मासूम को डेंगू - मैदानी अमले ने किया औपचारिक सर्वे, मरीज का जबलपुर में हुआ इलाज

Dengue to innocent - The field staff did a formal survey, the patient was treated in Jabalpur
 मासूम को डेंगू - मैदानी अमले ने किया औपचारिक सर्वे, मरीज का जबलपुर में हुआ इलाज
 स्वास्थ्य विभाग नहीं मान रहा प्राइवेट अस्पताल की रिपोर्ट  मासूम को डेंगू - मैदानी अमले ने किया औपचारिक सर्वे, मरीज का जबलपुर में हुआ इलाज

डिजिटल डेस्क मंडला। मंडला जिले में भी डेंगू ने दस्तक दी है। यहां बिछिया क्षेत्र के ग्राम घटिया में मासूम को जबलपुर में इलाज के दौरान डेंगू की जांच हुई है। जिसमें बालक पॉजिटिव आया है। स्वास्थ्य विभाग गाइडलाइन में एलाइजा टेस्ट से ही डेंगू की जांच होने पर पुष्टि मानते है। जिसके चलते केस आने के बाद यहॉ लापरवाही दिख रही है। यहां गांव में लार्वा और फीवर रेपिड सर्वे में अभियान चलाकर नहीं किया गया है। यह लापरवाही यहां भारी पड़ सकती है।जानकारी के मुताबिक बिछिया क्षेत्र के ग्राम घटिया में  अनिकेत पुष्पकार पिता संजु पुष्पकार को सर्दी के बाद बुखार आया। जिसके चलते परिजन इलाज के लिए बच्चे को जबलपुर के प्राइवेट अस्पताल ले गये। यहां प्रारंभिक डेंगू के लक्षण को देखते हुये एंटीजन जांच कराई गई। जिसमें बच्चा डेंगू पॉजिटिव आया है। यहां उपचार के बाद बच्चा स्वस्थ हो गया है और अस्पताल से छुट्टी मिल गई है।  लेकिन विभाग इस टेस्ट को नहीं मान रहा है। 
पड़ोसी जिलों से नही लिया सबक-
जबलपुर, छिंडवाड़ा, इंदौर में डेंगू के मामले लगातार सामने आ रहे है। यहां डेंगूू महामारी का रूप धारण कर रहा है। डिंडौरी में भी डेंगू के केस निकल रहे है। यहां के हालात से भी विभाग सबक नही ले रहा है। घटिया मेें केस मिलने के बाद भी विभाग लापरवाही बरत रहा है। विभाग के द्वारा यहां फीवर रेपिड सर्वे करने के बाद संदिग्धों को टेस्ट नहीं किया जाएगा, तो केस का पता कैसे चलेगा। मरीज के पिता के द्वारा स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को 3 सितम्बर से लगातार जानकारी दी गई है। लेकिन विभाग जरा भी गंभीरता नहीं दिखा रहा है।
गांव में वायरल के केस-
घटिया गांव में डेंगू का केस पॉजिटिव आने के बाद यहां ग्रामीणों में हड़कंप की स्थिति है। बारिश के मौसम में मौसमी बामारियों को प्रकोप है। गांव घटिया में भी वायरल के केस है। सर्दी, खांसी बुखार के मामले होने के कारण यहां फीवर रेपिड सर्वे और कैंप लगाने की जरूरत है। यहां गांव मेंं दवा छिडकांव और सफाई की मांग भी जा रही है।
इनका कहना है
बच्चे की प्राइवेट अस्पताल में एंटीजन जांच हुई है। विभाग की गाइडलाइन के मुताबिक एलाइजा टेस्ट ही मान्य है। हालाकि सतर्कता के तौर पर टीम को भेजा गया था, वहां टीम ने जाकर स्थिति देखी है, सर्वे किया है।
रामशंकर साहू, जिला मलेरिया अधिकारी, मंडला
 

Created On :   4 Sep 2021 12:17 PM GMT

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