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फेस्टिवल सीजन में प्याज की डिमाण्ड कम, तो भी चार दिन में 40 से 80 रुपए हो गई
लोकल आवक न होने से इस बार अब तक नहीं घट सके सब्जियों के दाम, अभी कम से कम एक माह और इसी तरह महँगी कीमत में लेनी पड़ेगी
डिजिटल डेस्क जबलपुर । फेस्टिवल सीजन में जब मसाले के रूप में उपयोग की जाने वाली प्याज की डिमाण्ड औसत रूप से कम है उसी समय इसकी कीमतों में तेजी से इजाफा हुआ है। इस सब्जी की कमी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि शहर में बीते 4 दिन पहले तक प्याज जहाँ 40 से 50 रुपए बिक रही थी तो बुधवार को इसकी कीमत 80 रुपए प्रति किलो तक पहुँच गई। निम्न क्वालिटी की प्याज जो आमतौर पर एकदम कम कीमत में बिकती है वह भी इस समय 70 रुपए से नीचे नहीं बिक रही है। प्याज की कीमत में तेजी होने के पीछे कारण बताया जा रहा है कि इसका एक्सपोर्ट फिर से शुरू हो गया है, साथ ही इसकी मालवा क्षेत्र से जबलपुर में आवक अभी नहीं है। प्याज की तरह ही आलू के दाम भी आसमान पर हैं। शहर में फुटकर आलू प्रति किलो अलग-अलग बाजारों में 50 से 55 रुपए तक बेचा जा रहा है।
सब्जियों के बढ़े दाम को लेकर व्यापारियों का कहना है कि जहाँ से इन सब्जियों की सप्लाई होती है वहाँ पर बेमौसम बारिश ने इस पर असर डाला है। इसके साथ ही स्थानीय आवक अब तक आरंभ नहीं हो सकी है जिससे कीमतों में कोई असर नहीं हो रहा है। नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, दमोह और पड़ोसी जिलों से जो सब्जियाँ आती थीं वे भी अभी तक तैयार नहीं हो सकी हैं। इसका सीधा असर कहीं न कहीं कीमतों पर पड़ा है। आने वाले 20 से 25 दिनों बाद ही दामों में कुछ गिरावट हो सकती है क्योंकि लोकल सब्जियाँ ठण्ड में तेजी से बाजारों तक आयेंगी उससे पहले फिलहाल राहत मुश्किल है।
....तो आयेगी कुछ कमी
जानकारों का कहना हैकि मानसून सीजन खत्म होने के बाद अब बारिश लगभग थम चुकी है। इन हालातों में खेतों में जो फसल है वह तैयार तो हो गई है लेकिन कटाई की स्थिति तक नहीं आ सकी है। जब स्थानीय उत्पादन आने लगेगा तो अभी जो बढ़े हुये दाम हैं उनमें कुछ हद तक नियंत्रण हो सकता है। खासकर आलू, टमाटर, बैगन, भाजियों के दाम में तेजी के साथ कमी आ जाएगी। इससे पहले फिलहाल सब्जियों के बढ़े हुये दामों में कमी आना संभव नहीं लग रहा है। यह स्थिति अभी कम से कम एक माह तक रह सकती है।
बाजारों में औसत
प्याज 70 से 80
आलू 50 से 55
शिमला मिर्च 70 से 80
टमाटर 40 से 50
पालक भाजी 30 से 40
लौकी 30 से 40
गोभी 20 से 40 रु./ नग
पत्ता गोभी 40 से 50
बैगन 30 से 40
(सभी सब्जियाँ रुपए प्रति किलो )
सप्लाई अब भी करीबी राज्यों से
अभी जो भी सब्जियाँ आ रही हैं वे राज्य से कम और आसपास के प्रदेशों से ज्यादा आ रही हैं। इन हालातों में ढुलाई, बीच का कमीशन कई स्तरों में जुड़कर इनकी कीमत ज्यादा हो जाती है। किसान को भले ही उतना लाभ न मिले लेकिन बीच वाले मुनाफा कमा ही ले जाते हैं। जब यही सब्जियाँ छिंदवाड़ा, सिवनी, जबलपुर के ग्रामीाण इलाकों से आना शुरू होंगी तो इनके दामों में अचानक गिरावट आ जाती है।
Created On :   22 Oct 2020 8:15 AM GMT