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छत्तीसगढ़ से मंडला में फैल रहा है मलेरिया, कागज पर हो रहा सर्वे
डिजिटल डेस्क, मंडला। जिले के मवई और बिछिया में मलेरिया का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है। मलेरिया नियंत्रण माह में कागजी फीवर रेपिड सर्वे के चलते इस पर नियंत्रण नहीं हो पाया है। मवई और बिछिया में रोजाना मलेरिया के मरीज आ रहे है।
गौरतलब है कि वनाचंल में हर साल मलेरिया पैर पसारता है। बिछिया और मवई में छत्तीसगढ़ से माइग्रेट होकर मलेरिया आ रहा है, लेकिन विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के कारण यहां जून माह में फीवर रेपिड सर्वे कागज में किया गया है। इससे मलेरिया के पीड़ित मरीजों का उपचार समय पर नहीं हो पा रहा है। मलेरिया नियत्रंण के लिए दवा का छिड़काव करने में भी लापरवाही बरती गई है। विभाग के मुताबिक 301 गांव में छिड़काव होना था, लेकिन 291 में दवा का छिड़काव हो चुका है।
अस्पताल में डेंगू का लार्वा
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के हालात भी किसी से छुपे नहीं है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मोहगांव के छत पर पानी भरा है। यहां डेंगू का लार्वा पनप रहा है। स्वास्थ्य विभाग के अस्पताल में लार्वा होने के बाद भी सफाई नहीं हुई है। सूरज कुंड गांव में भी डेंगू का लार्वा मिला है। विभाग को खबर होने के बाद भी जिम्मेदार अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की है।
जिम्मेदार अधिकारी ही लापरवाह
विभाग के मैदानी अमले की भी लापरवाही सामने आई है। विभाग के पास प्रचार प्रसार के करीब सवा लाख रूपए होने के बाद जागरूकता पर खर्च नहीं किए गए। हर साल राशि खर्च हो जाती है, लेकिन जागरूकता नहीं आ रही है। मैदानी अमला भी यह नहीं बता रहा है कि मच्छर पनपने से रोकने के लिए क्या किया जाए। विभाग के पदस्थ अधिकारियों ने मॉनीटरिंग में ध्यान नहीं दिया। जिससे मवई और बिछिया में मलेरिया के केस बढ़ रहे है, जिसमें बिछिया के बटवार में एक ही परिवार के तीन केस आमने आए है और मवई के अमबार में एक दिन में 4 पॉजीटिव केस निकले है।
Created On :   28 July 2017 5:51 PM IST