प्राध्यापक संघ की माँग- पहले विवि में बैठे अयोग्य कुलपतियों को बाहर किया जाए

Demand of Professors Association - First disqualified vice-chancellors sitting in the university should be excluded
प्राध्यापक संघ की माँग- पहले विवि में बैठे अयोग्य कुलपतियों को बाहर किया जाए
कुलपतियों की रेस से बाहर होंगे कॉलेजों के प्रोफेसर! प्राध्यापक संघ की माँग- पहले विवि में बैठे अयोग्य कुलपतियों को बाहर किया जाए

डिजिटल डेस्क जबलपुर । आने वाले समय में कुलपतियों  की रेस से कॉलेजों के प्रोफेसर बाहर हो जाएँगे। वजह कॉलेजों के प्रोफेसर्स को सर्च कमेटी में शामिल न किया जाना है। इससे संबंधित प्रस्ताव स्थायी समिति की बैठक में पास किया जा चुका है। अब इसे आज भोपाल में आयोजित होने वाली समन्वय समिति की बैठक में रखा जाएगा। ये प्रस्ताव मंजूर होने के बाद कुलपति का चयन करने राजभवन द्वारा बनाई जाने वाली सर्च कमेटी में कॉलेज के प्रोफेसरों की भागीदारी खत्म हो जाएगी। कुलपति बनने सिर्फ विवि के प्रोफेसर ही वरीयता हासिल कर सकेंगे। जो सामान्य तौर पर अपने व्यक्तियों का ही चुनाव कुलपति बनने के लिए करेंगे। अभी तक कई कॉलेजों के प्रोफेसर कुलपति बन चुके हैं और वर्तमान में कुलपति पद पर मौजूद भी हैं। लेकिन प्रस्ताव पारित होने के बाद ये संभव होना थोड़ा मुश्किल होगा।  बताया जा रहा है कि स्थायी समिति में पारित हुए प्रस्ताव में सिर्फ दो कुलपतियों ने सहमित दी है। इसमें बरकतउल्ला विवि भोपाल और देवी अहिल्या विवि इंदौर के कुलपति शामिल हैं। ये दोनों कुलपति जीवाजी विवि ग्वालियर में प्रोफेसर रहे हैं। बैठक में मौजूद अन्य कुलपतियों ने इसका पूरा विरोध किया था, उसके बावजूद प्रस्ताव को पारित कर राजभवन की समन्वय समिति के एजेंडे में शामिल कर दिया गया।
इनका कहना है
इस प्रकार के प्रस्ताव पारित नहीं होने चाहिए। यदि ये पारित हो जाता है तो शासकीय महाविद्यालयों के प्राध्यापक इसका विरोध करेंगे और जरूरत पड़ी तो न्यायालय की शरण में जाएँगे।
डॉ. अरुण शुक्ला, संभागीय अध्यक्ष, शासकीय प्राध्यापक संघ
 

Created On :   25 Aug 2021 3:14 PM IST

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