प्रदेश के 19 जिलों के 3000 ग्रामों में होगा भू-अधिकार अभिलेख का वितरण प्रधानमंत्री श्री मोदी वर्चुअली शामिल होंगे, मुख्यमंत्री श्री चौहान करेंगे हरदा से कार्यक्रम का शुभारंभ!

प्रदेश के 19 जिलों के 3000 ग्रामों में होगा भू-अधिकार अभिलेख का वितरण प्रधानमंत्री श्री मोदी वर्चुअली शामिल होंगे, मुख्यमंत्री श्री चौहान करेंगे हरदा से कार्यक्रम का शुभारंभ!
भू-अधिकार अभिलेख प्रदेश के 19 जिलों के 3000 ग्रामों में होगा भू-अधिकार अभिलेख का वितरण प्रधानमंत्री श्री मोदी वर्चुअली शामिल होंगे, मुख्यमंत्री श्री चौहान करेंगे हरदा से कार्यक्रम का शुभारंभ!

डिजिटल डेस्क | हरदा आगामी 6 अक्टूबर को प्रदेश के 19 जिलों के 3000 ग्रामों में स्वामित्व योजना के तहत 1.71 लाख हितग्राहियों को अधिकार अभिलेख का वितरण किया जाएगा। राजस्व एवं परिवहन मंत्री श्री गोविन्द सिंह राजपूत ने बताया कि 6 अक्टूबर को जन-कल्याण और सुराज अभियान के तहत हरदा में राज्य स्तरीय कार्यक्रम होगा भौतिक रूप से भूमि अधिकार पत्रों का वितरण होगा। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी कार्यक्रम में वर्चुअली शामिल होंगे। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान कार्यक्रम का शुभारंभ करेंगे। अधिकार-पत्रों का होगा भौतिक वितरण मंत्री श्री राजपूत ने बताया कि प्रधानमंत्री श्री मोदी द्वारा 24 अप्रैल 21 को प्रदेश के 1399 ग्रामों में अधिकार अभिलेख का वितरण कोरोना महामारी के कारण इलेक्ट्रॉनिक रूप में किया गया था, जिसका 6 अक्टूबर को भौतिक रूप से वितरण किया जाएगा।

प्रदेश में इस योजना का क्रियान्वयन तीन चरणों में 10-10 जिलों को शामिल कर क्रमबद्ध रूप से प्रारंभ किया गया हैं। 24 जिलों में 24 ड्रोन बना रहे नक्शे श्री राजपूत ने बताया कि स्वामित्व योजना में सर्वे ऑफ इंडिया की सहायता से ग्रामों में बसाहट क्षेत्र पर ड्रोन के माध्यम से नक्शें का निर्माण तथा डोर-टॅ-डोर सर्वे कर अधिकार अभिलेखों का निर्माण किया जा रहा है। अभी तक प्रदेश के 42 जिलों में सर्वेक्षण की प्रक्रिया प्रारंभ की गई है।24 ड्रोन 24 जिलों में कार्य रह रहे हैं इनमें से 6500 ग्रामों में ड्रोन कार्य पूर्ण कर चुके हैं।

नियमों का किया सरलीकरण मंत्री श्री राजपूत ने बताया कि हितग्राहियों को योजना का अधिक से अधिक लाभ प्रदान करने के लिए सर्वे के नियमों का आज की आवश्यकता के अनुसार सरलीकरण किया गया है। इसके तहत इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेजों को विधिक दस्तावेज का दर्जा, सर्वे को समय सीमा में पूर्ण करना, अभिलेखों को पारदर्शिता के साथ तैयार करना, सर्वे प्रक्रिया को ऑन लाइन करना और एप्प के माध्यम सर्वेक्षक मौके पर धारक का नाम जोड़ सकेंगे। उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया को राष्ट्रीय स्तर पर सराहना मिली और अन्य राज्यों ने इसे अपने यहाँ लागू करने के लिए प्रक्रिया का अवलोकन भी किया है।

Created On :   5 Oct 2021 10:55 AM GMT

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