जिला दण्डाधिकारी ने नरवाई जलाने पर लगाया प्रतिबंध

District Magistrate banned the burning of Narwai
जिला दण्डाधिकारी ने नरवाई जलाने पर लगाया प्रतिबंध
पन्ना जिला दण्डाधिकारी ने नरवाई जलाने पर लगाया प्रतिबंध

डिजिटल डेस्क, पन्ना।कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी संजय कुमार मिश्र ने दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के तहत तत्काल प्रभाव से पन्ना जिले में गेहूं और अन्य फसलों के डंठलों, नरवाई में आग लगाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। इस संबंध में जारी आदेश में उल्लेख किया गया है कि वर्तमान में गेहूं की फसल कटाई का कार्य मुख्यत: कम्बाइन्ड हार्वेस्टर द्वारा किया जाता है। और कटाई के बाद बचे हुए गेहूं के डंठलों नरवाई से भूसा नहीं बनाकर इसे जलाया जाता है। जबकि भूसे की आवश्यकता पशु आहार के साथ ही अन्य वैकल्पिक रूप में की जा सकती है। ईंट भट्टा सहित अन्य उद्योगों में इसका उपयोग किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त भूसे की मांग अन्य जिलों और प्रदेश में रहती है। पर्याप्त मात्रा में भूसा.पैरा उपलब्ध न होने के कारण पशु अन्य हानिकारक पदार्थ जैसे पॉलिथीन इत्यादि खाकर बीमार होते हैं और अनेक बार मृत्यु के कारण पशुधन की हानि भी होती है। नरवाई का भूसा कुछ माह बाद दोगुनी दर पर विक्रय होने के कारण किसानों को यही भूसा बढ़ी हुई दर पर क्रय करना पड़ता है।। उपरोक्त परिस्थितियों के अतिरिक्त नरवाई में आग लगाना कृषि के लिए नुकसानदायक होने के साथ ही पर्यावरण की दृष्टि से भी हानिकारक है। इसके कारण गंभीर स्वरूप की अग्नि दुर्घटना होने से संपत्ति की हानि भी होती है। ग्रीष्मकाल में बड़ते जल संकट में बढोत्तरी का कारक होने के साथ ही कानून.व्यवस्था के लिए विपरीत परिस्थितियां निर्मित होती हैं। इसके अलावा खेत की आग के अनियंत्रित होने पर जनए धन, संपत्ति ,प्राकृतिक, वनस्पति और जीव-.जन्तु नष्ट होने से व्यापक नुकसान भी होता है। इसके अलावा नरवाई जलाने से खेत की मिट्टी में प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले लाभकारी सूक्ष्म जीवाणु नष्ट होने के कारण खेत की उर्वरा शक्ति घट जाती है और उत्पादन प्रभावित होता है।  खेत में  कचरा, भूसा, डंठल सडऩे के बाद भूमि को प्राकृतिक रूप से उपजाऊ बनाते हैं। इन्हें जलाकर नष्ट करना ऊर्जा नष्ट करने जैसा है। आग लगाने से हानिकारक गैसों का उत्सर्जन भी होता है। जिससे पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव पडता है।  जिला दण्डाधिकारी द्वारा उपरोक्त परिस्थितियों के दृष्टिगत जनसामान्य के हितए सार्वजनिक संपत्ति की सुरक्षा पर्यावरण की हानि रोकने तथा लोक व्यवस्था बनाए रखने के उद्देश्य से प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया गया है। इसके साथ ही प्रत्येक कम्बाइन्ड हार्वेस्टर के साथ भूसा तैयार करने के लिए स्ट्रा.रीपर अनिवार्य रूप से रखने के लिए निर्देशित किया गया है। इसी तरह संबंधित कृषक द्वारा स्ट्रारीपर से भूसा तैयार करने के लिए सहमत होने पर ही हार्वेस्टर से फसल की कटाई की जा सकेगी। आदेश के उल्लंघन पर भारतीय दण्ड संहिता  की धारा 188 के तहत दण्डनीय कार्यवाही होगी।
 

Created On :   21 March 2022 11:55 AM IST

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