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रक्षा विभाग की फाइल तो जल्द बढ़ती ही नहीं है
डिजिटल डेस्क, नागपुर। सरकार व प्रशासन के कामकाज को लेकर केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी ने एक बार फिर खुलकर अपना मत रखा है। इस बार उन्होंने रक्षा विभाग के प्रशासनिक कामकाज पर चुटकी ली है। गडकरी ने साफ कहा है कि रक्षा विभाग में विकास कार्य से संबंधित फाइल जल्द आगे बढ़ ही नहीं पाती है। लिहाजा कई कार्यों की गति धीमी रहती है। उन्होंने कहा कि समय के अनुरूप विकास कार्याें को गति देने की ओर भी ध्यान देने की आवश्यकता है। शनिवार को विदर्भ इकानामिक डेवलपमेंट काउंसिल की ओर से लघु व मध्यम उद्योग,अवसर व संभावना विषय पर आयोजित परिषद में गडकरी बोल रहे थे। परिषद का आयोजन सिविल लाइन स्थित चिटणवीस संेटर में किया गया था। इससे पहले गडकरी कई बार वे सरकार व प्रशासन के कार्य को लेकर खरी-खरी सुना चुके है। बीते दिनों पुणे में उन्होंने यह भी कहा था कि केवल सरकार के भरोसे विकास कार्य नहीं किया जा सकता है। गडकरी की इन बेबाकी को लेकर राजनीतिक बयान भी सामने आने लगे थे। लेकिन उसके बाद भी उन्होंने कई बार सरकार व नेताओं के काम व भूमिका को लेकर बेबाक विचार रखे। गडकरी ने कहा कि रक्षा क्षेत्र में नए निर्माण व नई खरीदी के संदर्भ में स्थिति अच्छी नहीं है। किसी भी कार्य की मंजूरी के लिए वर्षों लगते हैं। 8-8 वर्ष तक फाइल घूमती रहती है। अधिकारी एक दूसरे की ओर उंगली दिखाते रहते हैं। जब मंजूरी मिलती है तब तक वह वस्तु कालबाह्य हो जाती है। अंतरराष्ट्रीय मांग के अनुरूप गुणवत्तापूर्ण वस्तु निर्माण व निर्यात दर में छूट मिलने की आवश्यकता है। इस संबंध में उद्योग मंत्रालय से चर्चा चल रही है। विदर्भ में औद्योगिक विकास की बड़ी संभावना है। अजनी में मल्टीमॉडल हब तैयार किया जा रहा है। नागपुर, गोंदिया, भंडारा, चंद्रपुर, वर्धा, अमरावती, नरखेड, रामटेक को ब्रॉडगेज मेट्रो के विस्तार प्रकल्प से जोड़ने का काम चल रहा है।
तकनीकी संस्थान वन आधारित उद्योगों को सहयोग करें
इसके अलावा गडकरी एक कार्यक्रम में शामिल हुए, जहां उन्होंने कहा कि विदर्भ में नीरी, वीएनआईटी, एलआईटी जैसे तकनीकी व शोध करने वाले संस्थान हैं। इन संस्थानाें को खनिज के साथ ही वन संसाधन के उपयोग संबंध में शोध करके खनिज, पर्यटन और वन पर आधारित आर्थिक दृष्टि से सक्षम उद्योगों को बनाने में सहयोग करना चाहिए। केन्द्रीय मंत्री नितीन गडकरी शनिवार को चिटणवीस सेंटर में विदर्भ इकोनॉमिक डेवलेपमेंट काउंसिल की परिषद में ‘लघु व मध्यम उद्योग: अवसर और संभावना व भविष्य" विषय पर बोल रहे थे। कार्यक्रम में एमएसएमई विकास संस्था नागपुर के संचालक डॉ. पी.एम. पार्लेवार उपस्थित थे। केन्द्रीय मंत्री गडकरी ने कहा कि, अंतरराष्ट्रीय बाजार में बने रहने के िलए उत्पादन की आधुनिकता, अपडेड पर ध्यान देना पड़ता है, जिससे उसका निर्यात सुनिश्चित बना रहे। मदर डेयरी द्वारा पूरे विदर्भ से 5 लाख लीटर दूध लिया जाता है। उसके द्वारा बनाई गई संतरा बर्फी से विदर्भ के संतरा और दूध को व्यवसाय मिलता है। विदर्भ खनिज व वनस्पति संपन्न है। जंगल से बांबू लेकर उसका उपयोग न्यूज प्रिंट के लिए किया जा सकता है। अगरबत्ती उद्योग में आयात पर आयात शुल्क बढ़ाने से गड़चिरोली व चंद्रपुर में लघुउद्योगों को रोजगार में बढ़ोतरी करने का अवसर मिलेगा। वर्धा के महात्मा गांधी औद्योगिकीकरण संस्था द्वारा सोलर चरखा के 13 क्लस्टर्स राज्य के ग्रामीण क्षेत्र के लिए मंजूर किए गए हैं, जिससे ढाई हजार सोलर चरखे दिए जाएंगे। राज्य की प्रत्येक तहसील में एक क्लस्टर स्थापित होने से वहां साढ़े 4 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। दो दिवसीय परिषद में सरंक्षण, सेवा क्षेत्र व नवकल्पना, अभियांत्रिकी उत्पादन पर तकनीकि सत्रों का आयोजन किया गया।
Created On :   17 Nov 2019 4:23 PM IST