाव राज्य सरकार को मिल गए हैं और इनमें भी बिजली सप्लाई प्रणाली और तकनीक को बेहतर करने का सुझाव है। ऊर्जा मंत्री ने कहा कि सभी समितिओं के सुझाव का अध्ययन कर जरूरी कदम उठाए जाएंगे जिससे भविष्य में इस तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े।
Created On :   3 March 2021 9:28 PM IST