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डिमांड 2000 से ज्यादा रेमडेसिविर की मिले महज 893, हर हॉस्पिटल में हड़कम्प
इंजेक्शन को लेकर मरीज परेशान, कुछ अस्पताल प्रबंधनों ने कहा- खुद करें इंतजाम, प्रशासन के प्रयास नाकाफी
डिजिटल डेस्क जबलपुर । कोविड के इलाज में भले ही नामी डॉक्टर रेमडेसिविर को उतना जरूरी नहीं मान रहे, लेकिन इसके बाद भी इंजेक्शन की डिमांड इतनी ज्यादा बढ़ गई है कि इसे पूरा करने में शासन और प्रशासन की साँसें फूल रही हैं। हर हॉस्पिटल में हड़कम्प की स्थिति है। बुधवार को 2000 से ज्यादा इंजेक्शनों की डिमांड रही, लेकिन सिर्फ 893 इम्पुल ही हासिल हो पाए। कोरोना के संक्रमण में बेड, ऑक्सीजन और फिर रेमडेसिविर इंजेक्शन की किल्लत हो रही है। अधिकांश अस्पतालों में िबस्तर फुल हैं, जहाँ मरीज भर्ती हैं उन्हें ऑक्सीजन की कमी चाहे जब हो रही है। दूसरी तरफ एक और बड़ी परेशानी रेमडेसिविर की है। जानकारों का कहना है कि कालाबाजारी पर शिकंजा कसने के बाद भी रेमडेसिविर की जरूरत पूरी नहीं हो पा रही है।
परिजन रो-बिलख रहे, गिड़गिड़ा रहे
रेमडेसिविर के एक-एक इंजेक्शन के लिए मारामारी मची हुई है। दवा बाजार, हॉस्पिटल के बीच भागदौड़ थमने का नाम नहीं ले रही। परिजन मेडिकल स्टोर्स संचालकों के आगे रो रहे हैं, गिड़गिड़ा रहे हैं। इसके बावजूद निराश होकर लौट रहे हैं। कुछ अस्पताल प्रबंधनों ने इंजेक्शन के इंतजाम की जिम्मेदारी मरीज के परिजनों पर ही छोड़ दी है।
अस्पताल पहुँचे अफसर, स्टॉक की चैकिंग
रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी को रोकने के लिए जिला प्रशासन की टीम कटंगी रोड स्थित संस्कारधानी हॉस्पिटल पहुँची और स्टॉक की जाँच पड़ताल की। एसडीएम नम: शिवाय अरजरिया और आशीष पांडे ने बताया कि बिल की जाँच की गई है जिनमें कुछ अनियमितताएँ मिली हैं।ऑक्सीजन के लिए अतिरिक्त 4800 रु लिए जा रहे हैं, जबकि डिस्प्ले बोर्ड पर इसके लिए ?100 प्रतिदिन की रेट नियत है। नेबुलाइजेशन की दर भी निर्धारित रेट से अधिक मिली। इसी प्रकार कुछ अन्य अनियमितताएँ भी मिली हैं जिसे देखते हेतु अस्पताल प्रबंधन को नोटिस जारी किया गया है।
Created On :   22 April 2021 3:58 PM IST