धर्म के नहीं, संविधान के आधार पर मांगें हक-आरिफ मो. खान

Demand rights on the basis of constitution, not religion: Arif Mohd. khan
धर्म के नहीं, संविधान के आधार पर मांगें हक-आरिफ मो. खान
नागपुर धर्म के नहीं, संविधान के आधार पर मांगें हक-आरिफ मो. खान

डिजिटल डेस्क, नागपुर. पश्चिमी देशों के लोकतंत्र को देखें, तो उन देशों में लोकतांत्रिक व्यवस्था लागू होने के बावजूद अश्वेतों और महिलाओं को लंबे समय तक अपने हक और अधिकारों के लिए संघर्ष करना पड़ा। लेकिन भारत दुनिया का पहला एेसा लोकतंत्र है, जहां पहले दिन से ही लिंग, संप्रदाय या नस्ल के आधार पर भेदभाव नहीं किया गया। देश में इतना खूबसूरत संविधान होने के बावजूद आज लोग धर्म के आधार पर अपना अधिकार मांगते हैं, जबकि उन्हें संविधान में उल्लेखित प्रावधान के आधार पर अपने हक की आवाज उठानी चाहिए। केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान गुरुवार को राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय में आयोजित व्याख्यान में बतौर मुख्य वक्ता बोल रहे थे। पद्मभूषण मौलाना अब्दुल करीब पारेख की स्मृति में नागपुर विश्वविद्यालय और ह्यूमेनिटी चैरेटेबल ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में "राष्ट्र प्रगति के लिए विभिन्न धार्मिक समुदायों के बीच शांति और सद्भावना" विषय पर यह व्याखान आयोजित किया गया था। 

संदेश को समझा ही नहीं : खान ने कहा कि देश का कोई भी धार्मिक ग्रंथ उठा कर देख लिजिए, सबके मूल में यही संदेश छिपा है कि मनुष्य को दूसरे मनुष्य और जीव के साथ एकात्मता के संबंध बनाने हैं, लेकिन हमने इन धार्मिक ग्रंथों के संदेश को समझा ही नहीं। इस देश में धर्म का सबसे अधिक इस्तेमाल अपने मतलब की रोटी सेंकने के लिए हुआ है। याद रखें कि एक चाकू का इस्तेमाल गृहिणी सब्जी काटने के लिए करती है और एक चोर लोगों की जेबें काटने के लिए। आप धर्म का इस्तेमाल कैसे करते हैं, ये अधिक मायने रखता है।  
जवाबदेही तो बनती है : प्राचीन ग्रंथों के हवाले से खान ने कहा कि हमारे देश में कर्म और उसके फल की बहुत मान्यता है। आपने जो हरकत की है, उसका नतीजा आपको भुगतना ही पड़ता है। खासकर जब आप एक उच्च पद पर बैठे होते हैं, तो आपकी हर मूर्खता के लिए आप ही जवाबदेह माने जाएंगे। इस तथ्य को समझ कर हमें आचरण करना है। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता नागपुर विवि के कुलगुरु डॉ.सुभाष चौधरी ने की। मंच पर ह्यूमेनिटी चैरेटेबल ट्रस्ट के माजिद पारेख, इस्लामिक स्कॉलर फैज-उर-रहमान, प्र-कुलगुरु डॉ.संजय दुधे और कुलसचिव डॉ.राजू हिवसे की उपस्थिति थी। 

Created On :   21 Oct 2022 6:26 PM IST

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