बिजली अधिकारियों के लिए दुधारू गाय साबित हो रहे डेयरी संचालक, दो साल में नहीं बना कोई भी बिजली चोरी का प्रकरण

Dairy operators proving to be milch cows for power officials, no electricity theft case in two years
बिजली अधिकारियों के लिए दुधारू गाय साबित हो रहे डेयरी संचालक, दो साल में नहीं बना कोई भी बिजली चोरी का प्रकरण
बिजली अधिकारियों के लिए दुधारू गाय साबित हो रहे डेयरी संचालक, दो साल में नहीं बना कोई भी बिजली चोरी का प्रकरण

डिजिटल डेस्क जबलपुर । शहर व आसपास के क्षेत्रों में चल रही डेयरियों में बिजली का जितना उपयोग हो रहा है उस लोड का आधा बिल भी इनसे नहीं वसूला जा रहा है। कारण यह है कि डेयरी संचालक बिजली अधिकारियों के लिए किसी दुधारू गाय से कम साबित नहीं हो रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि किसी भी डेयरी में प्रतिदिन का लोड लगभग 10 हजार वॉट से कम नहीं हैं। मगर लोड को आधा करने का जो खेल इन डेयरियों में खेला जा रहा है उसमें अच्छे-अच्छे फेल हैं। आश्चर्य जनक बात तो यह है कि बिजली कंपनी के चाहे क्षेत्रीय अधिकारी हों या फिर विजिलेंस विभाग इनके द्वारा पिछले दो साल में डेयरियों के खिलाफ कोई भी प्रकरण नहीं बनाया गया है। दो कमरों में रहने वाले लोगों के घरों में धड़ाधड़ बिजली चोरी के प्रकरण बनाने वाले ये अधिकारी आखिर डेयरियों के खिलाफ कार्रवाई करने से पीछे क्यों हट रहे हैं।
जब बिजली अधिकारी सोते है तब डेयरियों में कामकाज शुरू होता है
डेयरियों में चोरी की बिजली का धड़ल्ले से इसलिए उपयोग किया जाता है क्योंकि जब बिजली अधिकारी सोते है तब डेयरियों में कामकाज शुरू होता है। रात तीन बजे से डेयरियों में साफ-सफाई, जानवरों की धुलाई के साथ सभी काम प्रारंभ किए जाते हैं। इस दौरान मोटर पम्प से लेकर चारा कटाई की मशीनों का उपयोग किया जाता है। डायरेक्ट लाइन से ये उपकरण चलते हैं जिनमें बिजली का बड़ा लोड मीटर में जाने की बजाय सीधे एलटी लाइन की बिजली चोरी में चला जाता है और इसकी रीडिंग नहीं होती। सुबह होते-होते डेयरियों में कामकाज आधा होने पर इन बड़े उपकरणों का उपयोग भी कम हो जाता है। 
एलटी लाइन सामने है तो फिर क्या कहने
जानकारों की मानें तो अधारताल, पनागर, इमलिया, कंदराखेड़ा, सालीवाडा और बरेला सहित कटियाघाट में संचालित हो रही डेयरियों में सबसे ज्यादा मजे में वही डेयरी संचालक हैं जिनकी डेयरियों के सामने से एलटी लाइन गुजर रही है। दिन भर तो डेयरियों में ज्यादा बिजली का उपयोग होता नहीं है। शाम होते ही अधिकांश डेयरियों में एलटी लाइन से डारेक्ट तार खींचकर बिजली का उपयोग किया जाता है।
अधिकारियों की डेयरियों पर मेहरबानी
डेयरी संचालकों पर बिजली अधिकारियों की मेहरबानी किसी से छिपी नहीं है। मेहरबानी का अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि अधारताल क्षेत्र में दिसंबर 2019 में भारवृद्धि का प्रकरण बनाया गया था जिसमें 2 किलो स्वीकृत लोड के विरुद्ध 4 किलो का उपयोग पाया गया था, जिसमें 9 हजार की बिलिंग की गई थी जो आज तक जमा नहीं कराई गई है। इससे पहले अगस्त 2017 में एलटी लाइन से बिजली का उपयोग करने वाले एक डेयरी के विरुद्ध चोरी का प्रकरण बनाया गया था। इसी क्षेत्र में सितंबर 2017 में चोरी का प्रकरण बनाकर एक लाख रुपए से ऊपर की बिलिंग की गई थी। अगस्त 2017 में ही दो और डेयरियों के विरुद्ध चोरी के प्रकरण बनाए गए थे। इसके बाद बिजली अधिकारी किसी भी डेयरी में झाँकने तक नहीं गए। 

Created On :   13 Aug 2020 2:46 PM IST

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