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अन्ना हजारे के खिलाफ होगा आंदोलन
डिजिटल डेस्क, मुंबई। देश में बढती मंहगाई, बेरोजगारी व कृषि कानून से जुड़ी किसानों की परेशानी के मुद्दे पर सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे के मौन को देखते हुए ‘देश बचाओ जन आंदोलन समिति’ ने असंतोष व्यक्त किया है। हजारे जल्द ही अपनी भूमिका को स्पष्ट करे अन्यथा समिति हजारे के खिलाफ अपने तरीके से असंतोष व्यक्त करेंगी। इस तरह से समिति ने हजारे के खिलाफ आंदोलन करने का संकेत दिया हैं। समिति के समन्वयक मुकुंद काकडे ने सोमवार को पुणे में कहा है कि देश में डीजल व पेट्रोल की मंहगाई से नागरिक परेशान हैं। किसानों का संकट बढ रहा है। फिर भी सामाजिक कार्यकर्ता हजारे केंद्र की मोदी सरकार के बारे में एक शब्द नहीं बोल रहे हैं। यह हमारे उनके खिलाफ असंतोष बढ़ने की बडी वजह बना है। इसलिए हमने इस बारे में हजारे को पत्र लिखा हैं। अभी हम 15 दिन इंतजार करेंगे। फिर उनसे राळेगण सिद्धी में मुलाकात के लिए समय लेंगे। मुलाकात के बाद समिति अपनी रणनीति तय करेंगी।
अन्ना के नेतृत्व में सड़कों पर उतर करना चाहते हैं आंदोलन
काकडे ने कहा कि साल 2012 में श्री हजारे ने भ्रष्टाचार के खिलाफ एक आंदोलन खड़ा किया था। जिससे तत्कालीन सरकार के खिलाफ वातावरण तैयार हुआ था। हम फिर से श्री हजारे के नेतृत्व में सड़कों में उतर कर आंदोलन करना चाहते है लेकिन वे पूरी तरह से मौन साधे हुए हैं। यह हमें सालता है। हमें उनके मार्गदर्शन पर पूरा विश्वास हैं। देश के मौजूदा हालात में उनकी निष्क्रियता हमे निराश कर रही है। उन्होंने कहा कि अभी हम अन्ना के विरोध में नहीं हैं लेकिन हम चाहते हैं कि वे केंद्र सरकार के कामकाज को लेकर अपना रुख स्पष्ट करें। अन्यथा हमें अपना असंतोष व्यक्त करना पड़ेगा। पत्रकारों से बातचीत के दौरान श्री काकडे कहा कि हम केंद्र सरकार के खिलाफ बेमियादी आंदोलन करेंगे। इसलिए हम चाहते है कि देश की गंभीर परिस्थिति को लेकर श्री हजारे कुछ बोले। उन्होंने किसी का नाम लिए बगैर कहा कि दो लोग देश बेच रहे हैं और दो लोग देश खरीद रहे हैं। यह गंभीर स्थिति है।
Created On :   17 Aug 2021 3:02 PM IST