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पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख को नहीं मिली जमानत, जमानत आवेदन खारिज
डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य के पूर्व गृहमंत्री और वरिष्ठ राकांपा नेता अनिल देशमुख को मुंबई की विशेष अदालत ने मनी लांड्रिंग मामले में डिफाल्ट जमानत देने से इनकार कर दिया है। देशमुख को प्रवर्तन निदेशालय ने पिछले साल 2 नवंबर को गिरफ्तार किया था। ईडी का दावा है कि बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाझे ने दिसंबर 2020 से मार्च 2021 के बीच जो जबरन वसूली की थी उसके मुख्य लाभार्थी देशमुख ही थे।
विशेष न्यायाधीष आरएन रोकडे ने देशमुख की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें दावा किया गया था कि वे वैधानिक जमानत यानी डिफॉल्ट बेल के हकदार हैं क्योंकि विशेष अदालत ने दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 167 द्वारा निर्धारित हिरासत की अवधि 60 दिन से ज्यादा हो गई है। देशमुख के वकील के मुताबिक ईडी ने अदालत को गुमराह कर 60 दिन से ज्यादा समय की हिरासत ली। देशमुख की 60 दिन की हिरासत 2 जनवरी को ही पूरे हो गए जबकि 27 दिसंबर 2021 को उनकी हिरासत 9 जनवरी 2022 तक बढ़ा दी गई जो कानूनी रूप से अवैध है।
देशमुख के वकील का तर्क था कि पहली रिमांड को छोड़कर 60 दिन की अवधि समाप्त हो गई है, पर अदालत ने अभी आरोपपत्र को संज्ञान में नहीं लिया है। इसलिए धारा 167 के तहत देशमुख डिफॉल्ट जमानत के हकदार हैं। ईडी की ओर से तर्क दिया गया कि आरोपपत्र और पूरक आरोपपत्र दाखिल होने के बाद अदालत डिफॉल्ट जमानत पर विचार नहीं कर सकती। अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने अदालत को बताया कि देशमुख के खिलाफ पूरक आरोपपत्र 29 दिसंबर 2021 को दाखिल किया गया था। यह समय 2 नवंबर को हुई गिरफ्तारी से 60 दिन से कम था। बता दें कि देशमुख पिछले साल 15 नवंबर से न्यायिक हिरासत में हैं और मुंबई की ऑर्थर रोड जेल में बंद हैं।
Created On :   18 Jan 2022 2:13 PM IST