एसबीएल कंपनी से बिक रहे खतरनाक विस्फोटक

Dangerous explosives being sold from SBL company
एसबीएल कंपनी से बिक रहे खतरनाक विस्फोटक
नागपुर एसबीएल कंपनी से बिक रहे खतरनाक विस्फोटक

डिजिटल डेस्क, नागपुर. देशभर में सुरक्षा के लिहाज से व्यापक इंतजाम किए जा रहे है। बावजूद आतंकी और नक्सली गतिविधियों में बारूद और आरडीएक्स के इस्तेमाल से विस्फोट की साजिश सामने आती है। केन्द्र और राज्य सरकार से पुख्ता इंतजाम के दावों के बाद भी अमरावती रोड पर स्पेशल ब्लास्ट एनर्जी लिमिटेड (एसबीएल) कंपनी में बारूद निर्माण और बिक्री को लेकर खासी लापरवाही बरती जा रही है। इस कंपनी से जंगल के रास्ते चोरी-छिपे बारूद आतंकी गतिविधियों के लिए लेकर जाने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है। कंपनी में प्रतिदिन 1,000 टन बारूद निर्माण हो रहा है। बारूद को 10 ट्रकों में भरकर बगैर सुरक्षा के पहुंचाया जाता है। कंपनी में बेरोकटोक कोई भी बारूद के ढेर तक पहुंच सकता है। अमरावती रोड पर (बाजारगांव) लिंक रोड पर राऊलगांव के पास एसबीएल कंपनी मौजूद है। इस संवेदनशील इलाके में सुरक्षा के नाम पर निगरानी तो दूर, कोई रोकने वाला भी नहीं है। सुरक्षा नियमों की अनदेखी को लेकर विस्फोटक विभाग ने कई मर्तबा नोटिस जारी करने की खानापूर्ति की है, लेकिन कार्रवाई को लेकर कोई भी प्रयास नहीं हुआ है। ऐसे में गंभीर दुर्घटना होने से इनकार नहीं किया जा सकता है। 

सुरक्षा दीवार के नाम पर लोहे के टूटे हुए तार :  एसबीएल कंपनी के बरामदे में खुले में हजारों टन बारूद पड़ा हुआ है। कंपनी के भीतर पहुंचने के लिए मजबूत सुरक्षा दीवार के नाम पर टूटे लोहे के तार लगे हुए हैं। कंपनी में प्रतिदिन करीब 1,000 टन से अधिक बारूद तैयार होता है, लेकिन बारूद की मात्रा को लेकर कोई रिकॉर्ड नहीं रखा जा रहा है। ऐसे में बारूद नक्सली प्रभावित पड़ोसी जिलों तक पहुंचाने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। कंपनी से रोजाना 10 ट्रकों में लादकर 1,000 टन से अधिक बारूद अलग-अलग स्थानों पर भेजा जाता है, लेकिन ट्रकों में लदे माल की मात्रा और विवरण तक नहीं होता है।

अधिकारी नहीं करते निरीक्षण, सुरक्षाकर्मी तक नहीं : विस्फोटक अधिनियम के तहत फैक्ट्री से निकलने वाले बारूद की बेहद बारीकी से गणना की जाती है। इस गणना को ऑनलाइन रिकॉर्ड में भी दर्ज कराना होता है, लेकिन ऑनलाइन रिकॉर्ड और वास्तविक स्टॉक में भारी अंतर होता है। दस्तावेजों में निर्धारित मात्रा में दर्ज कर मात्रा से अधिक ट्रकों में लादा जा रहा है। इतना ही नहीं, नियमों के तहत बारूद, खरीददार तक पहुंचाने के बाद करीबी पुलिस स्टेशन में बारूद पहुंचाने की जानकारी लिखित स्वरूप में दर्ज कराना होता है। इस पूरी प्रक्रिया के लिए वाहन के साथ बारूद कंपनी का अधिकृत सुरक्षाकर्मी पूरे समय मौजूद रहना चाहिए, लेकिन एसबीएल कंपनी से रोजाना निकलने वाले 10 ट्रकों में कोई भी सुरक्षाकर्मी नहीं रखा जाता है। ऐसे में बीच रास्ते में बारूद निकालकर बेचने से कर्मचारी बाज नहीं आते हैं। 

कंपनी अधिकारियों के पास जवाब नहीं : बारूद निर्माण और बिक्री में लापरवाही को लेकर एसबीएल कंपनी के अधिकारियों से बारी-बारी संपर्क करने का प्रयास किया गया। हमारे संवाददाता ने कंपनी के सह-व्यवस्थापक प्रदीप शर्मा से प्रत्यक्ष बातचीत की। प्रदीप शर्मा ने आधिकारिक तौर पर कोई जवाब नहीं दिया। कंपनी के बिक्री विभाग प्रमुख अभिषेक जायस्वाल से मोबाइल पर कई मर्तबा संपर्क किया गया, लेकिन जायस्वाल ने कॉल स्वीकार नहीं किया। इसके बाद बिक्री विभाग के महाप्रबंधक चंद्रशेखर परालकर से मोबाइल पर संपर्क किया गया। परालकर के मुताबिक वे कंपनी के बारे में कोई भी जानकारी देने के लिए अधिकृत नहीं हैं।  

गुणवत्ता और स्टॉक को लेकर कोई जांच नहीं

विस्फोटक विभाग के आला अधिकारियों की ओर से एसबीएल कंपनी की लापरवाही को खुली छूट दी गई है। कंपनी में मजदूरों को आपूर्ति करने वाली श्रीगोपाल इंटरप्राइजेस कंपनी है। इस कंपनी के संचालक राहुल मिश्रा के पिता जयनंदन मिश्रा बेहद रसूखवाले अधिकारी हैं। जे. एन. उर्फ जयनंदन मिश्रा केन्द्र सरकार के विस्फोटक विभाग में नियंत्रक के रूप में कार्यरत हैं। यही वजह है कि, एसबीएल कंपनी में तीन अन्य कंपनियों को हटाकर अकेले राहुल मिश्रा की श्रीगोपाल इंटरप्राइजेस को मजदूर आपूर्ति का ठेका दिया गया है। विस्फोटक विभाग के अधिकारी के बेटे की कंपनी के सहभागी होने से एसबीएल कंपनी में बारूद की गुणवत्ता और स्टॉक को लेकर कोई भी अधिकारी कोई जांच नहीं करता है। विस्फोटक विभाग के अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर एसबीएल कंपनी अब देश की सुरक्षा को ही खतरा पैदा कर रही है।  

सुरक्षा इंतजामों में कई गंभीर लापरवाही 

‘दैनिक भास्कर’ की टीम की ओर से कंपनी का मुआयना करने पर सुरक्षा इंतजामों में कई गंभीर लापरवाही सामने आई। टीम को देखते ही सह-व्यवस्थापक प्रदीप शर्मा ने तत्काल कड़े सुरक्षा इंतजामों का दावा करना शुरू कर दिया, लेकिन दावों की कलई कंपनी में दूर तक मौजूद खुले बारूद के ढेर को देखकर खुल गई है।   

Created On :   21 Oct 2022 7:10 PM IST

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