एम्पिरिकल डाटा जुटाने तक स्थानीय निकायों के चुनाव टालने का फैसला

Decision to postpone the elections of local bodies till the empirical data is collected
एम्पिरिकल डाटा जुटाने तक स्थानीय निकायों के चुनाव टालने का फैसला
राज्य सरकार का निर्णय  एम्पिरिकल डाटा जुटाने तक स्थानीय निकायों के चुनाव टालने का फैसला

डिजिटल डेस्क, मुंबई। ओबीसी आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद महाविकास आघाड़ी सरकार ने ऐहतियात भरा कदम उठाया है। राज्य सरकार ने ओबीसी के एम्पिरिकल डाटा जुटने तक स्थानीय निकायों के चुनाव को टालने का फैसला लिया है। बुधवार को राज्य मंत्रिमंडल ने इससे संबंधित एक प्रस्ताव मंजूर किया। राज्य सरकार की ओर से यह प्रस्ताव राज्य चुनाव आयोग के पास भेजा जाएगा। जिसके जरिए चुनाव आयोग से ओबीसी का एम्पिरिकल डाटा जुटने तक स्थानीय निकाय के चुनाव न कराने की मांग की जाएगी। मंत्रिमंडल की बैठक में सुप्रीम कोर्ट के स्थानीय निकाय की 27 प्रतिशत ओबीसी सीटों को सामान्य श्रेणी के रूप में अधिसूचित करने के निर्देश को लेकर चर्चा हुई। प्रदेश के खाद्य, नागरिक आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल ने बताया कि मंत्रिमंडल की बैठक में मंत्रियों ने कहा कि स्थानिय निकाय के चुनाव ओबीसी आरक्षण सहित होने चाहिए। इसलिए मंत्रिमंडल ने प्रस्ताव पास किया है कि ओबीसी आरक्षण लागू हुए बिना चुनाव न हो। भुजबल ने कहा कि राज्य पिछड़ा आयोग को एम्पिरिकल डाटा जुटाने के काम में मदद के लिए सचिव स्तर के एक अधिकारी की नियुक्ति की जाएगी। 

डाटा जुटाने उपलब्ध होंगे 400 करोड़ 

भुजबल ने बताया कि राज्य सरकार राज्य पिछड़ा आयोग को एम्पिरिकल डाटा जुटाने के काम के लिए लगभग 400 करोड़ रुपए उपलब्ध कराएगी। शीतकालीन अधिवेशन में पूरक मांगों के प्रस्ताव में इस निधि का प्रावधान किया जाएगा। भुजबल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ओबीसी डाटा को लेकर पलट गई है। केंद्र सरकार ने कहा है कि हमने ओबीसी का डाटा नहीं जुटाया है। यदि केंद्र सरकार के पास ओबीसी डाटा नहीं था तो भाजपा सरकार में तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने केंद्र सरकार से ओबीसी डाटा क्यों मांगा था। भुजबल ने दावा किया कि ओबीसी आरक्षण का महाराष्ट्र संबंधी फैसला पूरे देश में लागू होगा। इसलिए संसद में सभी सांसदों को ओबीसी आरक्षण के लिए आवाज उठानी चाहिए। क्योंकि ओबीसी का हक मारा जा रहा है। 

ओबीसी आरक्षण बैगर चुनाव के लिए राज्य सरकार जिम्मेदारः फडणवीस

दूसरी ओर विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि केवल राज्य सरकार की नाकामी के कारण स्थानीय निकायों का चुनाव ओबीसी आरक्षण के बिना होगा। राज्य सरकार को अब समझदारी दिखाते हुए एम्पिरिकल डाटा जुटाना चाहिए। एम्पिरिकल डाटा तीन महीने में जुटाया जा सकता है। इसके लिए विपक्ष सरकार को मदद करने के लिए तैयार है।  जबकि प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील ने कहा कि यदि राज्य सरकार ओबीसी के एम्पिरिकल डाटा जुटाने में टालमटोल करेगी तो हम लोग आंदोलन करेंगे। 

राज्य के सभी जिलों में होगा ‘पुस्तकों का गांव’- राज्य मंत्रिमंडल का फैसला 

वहीं राज्य के सभी गावों में ‘पुस्तकांचे गांव’ (पुस्तकों का गांव) योजना साकार किया जाएगा। बुधवार को हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में इसे मंजूरी दी गई। फिलहाल महावलेश्लर के समीप स्थित भिलारगांव में यह योजना शुरु की गई है। इस योजना का क्रियान्वयन राज्य मराठी विकास संस्था के माध्यम  से किया जाएगा। 
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने राज्य के सभी जिलों में ‘पुस्तकों का गांव’ योजना शुरु करने का प्रस्ताव रखा था। पहले चरण में राज्य के 6 राजस्व विभागों और दूसरे चरण में प्रत्येक जिले में ‘पुस्तकों का गांव’ तैयार किया जाएगा। इस योजना के लिए पर्यटन स्थलों, तीर्थ क्षेत्रों, साहित्य से जुड़े गांव, केंद्र-राज्य संरक्षित स्मारक, कृषि पर्यटन केंद्र जैसे स्थानों का चयन किया जाएगा। इस योजना के लिए 19 करोड़ 79 लाख रुपए खर्च को मंजूरी दी गई है।       


 

 

Created On :   15 Dec 2021 8:18 PM IST

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