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मराठी भाषा पर चर्चा के दौरान नाराज हुए रावते, 52 विधायको में 33 ने अंग्रेजी में किए हस्ताक्षर
डिजिटल डेस्क, मुंबई। अंग्रेजी भाषा के इस्तेमाल को लेकर प्रदेश के परिवहन मंत्री दिवाकर रावते ने विधान परिषद के सदस्यों को आड़े हाथों लिया। सोमवार को रावते ने शिवसेना समेत सदन के दूसरे सदस्यों को खरी खोटी सुनाई। रावते ने कहा कि सदन में मराठी भाषा पर चर्चा हो रही है लेकिन मेरे पास विधान परिषद से सदन में आने वाले सदस्यों के हस्ताक्षर की सूची है। बीते 17 जून को विधान परिषद सदन में आने के लिए 52 सदस्यों ने हस्ताक्षर किया था। इसमें से केवल 19 सदस्यों ने मराठी भाषा में हस्ताक्षर किया था जबकि 33 सदस्यों ने अंग्रेजी भाषा में हस्ताक्षर किया था। रावते ने कहा कि शिवसेना के सदन में 12 सदस्य हैं। लेकिन सदन में में थपथपाने वाले 6 सदस्यों ने भी अंग्रेजी में हस्ताक्षर किये हैं। रावते ने कहा कि अपने घर की गलती दिखाए बिना सुधार कैसे होगा। रावते ने कहा कि सरकारी कर्मचारियों को अपना नाम मराठी में लिखना चाहिए। यदि हमें ही अंग्रेजी भाषा के इस्तेमाल को लेकर इतना उत्साह होगा तो लोग मराठी भाषा को क्यों स्वीकार करेंगे।
12 वी तक मराठी अनिवार्य करने अध्यादेश लाएगी सरकार: तावड़े
इससे पहले सदन में मराठी भाषा को लेकर नियम 97 के तहत हुए अल्पकलीन चर्चा पर उच्च शिक्षा मंत्री विनोद तावडे ने जवाब दिया। तावडे ने कहा कि राज्य के सभी बोर्ड के स्कूलों में कक्षा 10 अथवा 12 वीं तक मराठी भाषा को अनिवार्य करने को लेकर राज्य सरकार अध्यादेश जारी करेगी। मराठी भाषा की सख्ती को लेकर अध्यादेश का मसौदा तैयार करने के लिए विशेषज्ञों की समिति गठित की जाएगी। तावडे ने कहा कि मराठी भाषा को अभिजात भाषा का दर्जा देने संबंधी प्रस्ताव केंद्रीय मंत्रिमंडल में जल्द आने की उम्मीद है। तावडे ने कहा कि मुंबई में मराठी भाषा भवन बनाने का प्रस्ताव है। प्रमुख रूप से रंगभवन में भवन बनाने का सुझाव आ मिले हैं। लेकिन रंगभवन की जगह हेरिटेज श्रेणी में आता है। इसलिए हेरिटज का दर्जा हटाने के लिए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने निर्देश दिया है। इसके साथ ही वैकल्पिक जगह के बारे में भी विचार किया जा रहा है।
Created On :   1 July 2019 4:26 PM GMT