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डेंगू का दंश: शहर में फिर मिले छह डेंगू पॉजिटिव, तेजी से बढ़ रहा प्रकोप
- घनी आबादी वाले क्षेत्र हाई रिस्क, टीम ने शुरू किया सर्वे
डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा। शहर के घनी आबादी वाले क्षेत्र के रहवासी इन दिनों डेंगू के एडीज मच्छरों का दंश झेल रहे है। शनिवार को एलाइजा टेस्ट में गुलाबरा, दीवानचीपुरा, श्रीवास्तव कॉलोनी और बड़ा इमामवाड़ा में छह नए डेंगू पॉजिटिव मिले है। इन क्षेत्रों में टीम भेजकर लगभग सभी घरों में लार्वा सर्वे किया गया है। अधिकांश घरों में मच्छरों के लार्वा मिले है। जिन्हें टीम द्वारा नष्ट किया गया। इसके पूर्व भी आठ मरीज मिल चुके है। यह आंकड़ा सरकारी रिकार्ड में दर्ज है।
वहीं दूसरी ओर निजी अस्पतालों की बात करें तो लगभग साठ मरीज अभी तक डेंगू की चपेट में आ चुके हैं। रेपिड से जांच होने की वजह से इन्हें सरकारी आंकड़े में शामिल नहीं किया गया है। शहर में तेजी से बढ़ रहे मच्छरों के आतंक से मलेरिया विभाग में खलबली मची हुई है। अब विभाग द्वारा दस से अधिक टीमें गठित कर शहर की घनी आबादी वाले क्षेत्रों को चिन्हित कर लार्वा नष्टीकरण सर्वे की तैयारी की जा रही है।
तीन क्षेत्रों में सर्वे कर किया लार्वा नष्ट-
शहर के गुलाबरा, दीवानचीपुरा, श्रीवास्तव कॉलोनी और बड़ा इमामवाड़ा में पॉजिटिव मिले है। इन क्षेत्रों में चार अलग-अलग टीमों ने सर्वे किया। लगभग हर क्षेत्र के 60-60 घरों का सर्वे किया गया। इनमें से अधिकांश घरों में मच्छरों के लार्वा मिले। टीम ने मच्छरों के लार्वा नष्ट कर दवा का छिड़काव किया।
वातावरण अनुकूल, तेजी से पनप रहे मच्छर-
विभागीय अधिकारियों के मुताबिक शहरी क्षेत्र में अचानक बारिश ठहरने से वातावरण में नमी आ गई थी। यह मौसम मच्छरों के प्रजनन और लार्वा पनपने के लिए अनुकूल होता है। तेज बारिश न होने से ठहरे पानी में लार्वा तेजी से पनप रहे है। लगभग हर घर में इन दिनों मच्छरों का आतंक बना हुआ है।
डेंगू के सामान्य लक्षण...
- अचानक तेज बुखार 104 डिग्री के ऊपर हो।
- सिर दर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्ज।
- आंखों के पीछे दर्द होना जो आंख घुमाने पर बढ़ता है।
- छाती एवं हाथ के ऊपरी भाग पर खसरे जैसे लाल दाने निकलना।
- जी मिचलाना और उल्टियां होना।
डेंंगू के गंभीर लक्षण...
- नाक और मसूड़ों से खून आना।
- पेट में तेज दर्द होना।
- अत्याधिक प्यास लगना और मुंह सूखना।
- प्लेटलेट्स की संख्या 40 हजार से कम होना।
यहां पनपते है एडीज मच्छर...
- कूलर में एकत्रित साफ पानी में।
- पानी की टंकी और ड्रम में।
- छत पर रखी पानी की खुली टंकी में।
- गड्ढों में एकत्र साफ पानी में।
- टायर, बोतल, डिस्पोजल कप, मटके में जमा पानी में।
क्या कहते हैं अधिकारी-
शहर के लगातार डेंगू पेशेंट बढ़ रहे है। घनी आबादी वाले क्षेत्रों में मरीजों की संख्या अधिक है। सोमवार से ऊषा कार्यकर्ता को साथ लेकर दस टीम बनाई जा रही है। हाई रिस्क क्षेत्रों में सर्वे कर लार्वा नष्टीकरण कराया जाएगा।
- देवेन्द्र भालेकर, जिला मलेरिया अधिकारी
Created On :   31 July 2021 11:37 PM IST