जेल में बंद लोगों को मतदान की अनुमति देने से मजबूत नहीं होगा लोकतंत्र

Democracy will not be strengthened by allowing jailed people to vote
जेल में बंद लोगों को मतदान की अनुमति देने से मजबूत नहीं होगा लोकतंत्र
हाईकोर्ट जेल में बंद लोगों को मतदान की अनुमति देने से मजबूत नहीं होगा लोकतंत्र

डिजिटल डेस्क, मुंबई। जेल में बंद कैदियों को मतदान की अनुमति से लोकतंत्र मजबूत नहीं होगा। राजनीति का आपराधिकरण रोकने के लिए जन प्रतिनिधित्व कानून की धारा 62 (5) के तहत ऐसे कैदियों को मतदान से रोकने का प्रावधान किया गया है। बांबे हाईकोर्ट ने राज्य के मंत्री नवाब मलिक व विधायक अनिल देशमुख को 20 जून को होनेवाले राज्य विधानपरिषद के चुनाव के दौरान मतदान के लिए जेल से रिहा करने की अनुमति देने से इंकार करते हुए यह बात कही है। 

23 पन्नों के अपने विस्तृत फैसले में न्यायमूर्ति एनजे जमादार ने कहा है कि लोकतांत्रिक सिंद्धांत तभी मजबूत होगे जब चुनावी प्रक्रिया साफसुथरी होगी और इसमें हिस्सा लेनेवाले लोग ईमानादर होंगे। ऐसे में राजनीति का आपराधिकरण रोकने के उद्देश्य से जन प्रतिनिधित्व कानून के तहत जैल में बंद शख्स के मतदान पर प्रतिबंध लगाया गया है। न्यायमूर्ति ने स्पष्ट किया है कि मतदान का अधिकार अपने आप में पूर्ण अधिकार नहीं है। यह अधिकार कानूनी निर्बंधों के अधीन है। न्यायमूर्ति ने कहा कि जहां तक बात अदालत के विशेधाधिकार के इस्तेमाल करने की है तो यह विरल परिस्थिति में किया जाता है। न्यायमूर्ति ने उदाहरण के तौर पर कहा कि यदि किसी को सिर्फ मतदान करने से रोकने के लिए दुर्भावना से चुनाव के ऐन वक्त पर हिरासत में लिया जाता है तो ऐसी परिस्थिति में कोर्ट अपने विशेषाधिकार का प्रयोग कर सकता है किंतु जहां तक बात मंत्री मलिक व विधायक देशमुख की है तो वे काफी समय से जेल में बंद हैं। इसलिए इस मामले में हम अपने विशेषाधिकार का इस्तेमाल नहीं कर सकते। क्योंकि विशेषाधिकार का इस्तेमाल कानूनी बंधन के दायरे में रहकर हो सकता है। 

मनी लांड्रिग के आरोपों का सामना कर रहे मंत्री मलिक व विधायक अनिल देशमुख फिलाहल न्यायिक हिरासत में है। विधायक देशमुख फिलहाल जेल में हैं। जबकि मंत्री मलिक को कोर्ट ने निजी अस्पताल में इलाज की छूट दी है। इसलिए वे अस्पताल में अपना इलाज करा रहे हैं। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के इन दोनों नेताओं ने विधानपरिषद चुनाव के दौरान मतदान के लिए कुछ घंटों के लिए न्यायिक हिरासत से रिहा किए जाने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में आवेदन दायर किया था। जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया है। 
 

Created On :   18 Jun 2022 6:14 PM IST

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