हड़ताल जल्द समाप्त करने की मांग - परेशान सरकारी मेडिकल कॉलेज के रेजिडेंट डॉक्टर

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मुख्यमंत्री को पत्र हड़ताल जल्द समाप्त करने की मांग - परेशान सरकारी मेडिकल कॉलेज के रेजिडेंट डॉक्टर

डिजिटल डेस्क, मुंबई। पुरानी पेंशन योजना को लेकर चल रही सरकारी कर्मचारियों की हड़ताल अब लंबी खींचती जा रही है। इस हड़ताल से जहां सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवा लड़खड़ा रही है वहीं अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टर्स भी हलाकान हो गए है। हड़ताल के चलते इन डॉक्टरों पर भार बढ़ गया है। इन्हें अब 24 घंटे ऑन ड्यूटी रहना पड़ रहा है। हड़ताल से हताश हो चुके इन डॉक्टरों ने अब मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर अपना दुखड़ा सुनाया है और हड़ताल को जल्द से जल्द समाप्त करने की मांग की है। बता दें कि 14 मार्च से पुरानी पेंशन योजना को लेकर सरकारी कर्मचारी अनिश्चित काल के लिए हड़ताल पर है। इस हड़ताल में राज्य सरकार के मेडिकल कॉलेज, जिला व उपजिला अस्पताल के नर्सेस सहित चतुर्थ श्रेणी के 35 हजार कर्मचारी भी शामिल है। इनके हड़ताल में शामिल होने से मरीजों के इलाज से लेकर मरीजों की देखभाल तक का जिम्मा अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टर पर आ गया है। रेजिडेंट डॉक्टरों की संगठन सेंट्रल मार्ड के अध्यक्ष डॉ. अविनाश दहिफले ने बताया कि इस हड़ताल के चलते मरीजों का इलाज प्रभावित हो रहा है। उन्होंने बताया कि हड़ताल के कारण रेजिडेंट डॉक्टरों को नर्सेस से लेकर चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों का काम करना पड़ रहा है। डॉ. दहिफले ने बताया कि कई विभागों के द्वार खोलने से लेकर उसे बंद करने की जिम्मेदारी रेजिडेंट डॉक्टरों पर आ गई है। पहले की तुलना में इन डॉक्टर्स का ड्यूटी समय भी बढ़ गया है। कुछ डॉक्टरों को तो 24 घंटे काम करना पड़ रहा है। इसलिए हमने इस हड़ताल को जल्द से जल्द समाप्त करने की मांग मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से की है।

पढ़ाई हो रही है बाधित

डॉ. दहिफले के मुताबिक राज्य सरकार के मेडिकल कॉलेज व अस्पतालों में करीब 8 हजार रेजिडेंट डॉक्टर है। इनमें से 2500 रेजिडेंट डॉक्टर के पोस्ट ग्रेजुएट की अंतिम वर्ष की परीक्षा मई में होनेवाली है। हड़ताल के चलते पढ़ाई के लिए बने स्टडी रूम भी बंद पड़े हुए हैं। इसकी वजह से इन डॉक्टरों की पढ़ाई भी बाधित हो रही है। 

गंदगी भी बनी हुई है

हड़ताल के चलते डॉक्टरों के छात्रावास से लेकर अस्पतालों में सफाई ठीक तरह से नहीं हो रही है। अस्पतालों में जगह- जगह गंदगी के दृश्य आसानी से देखे जा सकते है। इससे न सिर्फ अस्पताल में इलाज के लिए आनेवाले मरीजों के स्वास्थ्य पर परिणाम हो रहा है वहीं डॉक्टर भी इस गंदगी से जूझ रहे हैं। 

Created On :   20 March 2023 8:18 PM IST

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