सीवेज पाइपलाइन फूटी, अधिकारियों को जानकारी तक नहीं

Dirt in the municipal premises - sewage pipeline burst, officials are not even aware
सीवेज पाइपलाइन फूटी, अधिकारियों को जानकारी तक नहीं
नागपुर मनपा परिसर में गंदगी सीवेज पाइपलाइन फूटी, अधिकारियों को जानकारी तक नहीं

डिजिटल डेस्क, नागपुर। स्वच्छ भारत अभियान के सर्वेक्षण के लिए महानगरपालिका प्रशासन पुरजोर प्रयास कर रहा है। शौचालयों की संख्या को बढ़ाने, कचरा संकलन प्रक्रिया को मजबूत करने और सीवेज ट्रीटमेंट को प्राथमिकता दी जा रही है, ताकि शहर को अव्वल क्रमांक प्राप्त किया जा सके। बावजूद इसके मनपा के भीतर ही गंदगी को दूर करने का प्रयास नहीं हो पा रहा है। नगररचना विभाग में पाइपलाइन की चोकिंग से सभी फ्लोर में बदबू और गंदगी हो गई थी। जैसे-तैसे इस लीकेज की दुरुस्ती हो गई, लेकिन इसी इमारत के बाहरी हिस्से में सीवेज की पाइपलाइन भी फूट गई है। जिसके चलते पूरे इलाके में गंदगी और बदबू फैल रही है, लेकिन लोककर्म विभाग सहित प्रशासन के आला-अधिकारी दुरुस्ती को लेकर कोई भी प्रयास नहीं कर रहे हैं। इमारत दुरुस्ती और देखभाल विभाग के अधिकारियों को तो पाइपलाइन फूट जाने की खबर तक नहीं है। 

इमारत देखभाल के दस्तावेज नदारद

इमारत की देखभाल के दस्तावेज लोककर्म विभाग में मौजूद नहीं है। लोककर्म विभाग के अंतर्गत इमारत दुरुस्ती और देखभाल विभाग को पुरानी और नई इमारत की देखभाल की जिम्मेदारी दी गई है। पिछले 2 साल से इस विभाग के कनिष्ठ अभियंता को लेकर खासी रस्साकशी हो रही है। अप्रैल 2019 में अभियंता राकेश झाड़े का स्थानांतरण धरमपेठ जोन में होने के बाद पदभार अनंता मानकर को सौंपा गया, लेकिन अभियंता मानकर को ठेकेदार पंजीयन प्रक्रिया का भी अतिरिक्त पदभार सौंप दिया गया। अभियंता अनंता मानकर ने राकेश झाड़े को इमारत की दुरुस्ती देखभाल के दस्तावेज नहीं सौंपे, इसकी शिकायत भी आला-अधिकारियों से की गई। 6 माह पहले आयुक्त बंगले में लापरवाही को लेकर अभियंता मानकर से पदभार लेकर राहुल देशमुख को सौंपा गया, लेकिन राहुल देशमुख के पास भी अतिरिक्त पदभार होने से सप्ताह भर पहले हॉटमिक्स प्रयोगशाला के अभियंता मिलिंद गव्हार्ले को दिया गया। अभियंताओं की आपसी रस्साकशी में पूरी तरह से इमारत देखभाल की अनदेखी हो रही है। 

तत्काल दुरुस्ती के दिए गए थे निर्देश

मनपा की मुख्य प्रशासकीय इमारत मेंं आयुक्त के केबिन के समीप एक बार फिर से सीवेज पाइपलाइन लीकेज हो गई है। इस पाइपलाइन से गंदगी आकर जमा होने से बदबू फैल रही है। इतना ही नहीं, सीवेज के नाले तक जाने वाली पाइपलाइन भी अब पूरी तरह से बंद हो चुकी है। हैरानी यह है कि रोजाना कार्यालय में आने के लिए इसी स्थान से गुजरने वाले अधिकारियों को पाइपलाइन के लीकेज के बारे में खबर तक नहीं लग पाई है। लोककर्म विभाग की कार्यकारी अभियंता सोनाली चव्हाण को जानकारी देने पर कनिष्ठ अभियंता मिलिंद गव्हार्ले को तत्काल दुरुस्ती का निर्देश दिया। पाइपलाइन के लीकेज की जांच के लिए 7 माले के सभी कार्यालयों के बाथरूम की जांच करनी होगी। 

कैसे होगी जांच और दुरुस्ती

पिछले पांच साल में नई इमारत की दुरुस्ती पर भी करोड़ों का खर्च हो चुका है। बावजूद इसके इमारत में कई जगहों पर लीकेज के चलते पीओपी गिरने और इमारत का स्ट्रक्चर कमजोर पड़ चुका है। साल भर पहले भी इमारत की पाइपलाइन की लीकेज से परेशानी होती रही है। इस दुरुस्ती के लिए लॉकडाउन का करीब दो माह तक इंतजार किया गया, लॉकडाउन लगने के बाद पूरी पाइपलाइन को बदलने का दावा प्रशासन ने किया था। पाइपलाइन के लीकेज को दुरुस्त करने के लिए 7 माले के प्रत्येक कार्यालय के शौचालय की जांच करनी पड़ेगी। इस लीकेज के मिलने के बाद पाइपलाइन को बदलकर सूखने के लिए भी इंतजार करना होगा। 

दुरुस्ती के लिए समय लगेगा, जांच के बाद ही लीकेज पता चलेगा 

सोनाली चव्हाण, कार्यकारी अभियंता, लोककर्म विभाग के मुताबिक नई प्रशासकीय इमारत के बाहरी हिस्से में सीवेज की पाइपलाइन फूट गई है। जिसके चलते गंदगी जमा हो रही है। पूरे 7 माले के हर विभाग की पाइपलाइन की जांच करने पर ही लीकेज को पता किया जा सकता है। संबंधित अभियंता को निर्देश दिया गया है। 

Created On :   18 Jan 2022 3:49 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story