हाईकोर्ट ने फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत की याचिका को किया खारिज

Defamation Case : High Court dismisses the petition of film actress Kangana Ranaut
हाईकोर्ट ने फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत की याचिका को किया खारिज
मानहानि मामला हाईकोर्ट ने फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत की याचिका को किया खारिज

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने गुरुवार को फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत की उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें रनौत ने मजिस्टेट कोर्ट में गीतकार जावेद अख्तर की ओर से की गई आपराधिक मानहानि शिकायत पर जारी कार्यवाही को रद्द करने की मांग की थी। न्यायमूर्ति रेवती मोहिते ढेरे ने एक सितंबर को रनौत की याचिका पर दोनों पक्षों को सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था। जिसे न्यायमूर्ति ने गुरुवार को सुनाते हुए रनौत की याचिका को खारिज कर दिया। 

रनौत ने अधिवक्ता रिजवान सिद्दकी के माध्यम से गीतकार जावेद अख्तर की ओर से गई शिकायत के आधार पर निचली अदालत में जारी कार्यवाही को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। याचिका में रनौत ने दावा किया था कि मजिस्टेट ने इस मामले में अपने विवेक का इस्तेमाल करने की बजाय सीधे पुलिस की रिपोर्ट के आधार पर ही उनके खिलाफ कार्यवाही शुरु कर दी है। याचिका में रनौत ने कहा था कि मामले को लेकर पुलिस की जांच एकतरफा है। क्योंकि इस मामले में मेरी (रनौत) ओर से किसी गवाह के बयान को शामिल नहीं किया गया है। मामले की जांच निष्पक्ष रुप से नहीं की गई है। मजिस्टेट ने पुलिस की रिपोर्ट को स्वतंत्र रुप से नहीं परखा है। गीतकार जावेद अख्तर ने फिल्म अभिनेत्री रनौत द्वारा एक न्यूज चैनल को दिए गए इंटरव्यू के दौरान कही गई मानहानि पूर्ण बातो को आधार बनाकर अंधेरी मजिस्टेट कोर्ट में शिकायत की है। जिसमें अख्तर ने दावा किया है कि रनौत की मानहानिपूर्ण बातों से उनकी प्रतिष्ठा पर असर पड़ा है।

वहीं गीतकार जावेद अख्तर की ओर से पैरवी कर  रहे अधिवक्ता जय भारद्वाज ने कहा कि मजिस्टेट ने मेरे मुवक्किल की शिकायत पर गौर करने के बाद दिसंबर 2020 में इस मामले की जांच के निर्देश दिए है। इस मामले को लेकर मजिस्टेट कोर्ट की कार्यवाही न्यायसंगत है। इसमें हस्तक्षेप की जरुरत नहीं है। इस तरह न्यायमूर्ति ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद रनौत की याचिका को खारिज कर दिया। हाईकोर्ट के इस फैसले के चलते अब रनौत को 14 सितंबर को मजिस्टेट कोर्ट में इस मामले की होनेवाली सुनवाई में उपस्थित रहना पड़ेगा। 

अनियमितता नजर नहीं आई

न्यायमूर्ति रेवती ढेरे ने अपने फैसले में स्पष्ट किया है कि उन्हें अंधेरी कोर्ट में रनौत के खिलाफ चल रही कार्यवाही से जुड़े आदेश में कानूनी रुप से कोई प्रक्रियागत अवैधता व अनियमितता नजर नहीं आती है। अंधेरी कोर्ट ने इस मामले में आपराधिक प्रक्रिया संहिता में निर्धारित प्रक्रिया का पालन किया है। क्योंकि मजिस्टेट ने व्यक्तिगत तौर पर शिकायतकर्ता जावेद अख्तर से पूछताछ की है। जहां तक बात रनौत के खिलाफ अंधेरी कोर्ट द्वारा कार्यवाही शुरु करने की है तो वह सिर्फ पुलिस की रिपोर्ट पर आधारित होने की बजाय शिकायतकर्ता(अख्तर) के सत्यापित बयान,पेन ड्राइव व मामले से जुड़े दस्तावेजों के विश्लेष्ण पर आधारित है। जहां तक बातों गवाहों की विश्वसनीयता की है तो उसे मजिस्टेट सुनवाई के दौरान परखेगे। 
 

Created On :   9 Sep 2021 2:50 PM GMT

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