न्यायिक हिरासत में भेजे गए पूर्व गृहमंत्री देशमुख, ठुकराई ईडी की हिरासत में भेजने की मांग 

Deshmukh sent to judicial custody, rejected the demand to send him to ED custody
न्यायिक हिरासत में भेजे गए पूर्व गृहमंत्री देशमुख, ठुकराई ईडी की हिरासत में भेजने की मांग 
मनी लांड्रिंग न्यायिक हिरासत में भेजे गए पूर्व गृहमंत्री देशमुख, ठुकराई ईडी की हिरासत में भेजने की मांग 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। विशेष अदालत ने मनी लांड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार राज्य के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। हालांकि इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने देशमुख को 9  दिन के लिए ईडी की हिरासत में  भेजने  का आग्रह किया। ताकि वह अपनी आगे की जांच को जारी रख सके किंतु न्यायाधीश पीआर सितरे ने ईडी के इस आग्रह  को अस्वीकार कर दियाऔर देशमुख को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।इसके साथ ही अब देशमुख के जमानत का रास्ता साफ हो गया है।

देशमुख  के वकील अनिकेत निकम ने कहा है कि हम शनिवार को कोर्ट की ओर से जारी  किए गए आदेश का अध्ययन करने के बाद जमानत  के लिए आवेदन करेंगे।क्योंकि न्यायिक हिरासत में भेजे जाने के बाद देशमुख जमानत के लिए आवेदन  कर सकते हैं। फिलहाल देशमुख ने जमानत आवेदन नहीं दायर किया है। 

1 नवंबर को लंबी पूछताछ के बाद ईडी ने देशमुख को देर रात  गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद देशमुख को कोर्ट में पेश किया गया था। कोर्ट ने 6 नवंबर तक  के लिए देशमुख को ईडी की हिरासत में भेज दिया था। 

हिरासत आवेदन में ईडी ने क्या कहा

हिरासत आवेदन में ईडी ने दावा किया था कि जांच के दौरान जब देशमुख  का बयान दर्ज करने के लिए उनसे सवाल पूछे गए तो उन्होंने टालमटोल करनेवाले व अस्पष्ट जवाब दिए। जांच के  दौरान पता चला  है कि 27 कंपनिया ऐसी थी जिन पर प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रुप से देशमुख के परिवार का नियंत्रण था। इन कंपनियों का इस्तेमाल देशमुख को अवैध रुप से मिले पैसों को ठिकाने लगाने के लिए किया गया।

वाझे का बयान दर्ज करने ईडी  ने दायर किया आवेदन

हिरासत आवेदन के मुताबिक आरोपी देशमुख के निर्देश पर बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाझे ने मुंबई के बार मालिकों से पैसों की वसूली में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसलिए ईडी ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी की विशेष अदालत में 5 नवंबर 2021 को एक आवेदन दायर कर वाझे का बयान दर्ज करने की अनुमति के लिए आवेदन दायर किया है। ताकि जांच के दौरान ईडी को मिले दस्तावेज व देशमुख के बयान के आधार पर जांच को तेजी से पूरा कर उसे एक तार्किक निष्कर्ष तक पहुंचाया जा सके।ईडी ने कोर्ट में कहा कि देशमुख जांच में सहयोग नहीं कर रहे है और जरुरी जानकारी नहीं दे रहे  है।इसलिए देशमुख को नौ दिनों के  लिए ईडी  की हिरासत में भेजा  जाए। 

हिरासत आवेदन में कहा गया है कि जांच के दौरान देशमुख से नागपुर स्थिति साई शिक्षण संस्थान से उनके संबंधों  को लेकर भी सवाल किया गया। एक सवाल के जवाब देशमुख ने कहा कि वे ट्रस्ट  के चेयरमैन जरुर थे लेकिन उन्हें उसके वित्तीय  लेनदेन के बारे में जानकारी नहीं थी। ट्रस्ट को मिली रकम के बारे में देशमुख  ने कहा  है  कि ट्रस्ट  को कर्ज के रुप में रकम मिली  थी और कंपनियों ने अपनी सामाजिक जिम्मेदारी(सीएसआर) के तहत ट्रस्ट को निधी दी थी। ईडी दावा किया है कि देशमुख ट्रस्ट  की गतिविधियों से जुड़े थे। 

घूस के रुप में मिले थे 4 करोड़ 70 लाख 

हिरासत आवेदन में कहा गया है कि जांच में पता चला है  कि पूर्व गृहमंत्री देशमुख को बार मालिकों से वूसल किए गए चार करोड़ 70 लाख रुपए घूस  के  रुप में  मिले थे। इस पैसे का इस्तेमाल देशमुख के बेटे ने किया  है। इसके अलावा छुट्टियों के चलते ईडी को कुछ दस्तावेज नहीं मिल सके हैं। इसलिए मनी लांड्रिंग के आरोपों को लेकर देशमुख की भूमिका की जांच करनेके  लिए ईडी को उनकी  हिरासत की जरुरत है। इसलिए इसे बढाया जाए। वहीं देशमुख की ओर से पैरवी रहे वकील ने कहा कि ईडी के हिरासत आवेदन में कुछ नई  बात  नहीं है। उसकी  जांच  पूरी हो चुकी है। इसलिए अब उनके मुवक्किल को ईडी की हिरासत  में न भेजा जाए। इन दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने देशमुख को न्यायिक हिरासत में भेज दिया। 


देशमुख के  बेटे  के जमानत आवेदन पर 12 नवंबर को सुनवाई

मनी लांड्रिंग  से जुड़े मामले में गिरफ्तारी की आशंका को देखते हुए पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के बेटे ऋषिकेष  देशमुख  ने विशेष अदालत  में अग्रिम जमानत आवेदन दायर किया  है। लेकिन कोर्ट ने इस पर कोई अंतरिम आदेश जारी करने से इनकार करते हुए जमानत आवेदन पर 12 नवंबर को सुनवाई रखी  है। आवेदन में देशमुख के बेटे ने कहा  है कि अब तक ईडी ने उन्हें जो समन भेजे  हैं, उसमे उन्हें संदिग्ध आरोपी दर्शाया है। इसलिए उन्हें इस मामले में गिरफ्तारी  से राहत दी  जाए।  इस दौरान ईडी ने जमानत आवेदन पर जवाब  देने के लिए समय की मांग की।  

Created On :   6 Nov 2021 7:47 PM IST

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