विपक्ष की आंखों के आगे अंधेरा इसलिए नहीं दिख रहे सरकार के विकास के काम
डिजिटल डेस्क, मुंबई। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने विपक्ष पर पलटवार करते हुए कहा कि उनकी आंखों के आगे अंधेरा छाया हुआ है इसलिए सरकार द्वारा किए जा रहे विकास कार्य नजर नहीं आ रहे हैं। राज्यपाल रमेश बैस के अभिभाषण पर चर्चा का जवाब देते हुए शिंदे ने कसबा पेठ सीट पर भाजपा की हार के बाद उठ रहे सवालों का भी जवाब दिया उन्होंने कहा कि हार से हमें कुछ सबक मिले हैं। साथ ही उत्तर प्रदेश का उदाहरण देते हुए कहा कि भाजपा जहां उपचुनाव हारती है वहां आमचुनावों में भारी बहुमत से जीत हासिल करती है। पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर भी शिंदे ने तंज कसा और कहा कि डिस्टेंस एजुकेशन तो सुना था लेकिन पहली बार डिस्टेंस एडमिनिस्ट्रेशन देखने को मिला। विधानसभा में विपक्ष के नेता अजित पवार भी शिंदे के निशाने पर रहे। उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद थी कि आप सरकार के कामकाज को लेकर सवाल उठाएंगे और चर्चा करेंगे लेकिन आपका भाषण राजनीतिक था। शिंदे ने पवार से कहा कि आप कट्टर शिवसैनिक मत बनिए। आप शिवसेना (उद्धव गुट) के प्रवक्ता बन गए हैं। दूसरों को उनका काम करने दीजिए। शिंदे ने कहा कि कसबा पेठ की जीत को आप जनता की जीत बता रहे हैं लेकिन यह मत भूलिए कि आम लोगों ने ही आपको पिंपरी चिंचवड में हराया है।
लोग मिलने आते हैं इसलिए चाय पान पर ज्यादा खर्च
मुख्यमंत्री शिंदे ने अपने भाषण के दौरान महायुति सरकार की उपलब्धियों का बखान किया, साथ ही नेता प्रतिपक्ष अजित पवार और विपक्ष के नेताओं के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि वर्षा बंगले पर चाय-पान के खर्च को लेकर उठाए गए लेकिन असल में पिछले ढाई साल तक वर्षा बंगला आम लोगों के लिए बंद था, हमारी आम लोगों की सरकार है, इसलिए राज्य भर से बहुत सारे लोग मिलने आते हैं। उनसे चाय-पानी पूछना महाराष्ट्र की संस्कृति है। दावोस दौरे पर 40 से 50 करोड़ रुपए के खर्च को लेकर उठाए गए सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सच है कि दौरे पर 20 से 25 करोड़ रुपए खर्च हुए। इस बार भारत के पैवेलियन के ठीक बगल में महाराष्ट्र का पैवेलियन का था, वहां कई राष्ट्रध्यक्ष पहुंचे। पिछली बार मध्यप्रदेश की पैवेलियन में महाराष्ट्र का एक टेबल कुर्सी दे दी गई थी। पिछली बार दावोस में दिल्ली की एक कंपनी से 50 हजार करोड़ रुपए के एमओयू साइन किए गए, लेकिन हकीकत में एक पैसे का निवेश नहीं हुआ।
हमारा नारा संकुचित नहीं
करीब 80 मिनट के भाषण में मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले सिर्फ मेरा परिवार, मेरी जवाबदारी की घोषणा की गई, लेकिन हमारा नारा इतने तक सीमित और संकुचित नहीं है। हमारा नारा है, मेरा महाराष्ट्र-गतिमान महाराष्ट्र। हम छोटे पर विचार नहीं करते। वे विपक्ष की तरफ से विज्ञापनों पर उठाए गए सवालों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने विपक्ष से कहा कि आपको हमारा कामकाज दिखाई नहीं दे रहा है। हम महाराष्ट्र की अलग तस्वीर पेश रहे हैं। हम चुनावों को ध्यान में रखकर कोई काम नहीं करते। चुनाव आएंगे, चुनाव जाएंगे, लेकिन हमारे काम रुकेंगे नहीं।
तो विपक्ष का नेता पद भी असंवैधानिक
ठाकरे पर तंज कसते हुए शिंदे ने कहा कि हमारे कार्यों से जिनके पेट में दर्द हो रहा है, उनके लिए हमने बाला साहेब ठाकरे आपले दवाखाना खोले हैं, इनमें डॉक्टर तैनात किए गए हैं, हां कंपाउंडर नहीं है। देशद्रोही वाली अपनी टिप्पणी पर सफाई देते हुए शिंदे ने कहा कि पूर्व मंत्री नवाब मलिक पर देशद्रोह की धारा के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है। उनके दाऊद इब्राहिम की बहन हसीना पारकर से संबंध थे। मलिक ने दाऊद के लोगों से व्यवहार किया, ऐसे में उनके लिए यह टिप्पणी थी। अजित पवार की तरफ इशारा करते हुए शिंदे ने कहा कि आपने हमें महाराष्ट्र द्रोही कहा, हमारी सरकार को असंवैधानिक बताया, लेकिन हमारी सरकार पूरी तरह कानूनी है। उन्होंने अजित पवार से सवाल किया कि यदि हमारी सरकार असंवैधानिक हैं तो क्या आपका नेता प्रतिपक्ष भी असंवैधानिक है।
एक सीट पर जीत से भूले तीन राज्यों की हार
अजित पवार के कसबा पेठ उपचुनाव के दौरान रोड शो करने पर किए गए कटाक्ष का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं तो खुले आम घूम रहा था, दादा उस वक्त आप गाड़ियां बदल रहे थे। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने पूरे देश में रोड शो किया और भाजपा की तीन राज्यों में सरकार बन गई। कसबा पेठ में भाजपा की हार और कांग्रेस की जीत पर उद्धव ठाकरे के खुशी व्यक्त करने पर शिंदे ने कहा कि वे कांग्रेस के चुनाव जीतने पर इतने खुश हो गए। उन्हें तीन राज्यों में भाजपा की जीत नजर नहीं आई। वे तो पूरे देश में जीतने का ख्वाब देख रहे हैं।
Created On :   3 March 2023 10:13 PM IST