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डेंगू का डंक: 24 घंटे में फिर मिले 5 नए मरीज
डिजिटल डेस्क जबलपुर। कोरोना संक्रमण का ग्राफ कम होते ही डेंगू ने तेजी से पैर पसारना शुरू कर दिया है। रोज नए मामले सामने आ रहे हैं। सोमवार को भी स्वास्थ्य विभाग ने बीते 24 घंटे में 5 नए डेंगू के मामले रिपोर्ट किए हैं। इन मरीजों के नमूने निजी अस्पतालों से मँगाए गए थे। जानकारों की मानें तो सरकारी रिकॉर्ड में भले ही डेंगू के मामले करीब 20 ही हों, लेकिन वास्तविकता इससे कहीं अधिक डरा देने वाली है। सूत्रों के अनुसार शहर के निजी अस्पतालों में डेंगू के मरीजों की संख्या सैकड़ों में पहुँच गई है। इनमें न सिर्फ जबलपुर, बल्कि आस-पास के जिलों से भी आए मरीज शामिल हैं। कुछ बड़े निजी अस्पतालों के आँकड़े मिला दें तो संख्या 50 से ऊपर पहुँच रही है। सोमवार को ही रांझी के शांतिनगर और मानेगाँव पहुँचकर जिला मलेरिया विभाग की टीम ने सर्वे किया। आँकड़े बता रहे हैं कि अब कोरोना के साथ-साथ डेंगू के प्रति सतर्क रहने की जरूरत है, कहीं ऐसा न हो कि शहर को एक बार फिर 2018 जैसी स्थिति का सामना करना पड़े।
विक्टोरिया और मेडिकल कॉलेज में भर्ती हैं मरीज-
संभाग के सबसे बड़े अस्पताल मेडिकल कॉलेज में भी पिछले कुछ दिनों में डेंगू के मामले सामने आए हैं। वर्तमान में यहाँ 3 मरीज भर्ती हैं। इसके अलावा जिला अस्पताल विक्टोरिया में भी सोमवार को बच्चा वार्ड में भर्ती एक बच्ची की रिपोर्ट डेंगू पॉजिटिव आई है, वहीं कुछ दिन पूर्व ही 2 पीडि़त स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुए हैं। एक निजी अस्पताल में भी 15 मरीज होने की जानकारी मिली है, वहीं एक अन्य निजी अस्पताल में 5 मरीज हैं। यही स्थिति विभिन्न निजी अस्पतालों की है।
2018 में सबसे ज्यादा मामले-
वर्ष 2018 में जब डेंगू और चिकनगुनिया फैला था तब हर घर में इन बीमारियों के मरीज मिल रहे थे। जानकारों का कहना है िक उस समय शहर की बड़ी आबादी इन बीमारियों से ग्रसित हुई थी। प्रशासनिक आँकड़ों में उस साल डेंगू के 825 मामले सामने आए थे। यही नहीं इसी वर्ष चिकनगुनिया के 1543 मामलों ने भी रिकॉर्ड तोड़ा था।
डेंगू और चिकनगुनिया के लक्षण-
विशेषज्ञों के अनुसार तेज बुखार, सिर दर्द, जोड़ों तथा माँस पेशियों में दर्द, जी मचलाना तथा थकावट डेंगू और चिकनगुनिया के लक्षण हो सकते हैं। मसूडों से खून आना, त्वचा पर चकत्ते गंभीर अवस्था के लक्षण हैं। डेंगू के चलते मरीज के शरीर में ब्लड प्लेटलेट्स तेजी से कम होती हैं। सामान्य अवस्था में यह 1 लाख से 2 लाख के बीच होती हैं, लेकिन डेंगू की स्थिति में 50 हजार से नीचे आना गंभीर स्थिति है, जबकि कोरोना लक्षण इन लक्षणों से थोड़े भिन्न होते हैं।
ऐसे पहचानें मच्छर
- डेंगू और चिकनगुनिया एडीज नामक मच्छर के काटने से फैलता है और साफ पानी में ही पनपता है।
- मादा मच्छर दिन के समय ही काटती है। बचाव के लिए पूरी आस्तीन के कपड़े पहनें।
- इस मच्छर के शरीर पर सफेद चिट्टे साफ चमकते हुए दिखाई देते हैं।
बचाव के लिए क्या करें
- छत एवं घर के आसपास अनुपयोगी सामग्री में पानी जमा न होने दें।
- सप्ताह में एक बार घर पर पानी भरने के बर्तनों जैसे कि बाल्टी, डिब्बा आदि को खाली करें और अच्छी तरह सुखाएँ।
- कूलर का पानी हफ्ते में एक बार जरूर खाली करें और सुखाकर ही भरें।
- हैंडपंप के आसपास पानी एकत्रित न होने न दें।
- घर के आसपास गड्ढों को मिट्टी से भर दें।
लार्वा सैंपलिंग जारी
लार्वा विनष्टीकरण के लिए टोमोफास दवा उपयोग की जाती है, वहीं मच्छरों पर पाइरिथम का छिड़काव किया जाता है। नगर निगम के साथ मिलकर लार्वा सैंपलिंग का काम कराया जा रहा है। इसके लिए 9 टीमें सक्रिय हैं।
-डॉ. राकेश पहारिया, जिला मलेरिया अधिकारी
Created On :   26 July 2021 10:37 PM IST