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6 हजार रू. की रिश्वत लेते जिला अस्पताल का सर्जन गिरफ्तार - लोकायुक्त जबलपुर की कार्रवाई

डिजिटल डेस्क मंडला। जिला अस्पताल में सर्जन डॉ सुनील यादव को लोकायुक्त जबलपुर टीम ने छह हजार की रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़ा है। डॉक्टर ने एक ग्रामीण से उसके पिता का हर्निया का ऑपरेशन के लिए रूपए की मांग की थी। ऑपरेशन कल हो चुका था लेकिन रूपए आज घर में ले रहे थे। लोकायुक्त ने डॉक्टर पर भ्रष्टाचार अधिनियम के विभिन्न धाराओं के तहत कार्रवाई की है।
आयुष्मान कार्डधारी से मांगे दस हजार रू.
बताया गया है कि जिला अस्पताल मंडला में पदस्थ सीएस डॉ सुनील यादव स्वास्थ्य सेवा और उपचार के लिए वेतन के अलावा गरीब मरीजो से अलग से शुल्क के नाम पर वसूली कर रहे है। मुड़ाडीह बकौरी निवासी प्रमोद कुमार नरेती अपने पिता सोनू लाल नरेती 65 वर्ष को बीमारी की हालत में 13 सितंबर को जिला अस्पताल लेकर आया, जिसकी हालत देखते हुए उसे भर्ती कर लिया। दूसरे दिन 14 सिंतबर को सोनू लाल की जांच की गई। जिसमें हार्निया की शिकायत सामने आई। जिला अस्पताल के सीएस व सर्जन डॉ सुनील यादव ने सोनू लाल के ऑपरेशन करने की बात कही और इसके लिए उन्होने प्रमोद से दस हजार रूपए की मांग की। प्रमोद ने बताया कि उसकी माली हालत ठीक नहीं है। डॉक्टर से काफी देर तक निवेदन आग्रह किया गया लेकिन डॉक्टर ने एक नहीं सुनी। उसने बताया है कि आयुष्मान कार्ड होने का जिक्र किया तो डॉक्टर का कहना था कि आयुष्मान से ऑपरेशन करा लो। जब कुछ भी समझ में नहीं आया तो रूपए देने के लिए तैयार हो गया। गत दिवस 16 सितंबर को सोनू लाल का ऑपरेशन हो गया। इसके बाद रूपए देने की बारी आई तो प्रमोद ने इसकी शिकायत पहले से लोकायुक्त पुलिस को कर दी। यहां लोकायुक्त ने जाल बिछाया और दोपहर के समय डॉ सुनील यादन निवासी रानी अवंती बाई वार्ड के क्लीनिक में छह हजार रूपए लेकर भेजे। जैसे ही रूपए दिए लोकायुक्त ने डॉक्टर को रंगेहाथो पकड़ लिया। कार्रवाई में उपपुलिस अधीक्षक जेपी वर्मा,निरीक्षक मंजू किरण तिर्की आरक्षक अतुल श्रीवास्तव,दिनेश दुबे,शरद पांडे,्रविजय विष्ट,चालक राकेश विश्वकर्मा शमिल रहे।
तीन चिकित्सक पर हो चुकी कार्रवाई
जिला अस्पताल में इस कदर स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित है कि कुछ दवाईयों को छोड़कर पूरा इलाज मरीज को रूपए खर्च ने पड़ रहे है। पिछले चार माह में लोकायुक्त जबलपुर की टीम ने जिला अस्पताल में अब तीन चिकित्सक पर कार्रवाई हो चुकी है। सबसे डॉ मनोज मुराली, डॉ अशोक शर्मा और सीएस डॉ सुनील यादव लोकायुक्त ने मामला दर्ज किया है। इसके अलावा मंडला में एक प्रबंधक और पटवारी को भी पकड़ा गया है।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।