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ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर पूर्व विधायक शेंडगे के नेतृत्व में केन्द्रीय मंत्री आठवले से मिला प्रतिनिधिमंडल
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनाव के चुनाव बिना ओबीसी आरक्षण कराए जाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पूर्व विधायक तथा ओबीसी नेता प्रकाश शेंडगे के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल सोमवार को केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री रामदास आठवले से मिला और ओबीसी के राजनीतिक आरक्षण के साथ समुदाय से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। प्रनिधिमंडल ने इस मसले को लेकर केन्द्र सरकार की ओर से निर्णायक कदम उठाए जाने का उनसे आग्रह किया। बैठक के बाद पूर्व विधायक शेंडगे ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट से ओबीसी का राजनीतिक आरक्षण भले ही रद्द हो गया हो, लेकिन इसमें अगर केन्द्र सरकार पहल करें तो अब भी ओबीसी को आरक्षण मिल सकता है। इसके लिए केन्द्रीय मंत्री से इस मामले में संविधान संशोधन करने की जरुरत को रेखांकित किया और उससे पहले वह इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री से बात करके अध्यादेश जारी किए जाने को लेकर प्रयास करने का अनुरोध किया। शेंडगे ने कहा कि केन्द्रीय मंत्री ने उन्हें आश्वस्त किया है कि वह इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री से समय लेंगे और प्रतिनिधिमंडल की उनसे भेंट करवायेंगे। पूर्व विधायक ने सुप्रीम कोर्ट से ओबीसी का राजनीतिक आरक्षण रद्द होने के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार की ओर से अटॉर्नी जनरल तुषार मेहता पक्ष रख सकते है, लेकिन महाराष्ट्र सरकार को इस मामले में पैरवी करने के लिए एक भी बड़ा वकील नहीं मिला। अच्छा वकील देने के बजाय महाराष्ट्र के ओबीसी कल्याण मंत्री विजय वड्डेटीवार ने केवल तारीखों को बढाने का ही काम किया है। समय होने के बावजूद सरकार ओबीसी समुदाय के आंकड़े जुटाने में नाकाम रही है।
Created On :   10 May 2022 1:52 PM IST