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सीबीआई जांच की मांग, फडणवीस द्वारा किए स्टिंग ऑपरेशन की जांच सीआईडी को सौंपी
डिजिटल डेस्क, मुंबई। विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने सदन में पेन ड्राइव के जरिए 125 घंटे की वीडियो रिकॉर्डिंग विधानसभा अध्यक्ष को सौंपते हुए जिस स्टिंग ऑपरेशन का खुलासा किया था उसकी जांच राज्य सरकार ने सीआईडी को सौंप दी है। विपक्ष के नियम 293 के तहत चर्चा का जवाब देते हुए गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटील ने कहा कि मामले में आरोपों के घेरे में फंसे प्रवीण चव्हाण ने सरकारी वकील के पद से इस्तीफा दे दिया है। जांच के बाद सच्चाई सामने आ जाएगी। फडणवीस ने विधानसभा उपाध्यक्ष को पेन ड्राइव सौंपते हुए कहा था कि यह महाविकास आघाड़ी सरकार का महाकत्लखाना है जिसके तहत विपक्ष के नेताओं को फर्जी मामलों में फंसाने की साजिश रची जा रही है। स्टिंग में चव्हाण कथित तौर पर पुलिसवालों को यह समझाते नजर आ रहे हैं कि भाजपा नेताओं को किस तरह फंसाना है और कैसे उनके खिलाफ सबूत तैयार करने हैं। सरकार के सीआईडी जांच के ऐलान के बाद भी विपक्ष इससे संतुष्ट नहीं हुआ और मामले की छानबीन केंद्रीय जांच एजेंसी से कराने की मांग की। विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि हम सीबीआई जांच की मांग को लेकर अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे। मांग न मांगे जाने से नाराज विपक्ष ने विधानसभा से वॉकआउट कर दिया। सीआईडी जांच का ऐलान करने से पहले वलसे पाटील ने नेता प्रतिपक्ष को घेरते हुए गृह मंत्री ने सवाल किया कि क्या आपने कोई डिटेक्टिव एजेंसी खोल रखी है? गिरीश महाजन के केस में आपका आरोप है कि सरकार झूठा षडयंत्र रच रही है। जलगांव जिला मराठा प्रसारक मंडल की स्थापना 2017 में हुई थी और वहां स्कूल चलाने के लिए पुलिस बंदोबस्त की जरूरत क्यों पड़ती है? वहां दो गुटों में विवाद है और मामला अदालत तक गया। विपक्ष के नेता का आरोप है कि प्रकरण पुणे का है, लेकिन रिपोर्ट जलगांव में दर्ज हुई तो हमारा यह कहना है कि सुशांत सिंह राजपूत प्रकरण में घटना मुंबई में हुई थी, जबकि मामले की रिपोर्ट पटना में दाखिल की गई थी। इसके बाद यह मामला सीबीआई को सौंपा गया।
खुद सीएम रहते क्यों नहीं की मलिक मामले की जांच
मंत्री नवाब मलिक के इस्तीफे की मांग पर उन्होंने कहा कि वे लगातार केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ आवाज उठा रहे थे। उनका मुंह बंद करने के लिए पुराने केस को बाहर निकाला गया। गृह मंत्री ने नेता प्रतिपक्ष से कहा कि आप पांच साल मुख्यमंत्री-गृहमंत्री रहे, यदि उस वक्त आपने मामले की जांच की होती तो ठीक रहता। अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने वालों के खिलाफ षड्यंत्र किया जा रहा है, आप हमसे पूछते हैं कि हम षडयंत्र कर रहे हैं। केंद्रीय जांच एजेंसियों का किस तरह दुरुपयोग हो रहा है, इस पर मैं बात नहीं करुंगा।
महिला के नाम पर टेप किया आशीष देशमुख का फोन
रश्मी शुक्ला केस के बारे में गृह मंत्री ने कहा कि सदन में गैर कानूनी रूप से फोन टैपिंग का मामला नाना पटोले ने उठाया था। हमने मामले की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए थे। पुलिस संचालक की अध्यक्षता में एक समिति बनी थी। समिति को जन प्रतिनिधियों के फोन टेप क्यों हुए थे? इसकी जांच करने को कहा गया था। समिति ने अपनी रिपोर्ट दी, जिसे सरकार ने स्वीकार किया। रश्मि शुक्ला ने वर्ष 2017-18 में पुणे पुलिस आयुक्त रहते चार जनप्रतिनिधियों के 6 फोन टैप किए थे। नाना पटोले का फोन अमजद खान नाम का ड्रग पेडलर बताकर टेप किया गया। इसी तरह बच्चू कडू का नंबर भी विद्यार्थियों को ड्रग्स बेचने वाला निजामुद्दीन बाबू शेख बताकर टैप किया गया। भाजपा के ही तत्कालीन सांसदसंजय काकडे का मोबाइल दरवेश सुतार के नाम पर टैप किया गया, भाजपा के तत्कालीन विधायक आशीष देशमुख के दो फोन टैप किए गए एक में उनका नाम रघु चोरगे और हिना सालुंखे नाम से फोन टैप किया गया।
एनआईए जांच कहां तक पहुंची?
गृह मंत्री ने कहा कि मुकेश अंबानी के घर के बाहर जिलेटिन की छड़ रखने के मामले में एनआईए ने क्या जांच की, हमें मालूम नहीं, लेकिन एक पुलिस अधिकारी ने गलत जानकारी दी कि उससे 100 करोड़ मांगे गए, उस पर ईडी, इनकम टैक्स, सीबीआई के छापे पड़े। एक केस में पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख और उनके रिश्तेदारों के घर पर 90छापे मारे गए। किसी व्यक्ति को खत्म करना है तो किस तरह से सरकारी मशीनरी का दुरूपयोग किया जाता है, यह इसका उदाहरण है।
कोरोना के वक्त दर्ज मामले होंगे वापस
गृह मंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी के वक्त बनाए गए नियमों का उल्लंघन करने पर राजनीतिक दलों पर आईपीसी की धारा 188 के तहत दर्ज मामले वापस लिए जाएंगे। हालांकि इस बारे में अंतिम निर्णय अदालत का होगा।
पुलिस अधिकारी को हटाया तो गिरेगा मनोबल
अमरावती के विधायक रवि राणा के खिलाफ हुई कार्रवाई के मामले में पुलिस अधिकारी को निलंबित की मांग को वलसे पाटील ने यह कह कर खारिज कर दिया कि इससे पुलिस का मनोबल गिरेगा। उन्होंने कहा कि इस मामले में शिकायत की जांच की जाएगी।
सीबीआई जांच के लिए जाएंगे अदालत: फडणवीस
विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि हम कोर्ट पर पूरा भरोसा है। इस मामले की जांच सीबीआई को देनी चाहिए। यदि जांच सीबीआई को नहीं दी गई तो हम अदालत जाएंगे। सरकार ने यह केस सीबीआई को नहीं सौंपा, इसलिए हम विरोध करते हुए सभात्याग करते हैं।
Created On :   14 March 2022 10:28 PM IST