रेत घाटों की नीलामी प्रक्रिया की लेटलतीफी से तस्कराें के हौसले बुलंद

Delay in the auction process of sand ghats boosted the spirits of smugglers
रेत घाटों की नीलामी प्रक्रिया की लेटलतीफी से तस्कराें के हौसले बुलंद
राजस्व का नुकसान रेत घाटों की नीलामी प्रक्रिया की लेटलतीफी से तस्कराें के हौसले बुलंद

डिजिटल डेस्क, गोंदिया।जिले में लगभग 68 रेत घाट है, परंतु इन रेत घाटों की नीलामी प्रक्रिया की लेटलतीफी के कारण जिले में रेत तस्करी धड़ल्ले से शुरू होकर जिला प्रशासन को करोड़ों रुपयों के राजस्व का नुकसान सहना पड़ रहा है, तो वहीं दूसरी ओर रेत घाटों पर शुरू दिन-रात अवैध उत्खनन के कारण पर्यावरण को भी नुकसान पहुंच रहा हैं। यदि समय पर रेत घाटों की नीलामी हो जाती है, तो पर्यावरण के साथ चोरी के मामलों पर नियंत्रण पाया जा सकता हंै। बताया जा रहा है कि गोंदिया तहसील में महालगांव, डांगोर्ली, बनाथर, जीरणटोला, सतोना, बिरसोला, पुजारीटोला, देवरी, मुरदाड़ा, साईटोला किन्ही, तेढ़वा, तिरोड़ा तहसील में घाटकुरोड़ा-1, घाटकुरोडा-2, चांदोरी, बिरोली, पिपरिया, मांडवी, बोंडरानी, कवलेवाड़ा, सड़क अर्जुनी तहसील में सावंगी-1, सावंगी-2, सौंदड़, पलसगांव राकां, पिपरी, घाटबोरी तेली, कोदामेडी, आमगांव तहसील में मानेकसा, घाटटेमनी व अर्जुनी मोरगांव तहसील में बड़ेगांव बंध्या व सिंगस राहन इन रेत घाटों का समावेश है। लेकिन इन रेत घाटों की फिलहाल नीलामी नहीं होने के कारण बंद पड़े हुए हैं। लेकिन रेत की मांग अधिक होने से अधिकांश घाटों पर चोरी-छिपे रेत उत्खनन शुरू होकर प्रशासन को करोड़ों रुपयों का चूना लगाया जा रहा है।
मंजूरी मिलते ही होगी नीलामी की प्रक्रिया 

सचिन वाढवे, जिला खनिकर्म अधिकारी के मुताबिक 68 घाटों का सर्वे किया जा चुका हैं, उनमें से 32 रेत घाटों की मंजूरी के लिए पर्यावरण समिति को प्रस्ताव भेजा गया है। मंजूरी मिलते ही नीलामी प्रक्रिया शुरू की जाएगी। 

 

Created On :   31 Dec 2021 6:27 PM IST

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