उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा- जाति वैधता प्रमाणपत्र समितियों को पारदर्शी बनाने लाएंगे नई नीति  

Deputy Chief Minister Fadnavis said- will bring a new policy to make caste validity certificate committees transparent
उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा- जाति वैधता प्रमाणपत्र समितियों को पारदर्शी बनाने लाएंगे नई नीति  
घोषणा उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा- जाति वैधता प्रमाणपत्र समितियों को पारदर्शी बनाने लाएंगे नई नीति  

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश सरकार जाति वैधता प्रमाणपत्र समितियों के कामकाज में पारदर्शिता लाने के लिए एक नई नीति बनाएगी। इसके लिए सरकार वरिष्ठ अधिकारियों के स्तर की एक समिति बनाएगी। उस समिति की सिफारिशों के अनुसार कामकाज में पारदर्शिता लाने के लिए नई नीति बनाई जाएगी। विधान परिषद में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने यह घोषणा की है। शुक्रवार को प्रश्नकाल के दौरान भाजपा सदस्य रमेश पाटील ने अनुसूचित जाति को जाति वैधता प्रमाणपत्र देने के काम में भ्रष्टाचार होने को लेकर सवाल पूछा था। इसके जवाब में उपमुख्यमंत्री ने नाराजगी जताते हुए कहा कि राज्य की जाति वैधता प्रमाणपत्र समितियां भ्रष्टाचार का अड्डा बन गई हैं। जाति वैधता प्रमाणपत्र समितियां अदालत के अलग-अलग आदेश का संरक्षण लेकर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करती हैं। इसलिए समितियों के कामकाज को पारदर्शी बनाना आवश्यक है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में जाति वैधता प्रमाणपत्र समितियों की संख्या सीमित है। इसके मद्देनजर जाति वैधता प्रमाणपत्र समितियों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी। वहीं जाति वैधता प्रमाणपत्र समितियों में कई सालों से एक ही जगह काम करने वाले अधिकारियों के तबादले के बारे में फैसला लिया जाएगा। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे अधिकारियों द्वारा बताया जाता  है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के कारण अतिरिक्त आयुक्त स्तर के अधिकारी की अध्यक्षता में जाति वैधता प्रमाणपत्र समितियां बनाई जा सकती हैं। लेकिन मैंने देश के कई राज्यों की समितियों का अध्ययन किया है। किसी भी राज्य में ऐसा नहीं है। इसलिए कभी-कभी मुझे लगता है कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला केवल महाराष्ट्र के लिए लागू है क्या ? उपमुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार समिति के गठन के संबंध में सुप्रीम कोर्ट की ओर से दिए गए आदेश का भी अध्ययन करेगी। इसके बाद नई नीति बनाते समय यदि जरूरत पड़ी तो सरकार अदालत में भी जाएगी।   

जाति प्रमाणपत्र के लिए विधायक से मांगे थे 2 करोड़

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि विधानसभा के एक विधायक से जाति वैधता प्रमाणपत्र समिति ने जाति प्रमाणपत्र देने के लिए 2 करोड़ रुपए का मांगा था। वहीं एक अन्य मामले में हाईकोर्ट ने चार सप्ताह में जाति वैधता प्रमाणपत्र देने का आदेश दिया था। लेकिन जाति वैधता प्रमाणपत्र समिति ने संबंधित व्यक्ति को जाति वैधता प्रमाणपत्र नहीं दिया था। 

Created On :   3 March 2023 10:09 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story