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विवाह की उम्र पर हुई चर्चा - होगा मानसिक, शारीरिक और बौद्धिक विकास - फेसबुक लिंक पर लाइव देखें
डिजिटल डेस्क, नागपुर। दैनिक भास्कर के वुमन भास्कर क्लब द्वारा अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की पूर्व "सौभाग्यवती" विवाह की उम्र पर चर्चा-सत्र का आयोजन किया गया। सोमवार 7 मार्च को दोपहर 2 बजे दैनिक भास्कर कार्यालय, ग्रेट नाग रोड में सत्र के दौरान इस विषय पर चर्चा हुई। युवतियों के विवाह की उम्र 18 से बढ़ाकर 21 साल करने के कैबिनेट प्रस्ताव पर सभी ने सहमति जताई। युवतियों के विवाह की उम्र 18 से बढ़ाकर 21 वर्ष कर दी गई, तो इससे उनका मानसिक, शारीरिक, बौद्धिक, भावनात्मक विकास होगा। जिससे वो अपनी तथा अपने परिवार की जिम्मेदारी निभाने में भी सक्षम हो जाएंगी। सोशल मीडिया पर यूजर्स FB पेज पर कार्यक्रम LIVE देख सकते हैं।
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21 वर्ष की उम्र में युवतियां आर्थिक रुप से मजबूत हो पाएंगी। जिससे तलाक के आंकड़ों में भी कमी होगी। उक्त विचार दैनिक भास्कर के वुमन भास्कर द्वारा सौभाग्यवती विवाह की उम्र पर विषय पर आयोजित चर्चासत्र में अतिथियों ने व्यक्त किए। इसमें प्रमुख अतिथि जिलाधिकारी विमला आर ने मार्ग दर्शन किया। इस अवसर पर दैनिक भास्कर के डायरेक्टर सुमित अग्रवाल, वुमन भास्कर क्लब की चेयरपर्सन नेहा अग्रवाल, वुमन भास्कर क्लब की अध्यक्ष मीना जैन आदि उपस्थित थी।
केंद्र सरकार ने लड़कियों के विवाह की न्यूनतम कानूनी आयु को 18 साल से बढ़ाकर लड़कों के बराबर 21 साल करने का फैसला किया है। केंद्रीय कैबिनेट ने लड़कों और लड़कियों के लिए शादी की न्यूनतम उम्र एक समान यानी 21 साल करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। युवतियों की विवाह की उम्र 21 होने को लेकर संसद में विधेयक पारित होना बाकी है। 21 वर्ष की आयु में परिपक्वता आ जाती है। यह शारीरिक और स्वास्थ्य की दृष्टि से भी अच्छा रहेगा।
चर्चा सत्र में जिलाधिकारी विमला आर. (प्रमुख अतिथि) का मार्ग दर्शन मिला।
विशेष अतिथि सेवानिवृत्त जज सुमेघा कटियार रहीं। प्रमुख वक्ता के रुप में न्यू ईरा हॉस्पिटल की डायरेक्टर और सीनियर गायनेकोलॉजिस्ट डॉ अर्चना संचेती, भावे इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ की कंसल्टेंट मनोचिकित्सक डॉ नेहा सालनकर तथा आदित्य अनघा मल्टीस्टेट क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड की वाइस चेयरपर्सन अनघा सराफ उपस्थित थी।
टास्क फोर्स की रिपोर्ट
युवतियों की विवाह की उम्र पर अध्ययन करने के लिए केंद्र सरकार ने एक टास्क फोर्स का गठन किया था। इस टास्क फोर्स ने 16 विश्वविद्यालयों और 15 एनजीओ से मिले फीड बैक के आधार पर नीति आयोग को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। इसके लिए विभिन्न क्षेत्रों और समुदाय के 21 से 23 वर्ष के युवाओं से चर्चा कर उनकी राय ली गई थी। सरकार के इस प्रस्ताव को कानून बनाने के लिए कुछ कानूनों में बदलाव करना होगा। इनमें प्रमुख रूप से बाल विवाह निरोधक अधिनियम 2006 सहित विशेष विवाह अधिनियम और वैयक्तिक कानूनों जैसे हिन्दू विवाह अधिनियम 1955 आदि में संशोधन करना होगा। हालांकि कुछ लोगों का तर्क है कि यह जनसंख्या नियंत्रण का एक प्रयास है। जानकारों का कहना है कि इस समय देश की टोटल फर्टिलिटी रेट (टी एफ आर) 2.0 है। इसलिए ऐसा मानना गलत है।
Created On :   6 March 2022 3:13 PM IST