दमोहनाका-मदनमहल फ्लाईओवर के ठेके को हाईकोर्ट में चुनौती

Damohnaka-Madanmahal flyover contract challenged in High Court
दमोहनाका-मदनमहल फ्लाईओवर के ठेके को हाईकोर्ट में चुनौती
दमोहनाका-मदनमहल फ्लाईओवर के ठेके को हाईकोर्ट में चुनौती

टेण्डर प्रक्रिया से अयोग्य घोषित की गई कंपनी की याचिका पर राज्य सरकार व अन्य को नोटिस, अगली सुनवाई 27 को
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
दमोहनाका से मदनमहल के बीच बनने वाले फ्लाईओवर की टेण्डर प्रक्रिया से अयोग्य घोषित एक कंपनी ने पूरी प्रक्रिया को हाईकोर्ट में चुनौती दी है। चीफ जस्टिस अजय कुमार मित्तल और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने बुधवार को मामले की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हुई सुनवाई के बाद राज्य सरकार व अन्य को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए हैं।
लखनऊ (उप्र) की यूपी स्टेट ब्रिज कॉर्पोरेशन लिमिटेड की ओर से दायर इस याचिका में कहा गया है कि जबलपुर के दमोहनाका से मदन महल तक प्रस्तावित फ्लाई ओवर बनाने के लिए बुलाई गई निविदा में उसने भी टेण्डर भरा था। 11 मार्च को याचिकाकर्ता कंपनी को एक आपराधिक मुकदमें की जानकारी छिपाने के आरोप में इस टेण्डर की प्रक्रिया से अयोग्य ठहरा दिया गया था। याचिकाकर्ता कंपनी का दावा है कि जिस मुकदमें को आधार बनाकर उसे टेण्डर से अयोग्य घोषित किया गया, उस मुकदमें पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रोक लगा रखी है। ऐसे में निविदा जमा करते समय कंपनी के खिलाफ कोई प्रकरण लंबित नहीं था। ऐसे में 6 मार्च को उसे अयोग्य घोषित किया जाना न्याय संगत नहीं है। कंपनी का यह भी दावा है कि फ्लाई ओवर के निर्माण का ठेका एक ऐसी कंपनी को दे दिया गया, जिसकी राशि याचिकाकर्ता से 85 करोड़ रुपए अधिक है। इस टेण्डर की वजह से सरकार पर 85 करोड़ रुपए के भुगतान का अनावश्यक भार पड़ेगा। याचिका में मप्र सरकार के लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव, चीफ इंजीनियर, हैदराबाद की एनसीसी लिमिटेड और मुम्बई की एफकॉन्स इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को पक्षकार बनाया गया है।
मामले पर बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता कंपनी की ओर से अधिवक्ता अंशुमान सिंह ने पक्ष रखा। सुनवाई के बाद युगलपीठ ने अनावेदकों को नोटिस जारी करते हुए उन्हें 26 मई तक जवाब पेश करने कहा और मामले की अगली सुनवाई 27 मई को निर्धारित की है।
 

Created On :   14 May 2020 2:23 PM IST

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