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डेंगू का डंग: एक दिन में 23 नए मरीज, सीजन में सबसे ज्यादा
डिजिटल डेस्क जबलपुर। शहर में अब डेंगू बुखार निचली बस्तियों से लेकर पॉश इलाके तक अब जानलेवा साबित हो रहा है। शनिवार को डेंगू के सबसे अधिक 23 मामले सामने आये। आईसीएमआर और जिला अस्पताल की लैब में 252 नमूनों की जाँच की गई, जिसमें 23 पीडि़तों की रिपोर्ट पॉजिटिव है। सरकारी रिकॉर्ड में पीडि़तों की संख्या तेजी से बढऩे का मतलब यही है िक यह बुखार अब शहर के हर इलाके में कहर बरपा रहा है। निजी अस्पतालों में मरीजों की कतारें है और मिन्नतों के बाद भी बेड नहीं मिल पा रहा है। जो हालात हॉस्पिटल में बेड को लेकर हैं वही स्थिति ब्लड बैंक में ब्लड प्लेटलेट्स को लेकर बनी हुई है। एक्सपट्र्स के अनुसार यदि बचाव के लिए जरूरी कदम सतर्कता के साथ नहीं उठाये गये तो यह बुखार तेजी से और ज्यादा बस्तियों तक अपने पैर पसार सकता है।
फॉलोअप के लिए कंट्रोल रूम में ट्रेनिंगट्ट-
इधर जिला मलेरिया विभाग की टीम ने प्रभावित क्षेत्रों में पहुँचकर डेंगू पीडि़तों का फॉलोअप लिया। जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. राकेश पहारिया के अनुसार फॉलोअप के लिए मलेरिया विभाग और नगर निगम के अलावा अब कोरोना कंट्रोल रूम को भी निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए शनिवार को कंट्रोल रूम में ट्रेनिंग भी दी गई। टीम ने 1018 घरों में सर्वे किया, जिसमें 47 घरों के 63 कंटरनरों में डेंगू के लार्वा पाए गए। इसके अलावा 617 बुखार पीडि़तों की जाँच आरडी किट के द्वारा की गई।
जाँच रिपोर्ट, फाइल देखेंगे तब बेड मिलेगा -
शांतिनगर निवासी सुरेश गुप्ता को सिर दर्द, मांसपेशियों में दर्द डेंगू बुखार के पूरे क्लासिकल लक्षण मिले। एक निजी हॉस्पिटल में पीडि़त भर्ती होने गया तो बिस्तर नहीं मिल सका। कंसल्टेंट ने कहा कि जब तक जाँच रिपोर्ट और पूरी फाइल नहीं देखेंगे तब तक बेड मिलना संभव नहीं है। पहले से बेड को लेकर लंबी कतार लगी है। दिन भर में ऐसे अनेक मरीज हैं जो बेड फुल होने की वजह से यहाँ से वहाँ भटक रहे हैं।
अगले डेढ़ माह तक ज्यादा खतरा
एक्सपर्ट के अनुसार सितंबर माह में हमेशा मच्छर जनित रोग ज्यादा फैलते हैं। इस माह में हमेशा बारिश कुछ थमने के बाद यह जानलेवा बुखार ज्यादा लोगों को अपनी गिरफ्त में लेता है, इस लिहाज से इस मर्ज से सतर्क रहने की जरूरत है। मेडिकल स्पेशलिस्ट डॉ. अजय तिवारी, डॉ. पंकज क्षत्रिय कहते हैं कि खासकर इसको लेकर अगले डेढ़ माह तक विशेष सावधानी की जरूरत है। इसमें थोड़ी सी लापरवाही सीधे भर्ती होने की नौबत ला सकती है।
एक नजर इस पर भी -
शहर में अनुमानित मरीज -1800-2000
सरकारी रिकॉर्ड में मरीजों की संख्या -284
सरकारी रिकॉर्ड में मौतें -0
Created On :   4 Sept 2021 10:40 PM IST