दत्तोपंत ठेंगड़ी श्रमिक शिक्षा मंडल का मुख्यालय नागपुर में ही रहने दिया जाए

Dattopant Thengadi Shramik Shiksha Mandals headquarters should be allowed to remain in Nagpur
दत्तोपंत ठेंगड़ी श्रमिक शिक्षा मंडल का मुख्यालय नागपुर में ही रहने दिया जाए
सांसद तुमाने की मांग दत्तोपंत ठेंगड़ी श्रमिक शिक्षा मंडल का मुख्यालय नागपुर में ही रहने दिया जाए

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। रामटेक से सांसद कृपाल तुमाने ने दत्तोपंत ठेंगड़ी श्रमिक शिक्षा मंडल के मुख्यालय को नागपुर से दिल्ली स्थानांतरित करने पर विरोध जताते हुए सरकार से इसे नागपुर में ही रहने देने के लिए उचित कदम उठाने का आग्रह किया है। लोकसभा में नियम 377 के तहत इस मुद्दे को उठाते हुए सांसद तुमाने ने कहा कि नागपुर की इस महत्वपूर्ण संस्था को स्थानांतरित करने से उद्योग जगत को नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि नागपुर शहर के महत्व को ध्यान में लेते हुए तत्कालीन केन्द्र सरकार ने 1958 में यहां इस बोर्ड को स्थापित किया था। तब से वह नागपुर में ही है, लेकिन 2014 से इसे दिल्ली स्थानांतरित करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यालय में उद्योग में औद्योगिक प्रबंधन और कर्मचारियों की भागीदारी और प्रशिक्षित संगठनों के प्रतिनिधियों के गठन के महत्व को सिखाया जाता है। उन्होंने कहा कि यहां कार्यरत कर्मचारी और अधिकारी भी इसे स्थानांतरित करने का विरोध कर रहे है और इसे अन्यायपूर्ण बताया है।

खजुराहो की लगभग सभी केन्द्रीय परियोजनाएं समय पर पूरी हुई हैं : श्रीपाद नाईक

उधर केन्द्रीय पर्यटन राज्य मंत्री श्रीपाद येसो नाईक ने कहा है कि ‘स्वदेश दर्शन’ सहित अलग-अलग योजनाओं के तहत पड़ोसी राज्य  मध्यप्रदेश के खजुराहो के लिए जो भी केन्द्रीय परियोजनाएं थीं, एकाध को छोड़कर सभी परियोजनाएं समय पर पूरी हुई हैं। उन्होने बताया कि कम-से-कम स्वदेश दर्शन योजना में हमने 45 हजार करोड़ रूपये क प्रोजेक्ट दिए हुए हैं, उनमें 95 प्रतिशत से अधिक काम पूरे हो गए हैं। उन्होने यह भी बताया कि माइस टूरिज्म प्रोजेक्ट बन रही है, जिसमें खजुराहो का नाम भी शामिल है। नाईक ने यह जानकारी लोकसभा में भाजपा सांसद वीडी शर्मा के एक प्रश्न के उत्तर में दी। सांसद शर्मा ने पूछा था कि क्या सरकार खजुराहो के अद्वितीय ऐतिहासिक महत्व तथा यूनेस्को विश्व धरोहर के रूप में इसकी स्थिति को देखते हुए इसे अंतरराष्ट्रीय पर्यटक गंतव्य स्थल के रूप में विकसित करने पर विचार कर रही है? पर्यटन राज्य मंत्री ने बताया कि पर्यटन मंत्रालय ने अपनी ‘स्वदेश-दर्शन’ योजना के एक भाग के रूप में 89.82 करोड़ रूपये की कुल राशि से वर्ष 2016-17 में विरासत थीम के तहत ‘ग्वालियर-ओरछा-खजुराहो-चंदेरी-भीमबेटका-मांडू के विकास’ की परियोजना को मंजूरी दी है। इस परियोजना के अंतर्गत पर्यटक अवसंरचना के विकास के लिए खजुराहो और उसके आसपास के क्षेत्रों में अनेक हस्तक्षेपों को स्वीकृति दी गई है। मंत्री ने यह भी बताया कि पर्यटन मंत्रालय ने खजुराहो सहित प्रतिष्ठित स्थलों के विकास के लिए ‘प्रतिष्ठित पर्यटक स्थलों का विकास’ नामक योजना तैयार की है, जो सरकार के विचाराधीन है। 

सांसद ने तालाबों के अतिक्रमण का मसला भी उठाया 

सांसद ने खजुराहो संसदीय क्षेत्र में चंदेल राजाओं द्वारा निर्मित तालाबों के जीर्णोद्वार और नए तालाबों के निर्माण का मसला भी सदन में उठाया। उन्होने कहा कि पुराने तालाबों से अतिक्रमण हटाने में एएसआई ही बाधा बनकर सामने आ रहा है। 

Created On :   4 April 2022 9:50 PM IST

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