डेल्टा प्लस: डेढ़ माह बाद आई रिपोर्ट, 6 मरीज पॉजिटिव

Delta Plus: Report came after one and a half months, 6 patients positive
डेल्टा प्लस: डेढ़ माह बाद आई रिपोर्ट, 6 मरीज पॉजिटिव
स्वास्थ्य महकमे में मचा हड़कम्प डेल्टा प्लस: डेढ़ माह बाद आई रिपोर्ट, 6 मरीज पॉजिटिव


डिजिटल डेस्क जबलपुर। जिले में पहली बार कोरोना का डेल्टा प्लस वैरिएंट सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप की स्थिति है। डेढ़ माह बाद आई जीनोम सीक्वेंसिंग की रिपोर्ट ने विभाग को असमंजस की स्थिति में डाल दिया है। दरअसल जिन 6 मरीजों में डेल्टा प्लस वैरिएंट मिला है, वे स्वस्थ हो चुके हैं। ऐसे में उनकी कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग कराएँ या नहीं, यह प्रश्न सामने खड़ा हो गया है। हालाँकि विभागीय सूत्रों का कहना है कि जब ये व्यक्ति कोरोना की चपेट में आए थे, तब ही उन्हें कोरोना गाइडलाइन के मुताबिक क्वारंटाइन रहने के लिए कहा गया था, जिससे इनसे संक्रमण कहीं और नहीं फैला। वहीं सैम्पल भेजते वक्त यह दावा किया जा रहा था कि रिपोर्ट 2 से हफ्तों में आ सकती है, लेकिन रिपोर्ट काफी विलम्ब से आई है।
उल्लेखनीय है कि वायरोलॉजी लैब द्वारा 17 जुलाई को पहली बार 6 नमूने एनएसडीसी दिल्ली में जाँच के लिए भेजे गए थे। इस बीच 29 जुलाई को 6 नए सैम्पल जाँच के लिए भेजे गए थे और फिर 16 अगस्त के आस-पास 6 नमूनों की तीसरी खेप भेजी गई। जीनोम सीक्वेंसिंग कराने का उद्देश्य यही था कि वैरिएंट की जाँच कर जल्द से जल्द बचाव के उपाए किए जा सकें, लेकिन रिपोट्र्स आने में इसी तरह का वक्त लगेगा तो फिर यह जाँच कराने की सार्थकता पूरी नहीं हो सकेगी।
4 सैम्पल जबलपुर, 1 डिंडौरी का-
पहली खेप में भेजे गए जिन 6 सैम्पल की रिपोर्ट में डेल्टा प्लस वैरिएंट मिलने की पुष्टि हुई है, उनमें से 4 मरीज के सैम्पल जिला अस्पताल से भेजे गए थे, वहीं 1 सैम्पल मिलिट्री हॉस्पिटल और 1 सैम्पल डिडौंरी से भेजा गया था।
हर 15 दिन में जाने हैं 6 सैम्पल-
प्रदेश सरकार के निर्देशानुसार हर जिले से प्रत्येक 15 दिनों में 6 सैम्पल चुनकर जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजे जाने हैं। केंद्र सरकार डेल्टा प्लस की गंभीरता को देखते हुए -"वैरिएंट ऑफ कंसर्न" घोषित कर चुकी है। जीनोम सीक्वेंसिंग की जाँचों के लिए सरकार द्वारा एक अलग पोर्टल बनाया गया है। इसमें प्रत्येक जिले को अलग आईडी-पासवर्ड दिया गया है। सैम्पल के कलेक्शन से लेकर रिपोर्टिंग आने तक को-ऑर्डिनेशन बना रहे, इसलिए पोर्टल बनाया गया है।  
सैम्पल चुनने के ये हैं क्राइटेरिया
- कोरोना के गंभीर मरीज
- वैक्सीनेशन के बाद संक्रमित होने वाले
- लंबे समय तक अस्पताल में भर्ती रहने वाले
- दोबारा संक्रमित होने वाले
- गंभीर बीमारियों से पीडि़त मरीज के संक्रमित होने पर

 

Created On :   27 Aug 2021 12:05 AM IST

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