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साइबर पुलिस ने किया आगाह- बाढ़ संकट को भी बनाया जा रहा है ठगी का जरिया
डिजिटल डेस्क, मुंबई। कोंकण और पश्चिम महाराष्ट्र के कुछ जिलों में हाल ही में आई बाढ़ को भी साइबर अपराधियों ने ठगी का जरिया बना लिया है। बाढ़ पीड़ितों की मदद के नाम पर लोगों से ऑनलाइन आग्रह किया जा रहा है लेकिन असल में पैसे ठगों के निजी एकाउंट में जा रहे हैं। महाराष्ट्र साइबर पुलिस ने लोगों को आगाह किया है कि इस तरह किसी संस्था या व्यक्ति को पैसे देने से पहले उसकी वास्तविकता के बारे में जानकारी हासिल कर लें।
दरअसल राज्य के रायगढ, रत्नागिरी, ठाणे, कोल्हापुर, सातारा और सांगली जिलों में भारी बारिश के चलते लाखों परिवार मुसीबत में फंस गए। अगल-अलग हादसों में 200 से ज्यादा लोगों की जान चली गई और हजारों घर डूब गए हैं। कई सामाजिक संस्थाएं बाढ़ प्रभावित जरूरतमंदों की मदद कर रहीं हैं लेकिन कुछ ऐसे भी ठग हैं जिन्होंने इसे लोगों से पैसे ऐंठने का जरिया बना लिया गया है। महाराष्ट्र साइबर पुलिस ने सतर्कता संदेश (एडवाइजरी) जारी कर कहा है कि कुछ ठग फर्जी सामाजिक संस्थाएं बनाकर बाढ़ पीड़ितों की मदद के नाम पर लोगों से अवैध रुप से पैसे ऐंठ रहे हैं। पुलिस के मुताबिक ज्यादातर ठग संस्था के नाम पर मदद करने का दावा करते हैं लेकिन लोगों को ऑनलाइन अपने निजी खातों में पैसे ट्रांसफर करने को कहते हैं।
ऐसे होती है ठगी
आरोपी सबसे पहले फेसबुक, ट्विटर, यूट्यूब आदि पर सामाजिक संस्थाओं के नाम एकाउंट बनाते हैं। इसके जरिए वे लोगों से बाढ़ पीड़ितों की मदद की अपील करते हैं। इन एकाउंट से पैसे ऑनलाइन ट्रांसफर करने के लिए लिंक जोड़ देते हैं और लोगों से पैसे भेजने को कहते हैं। कई लोग इनके झांसे में फंस जाते हैं और यह मानकर कि उनकी दी हुई रकम बाढ़ पीड़ितों तक पहुंचेगी पैसे ट्रांसफर कर देते हैं।
ऐसे बरते सावधानी
साइबर पुलिस ने कहा है कि सोशल मीडिया पर प्राप्त होने वाले किसी भी संदेश पर आंख मूंदकर भरोसा न करें। पैसे देने से पहले इस बात की पूरी जांच कर लें कि जिस संस्था के नाम पर पैसे मांगे जा रहे हैं वह वास्तविक है या नहीं। साथ ही ऑनलाइन जिस एकाउंट में पैसे भेजने को कहा जा रहा है वह संस्था के नाम पर है या निजी व्यक्ति के। लोगों से अपील की गई है कि ठगी की किसी भी तरह की वारदात की शिकायत साइबर क्राइम डॉट जीओवी डॉट इन वेबसाइट पर करें।
Created On :   30 July 2021 7:15 PM IST