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फिर शुरु हुई दरेकर के मुंबई बैंक की जांच, अदालत में दाखिल हो चुकी थी क्लोजर रिपोर्ट
डिजिटल डेस्क, मुंबई। पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने मुंबई बैंक घोटाले की जांच एक बार फिर शुरू कर दी है। इस बार मामले में रिपोर्ट तैयार करने वाले सहकारिता विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी से पूरी जानकारी हासिल की गई है। एक बार जांच कर ईओडब्ल्यू ने सबूत न होने का हवाला देते हुए विशेष अदालत में सी समरी रिपोर्ट (क्लोचर रिपोर्ट) दाखिल किया था लेकिन अदालत ने इसे खारिज करते हुए फिर से मामले की जांच करने को कहा है जिसके बाद फिर से यह जांच शुरू की गई है। विधान परिषद में विपक्ष के नेता प्रविण दरेकर इस बैंक के अध्यक्ष हैं।
साल 2019 में आर्थिक अपराध शाखा ने मामले की छानबीन के बाद दावा किया था कि मामले में कोई घोटाला नहीं हुआ है। लेकिन अदालत ने ईओडब्ल्यू के इस दावे को नहीं स्वीकार किया। मामले में हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने वाले पंकज कोटीचा ने पुलिस की सी समरी रिपोर्ट के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाया और कुछ दिनों पहले ही अदालत ने ईओडब्लू को मामले की फिर से जांच के निर्देश दिए हैं। अदालत ने पाया कि मामले में सहकारिता विभाग की जांच रिपोर्ट होने के बावजूद ईओडब्ल्यू ने अपनी ओर से किसी तरह की जांच नहीं की। सहकारिता विभाग के अधिकारी से मामले की पूरी जानकारी लेने के बाद अब ईओडब्ल्यू मामले में शिकायतकर्ता, बैंक अध्यक्ष और दूसरे पदाधिकारियों को पूछताछ के लिए बुलाएगी।
क्या है मामला
डिजास्टर रिकवरी साइट के नवीनीकरण और निर्माण के लिए बैंक के अधिकारियों ने पुणे में एक जगह का निरीक्षण करने का दावा किया। हालांकि आरोप है कि प्रत्यक्षरुप से कोई मौके पर नहीं पहुंचा था। आशंका है कि पहले से जिसे ठेका दिया जाना था उसे ही ठेका देकर तुरंत 90 फीसदी रकम भी मुहैया करा दी गई। बैंक ने इस बाबत अखबारों में कोई नोटिस नहीं प्रकाशित कराई। अगर ऐसा किया जाता तो दूसरी कंपनियां कोटेशन देती लेकिन इससे तुलनात्मक स्थिति पता चल जाती। आरोप है कि बैंक के अधिकारियों ने फर्जी कंपनियों से कोटेशन मंगाया था। मे एसएन टेलिकॉम, मे एस एन टेलिसिस्टम, मे ईएस इंफोटेक और मे मल्टी स्टार कंपनियों में से एमएन टेलिकॉम कंपनी की दर सबसे कम बताकर उसे ठेका दे दिया गया।
मुंबई बैंक के अध्यक्ष विप में विपक्ष के नेता प्रवीण दरेकर का दावा है कि इस मामले के जरिए सरकार विपक्ष की आवाज दबाना चाहती है। उन्होंने कहा कि मैं सरकार के खिलाफ बोलता हूं इसलिए मुझ पर दबाव बनाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि इस मामले में पहले ही जांच हो चुकी है। इस मामले में दो याचिका थी दो खारिज कर दी गई थी।
Created On :   28 Jun 2021 9:56 PM IST