कर्मचारियों की हड़ताल के बीच बढ़ी बिजली की मांग, अंधेरे में नहीं डूबने देंगे राज्य

Demand for electricity increased amid workers strike, states will not allow drowning in darkness
कर्मचारियों की हड़ताल के बीच बढ़ी बिजली की मांग, अंधेरे में नहीं डूबने देंगे राज्य
ऊर्जा मंत्री राऊत का दावा कर्मचारियों की हड़ताल के बीच बढ़ी बिजली की मांग, अंधेरे में नहीं डूबने देंगे राज्य

डिजिटल डेस्क, मुंबई। कर्मचारी संगठनों के देशव्यापी हड़ताल के दौरान सोमवार को महावितरण के 51 फीसदी कर्मचारी काम पर नहीं पहुंचे। मंगलवार को भी सुबह आठ बजे से शाम 4 बजे की पहली शिफ्ट में महावितरण के 48 फीसदी से ज्यादा कर्मचारी गैरहाजिर रहे। महावितरण के साथ महानिर्मिति और महापारेषण के बड़ी संख्या में कर्मचारी भी दोनों दिन नदारद रहे। राज्य में गर्मी बढ़ने के चलते बिजली की मांग बढ़ कर 28 हजार मेगावाट तक पहुंच गई है वहीं कर्मचारियों की हड़ताल के चलते उत्पादन कम हुआ है। फिलहाल डेढ़ से ढाई हजार मेगावॉट बिजली बाहर से खरीदनी पड़ रही है। ऊर्जा मंत्री नितिन राऊत का दावा है कि परेशानी के बावजूद राज्य में लोडशेडिंग की स्थिति उत्पन्न नहीं होने दी जाएगी। सरकार भी हड़ताली संगठनों से बातचीत कर मामले का हल निकालने की कोशिश कर रही है। साथ ही सरकार विपरीत परिस्थितियों में भी राज्य को अंधेरे में नहीं डूबने देगी। महावितरण से मिले आंकड़ों के मुताबिक सोमवार को सुबह की शिफ्ट में महावितरण के कुल 24 हजार 733 कर्मचारियों में से 12703 कर्मचारी गैरहाजिर रहे। 920 कर्मचारी पहले से छुट्टी या सरकारी दौरे पर थे। द्वितीय श्रेणी के सबसे ज्यादा 77 फीसदी कर्मचारी हड़ताल में शामिल रहे। रात की शिफ्ट में भी 32.52 फीसदी कर्मचारी काम पर नहीं पहुंचे। मंगलवार की सुबह भी 19074 कर्मचारियों में से 9184 काम पर नहीं आए। सोमवार को महानिर्मिति के 1325 कर्मचारियों में से 313 अनुपस्थित रहे और 1012 काम पर हाजिर रहे। मंगलवार को 37 फीसदी कर्मचारी हड़ताल में शामिल रहे। मंगलवार को महापारेषण के 31.41 फीसदी कर्मचारी हड़ताल के चलते काम पर नहीं पहुंचे। 

बिजली उत्पादन प्रभावित

फिलहाल महानिर्मिति की क्षमता 10886 मेगावॉट की है। तकनीकी वजहों से 16 फीसदी यानी 2080 मेगावॉट बिजली का उत्पादन कम हो रहा है। कोयले की कमी के चलते भुसावल में 210 मेगावॉट क्षमता वाली यूनिट 3 और परली की यूनिट 6 बंद है। चंद्रपुर की युनिट 6 में 500 मेगावॉट और नाशिक की युनिट 4 में 210 मेगावॉट बिजली की उत्पादन तकनीकी वजहों से ठप है। उरण स्थित युनिट 2 गैस की कमी के चलते बंद है। इसके अलावा कोयना घाटघर वैतरणा और दूसरे जलविद्युत परियोजनाओं  पानी और हड़ताल के चलते 240 मेगावॉट बिजली का उत्पादन ठप है। 

 

Created On :   29 March 2022 9:40 PM IST

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