10 पुलिस अधिकारियों के तबादले रोकने देशमुख-परब को मिले थे 20-20 करोड़ रुपए

Deshmukh-Parab got 20-20 crores to stop the transfer of 10 police officers
10 पुलिस अधिकारियों के तबादले रोकने देशमुख-परब को मिले थे 20-20 करोड़ रुपए
रुपयों से भरे 16 बैग  10 पुलिस अधिकारियों के तबादले रोकने देशमुख-परब को मिले थे 20-20 करोड़ रुपए

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख और परिवहन मंत्री अनिल परब को 10 पुलिस अधिकारियों के तबादले रोकने के लिए 20-20 करोड़ रुपए मिले थे। बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाझे ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को दिए बयान में यह दावा किया है। यह बयान 100 करोड़ रुपए वसूली मामले में ईडी द्वारा हाल में विशेष पीएमएलए कोर्ट में दायर आरोपपत्र का हिस्सा है। पिछले साल जुलाई महीने में मुंबई के तत्कालीन पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने मुंबई के 10 पुलिस उपायुक्तों के तबादले किए थे। लेकिन देशमुख और परब इससे खुश नहीं थे और बाद में तबादलों को रद्द कर दिया गया था। इसके अलावा वाझे ने ईडी को दिए बयान में यह भी कहा कि उसने अनिल देशमुख के निजी सहायक कुंदन शिंदे को दो बार में नकदी भरे 16 बैग सौंपे थे। बैग में 4 करोड़ 60 लाख रुपए थे। राजभवन के पास स्थित सह्याद्री गेस्ट हाउस के सामने यह पैसे सौंपे गए थे। यह पैसे देशमुख के निर्देश पर मुंबई के बार मालिकों से अवैध रुप से वसूले गए थे। वाझे ने अपने बयान में दावा किया है कि शिंदे पैसे लेने के लिए देशमुख की मर्सिडीज कार से आए थे। वाझे के मुताबिक पहली बार में पांच बैग में भरे 1.6 करोड़ जबकि दूसरी बार में 11 बैग में भरे 3 करोड़ रुपए उसने शिंदे को सौंपे थे।  

अभी देशमुख आरोपी नहीं

ईडी ने मामले में 14 लोगों को आरोपी बनाया है लेकिन आरोपियों में देशमुख का नाम नहीं है। ईडी के आरोपपत्र में सचिन वाझे, देशमुख के निजी सचिव संजीव पलांडे, निजी सहायक कुंदन शिंदे, कुछ शैक्षणिक संस्थाएं चलाने वाले ट्रस्ट के साथ कई सौ करोड़ रुपए की संपत्ति का मालिकाना हक रखने वाली कंपनी का भी नाम है जिसका स्वामित्व देशमुख परिवार के पास है। ईडी के कई बार समन भेजे जाने के बावजूद देशमुख अब तक उसके सामने पेश नहीं हुए हैं। ईडी पूरक आरोपपत्र में देशमुख और उनके परिवार के सदस्यों के नाम शामिल कर सकती है। 

ईडी के मुताबिक अभी साफ नहीं है कि मनी लांडरिंग के इस खेल में देशमुख की क्या भूमिका थी इसलिए आरोपपत्र में उनका नाम नहीं है। जांच में यह साफ हुआ है कि देशमुख परिवार ने कई फर्जी कंपनियां बनाई हैं जो कोई कारोबार नहीं करतीं। 13 कंपनियां देशमुख के परिवार के सदस्यों के नाम जबकि 13 और कंपनियां उनके करीबियों के नाम पर बनाई गईं थीं। इन कंपनियों के जरिए ही पैसों का हेरफेर किया गया।  

वाझे की बहाली के लिए मांगे दो करोड़

वाझे ने अपने बयान में यह भी कहा है कि अनिल देशमुख ने उन्हें पुलिस बल में बहाल करने के लिए दो करोड़ रुपए मांगे थे। पैसे लेने के बाद उन्होंने वाझे की बहाली के लिए राकांपा प्रमुख शरद पवार को इसके लिए मनाने की बात कही थी। बाद में देशमुख ने उसे मुंबई के बारो से हर महीने 100 करोड़ रुपए वसूलने की जिम्मेदारी सौंपी। वाझे के मुताबिक देशमुख ने डीसीपी राजू भुजबल और एसीपी संजय पाटील को अपने सरकारी आवास पर बुलाकर ऐसी ही मांग की थी।

अर्णब की गिरफ्तारी चाहते थे देशमुख

वाझे ने अपने बयान में यह भी दावा किया है कि अनिल देशमुख फर्जी टीआरपी के मामले में रिपब्लिक टीवी के एडीटर इन चीफ अर्णब गोस्वामी को गिरफ्तार कराना चाहते थे। इसके अलावा कार डिजाइनर दिलीप छाबड़िया से जुड़े मामले में भी देशमुख चाहते थे कि उनके पार्टनर से मामले में समझौते के लिए 150 करोड़ रुपए वसूल किए जाए। वाझे के मुताबिक देशमुख उन्हें अलग-अलग मामलों की छानबीन को लेकर दिशानिर्देश देते थे। 

 

Created On :   17 Sept 2021 9:50 PM IST

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