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सहकारी बैंक विलायतकला में ऋण घोटाला, पिता-पुत्र के नाम पर निकाली रकम
खाद के लिए कर्ज लेने गए तब पता चला कि पहले ही बना दिया कर्जदार
डिजिटल डेस्क कटनी । जिले की सहकारी समितियों में किसानों के नाम पर फर्जी लोन का स्कैंडल थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस बार सहकारी समिति विलायतकला में पिता-पुत्र सहित चार किसानों के नाम पर तीन लाख रुपये का ऋण निकालने का मामला सामने आया है। बताया जाता है कि विलायतकला सोसायटी में ऋण माफी के पहले किसानों के नाम पर लिए गए लोन की जांच हो तो यह लिस्ट लम्बी हो सकती है। किसानों ने कलेक्टर से शिकायत कर कार्यवाही की मांग की है। किसानों को इस धोखाधड़ी का पता भी तब चला जब वह खाद के लिए सहकारी समिति पहुंचे। जहां उन्हे बताया गया है कि पहले लिए गए लोन की रकम अदा नहीं करने से खाद नहीं मिलेगा। इसके पहले सहकारी समिति पिपरौंध फर्जी ऋण घोटाला सामने आने पर समिति प्रबंधक के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की गई थी।
अब खाद के लिए परेशान
बड़वारा थाना क्षेत्र के ग्राम कछारी निवासी इन्द्रभान सिंह ने शिकायत में बताया कि सहकारी समिति विलायतकला में उनके स्वयं के नाम 70 हजार रुपये एवं पिता ध्यान सिंह के नाम पर 70 हजार रुपये 25 जुलाई 2018 को तत्कालीन समिति प्रभारी ने निकाल लिए। पहले यह राशि लोन खाते में डाली गई और सेविंग अकाउंट से राशि निकाल ली। पिछले दिनों जब गेहूं की बुवाई के लिए खाद लेने सहकारी समिति गए तब वहां पता चला पिता-पुत्र के नाम पर पहले से ही लोन है। इन्द्रभानसिंह ने बताया कि ऐसी स्थिति में सहकारी समिति से खाद के लिए लोन नहीं मिल रहा है और धान का विक्रय करने पर वह राशि काट ली जाएगी, जो उन्होने ली ही नहीं।
बारेलाल को ऐसी लगाई चपत
कछारी निवासी बारेलाल सिंह परस्ते ने शिकायत में बताया कि सहकारी समिति विलायतकला में प्रभारी ने उसके नाम पर 19/9/2018 को 30 हजार रुपये नगद एवं 17/11/2018 को 29670 रुपये खाद के नाम पर ऋण निकाल लिया। जबकि उसकी पांच एकड़ खेती में हर साल 8-10 हजार रुपये की ही खाद के लिए आवश्यकता होती है। इस बार जब वह खाद लेने सोसायटी गया तब वर्तमान प्रभारी ने लोन अदा करने पर ही खाद देने की बात कही।
घीसल भी हुआ कर्जदार
कछारी का घीसल महोबिया भी फर्जीवाड़ा का शिकार हो गया। कलेक्टर के नाम दिए आवेदन में घीसल ने बताया कि सहकारी समिति विलायतकला में 25 जुलाई 2018 को उसके नाम पर 49 हजार रुपये नगद एवं उसी दिन खाद के नाम पर 39296 रुपये का ऋण निकाला गया। शिकायत में बताया कि उसने सहकारी से कभी नगद एवं खाद के नाम पर लोन लिया ही नहीं फिर भी उसे कर्जदार बना दिया गया।
इनका कहना है
कछारी के किसानों की शिकायत की जांच की जा रही है। इस संबंध में जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक जबलपुर के महाप्रबंधक से भी चर्चा की गई है और लोन
की राशि लिंक नहीं करने कहा ताकि किसानों के खातों से कटौती नहीं हो। जांच के बाद दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी।
- डॉ.अरुण मसराम, सहायक आयुक्त सहकारिता
Created On :   18 Dec 2019 5:36 PM IST