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अल्पसंख्यक छात्रों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति रद्द करने के निर्णय को रद्द किया जाए- मुंडे ने उठाई मांग
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बीड से सांसद डॉ प्रीतम मुंडे ने गुरुवार को लोकसभा में केंद्र सरकार द्वारा अल्पसंख्यक छात्रों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति रद्द करने के निर्णय की ओर सदन का ध्यान आकर्षित किया और मांग की है कि सरकार इस निर्णय पर पुनर्विचार करे। सदन में शून्यकाल के दौरान इस मुद्दे को उठाते हुए सांसद मुंडे ने कहा कि केंद्र सरकार ने अल्पसंख्यक छात्रों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति रद्द करने के निर्णय किसी पूर्व सूचना के लिया है। उन्होंने कहा कि इस साल भी हजारों की संख्या में छात्रों से आवेदन प्राप्त किए गए और अचानक इस छात्रवृत्ति को रद्द करने का निर्णय लिया गया है। डॉ मुंडे ने कहा कि राइट टू एजुकेशन में एजुकेशन फ्री है, लेकिन जो छात्र स्कूल जाते हैं उनके लिए यह छात्रवृत्ति की राशि प्रोत्साहन के रुप में काम करती है। इसलिए सरकार से अनुरोध है कि आने वाली पीढ़ियों को बाल मजदूरी में ढकलने के बजाय उन्हें शिक्षा के मार्ग पर मार्गस्थ करने के लिए इस पर पुन र्विचार करके इस निर्णय को रद्द किया जाए।
ललितपुर-सिंगरौली रेल परियोजना- भूमि-अधिग्रहण के बदले रोजगार मिलने की प्रतीक्षा में है क्षेत्र के सैकड़ों युवा
सीधी से भाजपा सांसद रीती पाठक ने गुरुवार को लोकसभा में ललितपुर-सिंगरौली रेल परियोजना में भू-अधिग्रहण के बदले क्षेत्र के युवाओं को नौकरियां दिए जाने के वादे की सरकार को याद दिलाई। उन्होंने सदन में प्रधानमंत्री और रेल मंत्री से मांग की है कि इस परियोजना के लिए ली गई भूमि के बदले क्षेत्र के युवाओं को रोजगार प्रदान किया जाए।
सदन में शून्यकाल के दौरान इस मुद्दे को उठाते हुए उन्होंने कहा कि उनके संसदीय क्षेत्र सीधी जिले में अब तक रेल नहीं पहुंची है। ललितपुर-सिंगरौली रेल परियोजना सीधी क्षेत्र के लिए बहुत बड़ी और महत्वाकांक्षी परियोजना है। साल 2010 में इस परियोजना में भूमि-अधिग्रहण के बदले रोजगार देने के नाम पर क्षेत्र के लोगों की जमीनें ली गई। रेल बोर्ड के एक आदेश के तहत 2086 लोगों ने रोजगार के लिए आवेदन किया था, उनमें से अब तक मात्र 1153 को ही रोजगार मिल पाया है। इस मुद्दे को रेल मंत्री के संज्ञान में लाते हुए उन्होंने कहा कि रेलवे बोर्ड के आदेश के मुताबिक इस परियोजना में जिन लोगों की भूमि अधिग्रहित हुई उनको नौकरियां दी जा रही थी, लेकिन अब पता नहीं क्या हो गया है? नौकरियां देना बंद कर दिया गया है। जिन किसानों से भूमि ली गई उनके परिवार के युवा इस प्रतिक्षा में है कि भूमि के बदले उन्हें नौकरियां कब मिलेंगी। लिहाजा सरकार से आग्रह है कि जिनकी भूमि अधिग्रहीत की गई है, उन परिवार के सदस्य को शीघ्र रोजगार प्रदान करने की व्यवस्था की जाए।
हाईकोर्ट और निचली अदालतों में 2.41 करोड़ मामलों की हुई वर्चुअल सुनवाई
कोविड लॉकडाउन आरंभ होने से लेकर 31 अक्टूबर 2022 तक विभिन्न हाई कोर्ट और निचली अदालतों में 2 करोड़ 41 लाख मामलों की सुनवाई वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से हुई। यह जानकारी केन्द्रीय विधि और न्याय मंत्री किरेन रिजीजू ने कांग्रेस सांसद विवेक तन्खा के एक सवाल के जवाब में दी। रिजीजू ने बताया कि कोविड लॉकडाउन के शुरू से 31 अक्टूबर 2022 तक जिला और अधीनस्थ न्यायालयों ने 1,65,20,791 मामलों की सुनवाई वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से की थी, जबकि उच्च न्यायालयों ने 75,80,347 मामलों की सुनवाई की थी। मतलब यह कि अधीनस्थ, जिला और उच्च न्यायालयों में दो करोड़ 41 लाख मामलों की सुनवाई वर्चुअल माध्यम से हुई। मंत्री ने बताया कि लॉकडाउन अवधि के आरंभ से 3 सितंबर 2022 तक सुप्रीम कोर्ट ने 2,97,435 सुनवाईयां की थी। केन्द्र सरकार ने ई-न्यायालय परियोजना के चरण दो में कुल 1670 करोड़ रूपये खर्च किए। उन्होंने बताया कि पिछले तीन वर्षों में सरकार ने न्यायालयों को वीडियो कांफ्रेंसिंग की अवसंरचना जैसे वीडियो कांफ्रेंसिंग उपस्कर, वी सी लाइसेंस और दस्तावेज विजुअलाइजर आदि प्रदान किए हैं। इसके लिए अंतिम तीन वर्षों में कुल 42.79 करोड़ रूपये की निधि जारी की गई है।
लोकतंत्र और लोकतांत्रिक मूल्य हमारी जीवन शैली है : बिरला
लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि लोकतंत्र और लोकतांत्रिक मूल्य हमारी जीवन शैली है। भारत ने अपने संविधान के माध्यम से लोकतंत्र को समृद्ध बनाया है। संसद भवन परिसर में युवा उद्यमियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हमारी परंपराएं और संस्कृति जीवन के सभी क्षेत्रों में लोकतांत्रिक मानदंडों का पालन करती हैं।
भारतीय लोकतंत्र की जीवतंता और शक्ति का जिक्र करते हुए बिरला ने कहा कि कुछ अन्य देशों के विपरीत हर चुनाव के बाद सत्ता का शांतिपूर्ण हस्तांतरण भारतीय लोकतंत्र की ताकत और चरित्र को उजागर करता है। उन्होंने कहा कि समय के साथ संसद ने राष्ट्र की प्रगति में योगदान दिया है। यह भी कहा कि भारत के युवा अपने सकारात्मक दृष्टिकोण, योग्यता और समृद्ध सामाजिक सांस्कृतिक विरासत के बल पर देश की प्रगति में नए आयाम जोड़ रहे हैं। उन्होंने युवाओं का आह्वान किया कि वे लोकतांत्रिक संस्थाओं को मजबूत करने के लिए अपनी बुद्धि और ज्ञान का उपयोग करें।
Created On :   15 Dec 2022 10:05 PM IST